धीरे-धीरे रफ्तार पकडी शिक्षकों के मतदान ने
संभाग के पांचों जिलों में औसत 60 फीसद मतदान हुआ
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प्रत्याशी व समर्थक दिखे उत्साहित
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१ – संभागीय शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में विधान परिषद सीट के लिए मंगलवार 1 दिसंबर को मतदान हुआ. संभाग के पांचों जिलों में बनाये गये 77 मतदान केेंद्रोें पर मंगलवार की सुबह 8 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन शुरूआती दो घंटों के दौरान मतदान की रफ्तार बेहद सुस्त रही. लेकिन 10 बजे के बाद मतदान ने कुछ हद तक रफ्तार पकडनी शुरू की और मतदान का समय समाप्त होने तक करीब 60 फीसद वोट पड चुके थे. इस मतदान की प्रक्रिया को लेकर यह चुनाव लड रहे सभी प्रत्याशियों व उनके समर्थकों में जबर्दस्त उत्साह देखा गया और मतदाधिकार रहनेवाले प्रत्याशियों ने अपने-अपने मतदान केंद्रों पर पहुंचकर वोट डाले. साथ ही सभी मतदान केंद्रों के सामने प्रत्याशियों के समर्थकों द्वारा चुनाव बूथ लगाये गये थे. जहां पर प्रत्याशियों के समर्थकों का अच्छाखासा जमावडा भी था. इन चुनाव बूथ पर मतदाताओं को उनके मतदान क्रमांक व मतदान कक्ष आदि के बारे में आवश्यक जानकारी भी प्रदान की गई.
उपलब्ध आंकडों के मुताबिक मंगलवार की सुबह 10 बजे तक केवल 10.11 फीसदी शिक्षक मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस समय तक कुल 35 हजार 622 मतदाताओं में से मात्र 3 हजार 601 मतदाताओं द्वारा वोट डाले गये थे. वहीं अपरान्ह 12 बजे तक 25.11 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस समय तक 8 हजार 945 शिक्षक मतदाताओं द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया था. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती संभाग में करीब एक तिहाई के करीब हिस्सेदारी रहनेवाली महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत शुरूआती दौर से कुछ कम दिखाई दिया. प्रात: 10 बजे तक 11.17 फीसद पुरूष मतदाताओं ने वोट डाले थे, वहीं महिला मतदाताओं के वोट डालने का औसत 7.21 फीसद रहा. इसके अलावा अपरान्ह 12 बजे तक 26.09 फीसद पुरूष एवं 22.44 फीसद महिला मतदाताओं द्वारा वोट डाले गये थे.
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राजनीतिक दलों के बूथ में नहीं दिखे शिक्षक मतदाता
अमरावती शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के संवाददाताओं से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार यह चुनाव काफी हद तक राजनीतिक रंग में रंगा नजर आया, लेकिन सर्वाधिक उल्लेखनीय बात यह रही कि, राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशी बनाये गये उम्मीदवारों के बूथ पर जहां एक ओर संबंधित दलों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओें की जबर्दस्त भीडभाड देखी गयी, वहीं उस भीड में शिक्षक मतदाता नहीं के बराबर थे. इससे उलट शिक्षक संगठनों के बैनरतले चुनाव लड रहे प्रत्याशियों के चुनावी बूथ पर यद्यपि कोई राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं था. लेकिन शिक्षक मतदाताओं की उपस्थिति अच्छीखासी दिखाई दी. ऐसे में इस बार इस चुनाव में किसी बडे उलटफेर की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. वहीं एक रोचक तथ्य यह भी सामने आया कि, जहां एक ओर शिवसेना व भाजपा प्रत्याशियों के चुनावी बूथ पर उनकी पार्टियोें के पदाधिकारी मौजूद देखे गये, वहीं विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रत्याशी प्रकाश कालबांडे के कुछ चुनावी बूथ पर कांग्रेस के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता देखे गये. वहीं मोर्शी-वरूड तहसील क्षेत्रों में शिक्षण संघर्ष संगठन की प्रत्याशी संगीता शिंदे (बोंडे) के चुनावी बूथों पर भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी देखी गयी. इसके अलावा शिक्षक भारती प्रत्याशी दिलीप निंभोरकर, शिक्षक महासंघ प्रत्याशी शेखर भोयर, महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के राजकुमार बोनकिले, पश्चिम विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के विकास सावरकर, विज्युक्टा के अविनाश बोरडे, अमरावती विभागीय शिक्षक संघ के किरण सरनाईक, महाराष्ट्र शिक्षक आघाडी निलेश गावंडे तथा अन्य कई निर्दलीय प्रत्याशियों के चुनावी बूथ पर शिक्षक मतदाताओं की अच्छीखासी उपस्थिति देखी गयी. इसमें भी पूर्व विधायक प्रा. बी. टी. देशमुख द्वारा समर्थन घोषित किये जाने के बाद विजुक्टा के अविनाश बोरडे के साथ शिक्षकों की मौजूदगी में इजाफा देखा गया.