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ग्रेन कमीशन एजेंट निरंजन बोहरा हुआ फरार

शहर के व्यापारियों को ढाई से तीन करोड की चपत

  •  फसल मंडी ने किया दुकान और कैबीन को सील

  •  कुछ वर्षों से फसल मंडी में कर रहा था काम

  •  एक अडत फर्म की दुकान में बना रखा था अपना कैबिन

  •  सी-विंग में 12 नंबर की दुकान में रिध्दी ट्रेडर्स नाम से करता था व्यवसाय

  •  फरारी से पहले बैंक अकाउंट भी किए बंद, मोबाईल स्वीच ऑफ

  •  इन दिनों नागपुर के धरमपेठ में होने की आशंका

  •  पुलिस के पास अब तक शिकायत नहीं, मंडी प्रशासन ही कर रहा जांच

अमरावती/प्रतिनिधि दि.30 – स्थानीय फसल मंडी के सी-विंग की दुकान क्रमांक 12 में रिध्दी ट्रेडर्स के नाम से ग्रेन मर्चंट के तौर पर व्यवसाय करनेवाला निरंजन देवीलाल बोहरा नामक व्यापारी यहां के अन्य व्यापारियों को करीब ढाई से तीन करोड रूपयों की चपत लगाकर फरार हो गया है. इससे संबंधीत शिकायत मिलते ही मंडी प्रशासन द्वारा रिध्दी ट्रेडर्स नामक दुकान एवं निरंजन बोहरा के कैबिन को सील कर दिया गया है. हालांकि अब तक किसी भी अडत व्यवसाई या मंडी प्रशासन द्वारा इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है. बल्कि मंडी प्रशासन द्वारा मामले की जांच अपने स्तर पर की जा रही है.
पता चला है कि, सरस्वती नगर परिसर में रहनेवाले निरंजन बोहरा ने कुछ वर्ष पूर्व स्थानीय फसल मंडी में कमिशन एजेंट के तौर पर काम करना शुरू किया था और यहां के सी-विंग में स्थित दुकान क्रमांक 12 में अडत व्यवसाय करनेवाले मे. महेशकुमार नारायणदास की दुकान में अपना कैबिन बनाते हुए रिध्दी ट्रेडर्स के नाम से अपना काम शुरू किया था. निरंजन बोहरा द्वारा फसल मंडी के कई अडत व्यवसाईयों से किसानों की उपज को खरीदा जाता था. इस तरह के व्यवसाय में अडत व्यवसाईयों द्वारा किसानों को लगभग तुरंत ही भुगतान कर दिया जाता है, वहीं खरीददार से पेमेंट आने में करीब 15 दिनों का समय लगता है. निरंजन बोहरा के साथ भी कई अडत व्यवसायियों का व्यवहार ऐसा ही चल रहा था. किंतु विगत कुछ दिनों से निरंजन बोहरा ने अडत व्यवसायियोें का भुगतान अटकाना शुरू कर दिया. साथ ही अडत व्यवसायियों द्वारा बकाया भुगतान के लिए तगादा लगाये जाने पर उसने टालमटोलवाले जवाब देने शुरू किये और जब बकाया भुगतान की रकम करीब ढाई से तीन करोड रूपयों के आसपास जा पहुंची, तो उसने अमरावती से अपना बोरिया-बिस्तर समेट लिया तथा पत्नी व परिवार सहित फरार हो गया. पता चला है कि, फरार होने से पहले उसने अमरावती में रहनेवाले अपने बैंक अकाउंट से पूरी रकम निकालकर अकाउंट बंद कर दिये और अपने दूसरे अकाउंट में पैसा ट्रान्सफर कर दिया. इसके अलावा उसने अपना मोबाईल फोन भी स्वीच ऑफ कर दिया.
निरंजन बोहरा द्वारा की गई ठगी की बात समझ में आते ही फसल मंडी के अडत व्यवसाईयों में जबर्दस्त हडकंप मच गया और उन्होंने इसकी शिकायत तुरंत मंडी प्रशासन से की. पश्चात मंडी प्रशासन ने इस मामले में जांच और कार्रवाई करते हुए निरंजन बोहरा के कैबिन से आर्थिक लेन-देन के रजिस्टर्ड और रिकॉर्ड जप्त करते हुए उसके कैबिन को सिल कर दिया. साथ ही वहां से 96 बंडल बारदाने भी बरामद किये गये. इस मामले में निरंजन बोहरा को अपनी दूकान में कैबिन हेतु किराये पर जगह देनेवाले मे. महेशकुमार नारायणदास के संचालक कीर्ति गट्टाणी का कहना रहा कि, उनका इस पूरे मामले से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने केवल बोहरा को अपनी दुकान में जगह किराये पर दी थी.

  • मंडी में है धोखाधडी व ठगी की पुरानी परंपरा

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती फसल मंडी में ऐसी धोखाधडी की घटनाएं नियमित अंतराल पर घटित और उजागर होती है. जिसके तहत कोई व्यक्ति यहां के अडत व्यवसाईयों को करोडों रूपयों की चपत लगाकर फरार हो जाता है. पश्चात कुछ अरसे बाद ऐसी घटना की दुबारा पुनरावृत्ति होती है. किंतु ऐसी घटनाओं के चलते यहां के अडत व्यवसाईयोें को हर बार लाखों-करोडों रूपयों का सामना करना पडता है. इस समय भी फसल मंडी के करीब 25 से अधिक अडत व्यवसाईयों को निरंजन बोहरा ने 15 से 20 लाख रूपये की चपत लगायी है. साथ ही अनूप उताने नामक अडत व्यवसाई का निरंजन बोहरा की ओर करीब 70 लाख रूपये बकाया है. इसमें से कई अडत व्यवसाईयों के सामने अब यह सवाल बना हुआ है कि, उन्होंने जो अनाज निरंजन बोहरा को बेचा था, उसका भुगतान वे किसानों को कहां से करे. इसमें से एक अडत व्यवसाई को करीब 19 लाख रूपये किसानों को अदा करना है. इस अडत व्यवसाई ने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए कहा है कि, वे किसानों को रकम अदा करने हेतु अपना खेत बेच देंगे. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, हर बार होनेवाली ठगी की वारदातों में नुकसान केवल अडत व्यवसाईयों का ही होता है.

  •  इन व्यवसाईयों ने दर्ज करायी है शिकायत

ठगबाज निरंजन बोहरा के खिलाफ फसल मंडी के अडत व्यवसायी संतोष परांजपे, नितीन अर्डक, अंकेश बिजोरे, उमेश सगने, अमोल बारसुफे, चंद्रकांत ठाकरे, राजेश ठाकरे, हेमंत डागा, सतीश कावा, ओमप्रकाश लाहोटी, जयप्रकाश सारडा, निलेश देशमुख, राजेंद्र पासिल, मनोज राठी, पुरूषोत्तम अग्रवाल, प्रमोद माथूरकर, राजेश अग्रवाल आदि सहित अन्य कुछ अडत व्यवसाईयों द्वारा मंडी निरीक्षक किरण मकवाने के पास अपनी शिकायत दर्ज करायी गयी है. जिसके संदर्भ में निरीक्षक किरण मकवाने का कहना रहा कि, इस शिकायत को मंडी संचालकों की बैठक में प्रस्ताव के तौर पर रखा जायेगा. जिसके बाद मंडी प्रशासन द्वारा पुलिस थाने में शिकायत देने को लेकर निर्णय लिया जायेगा. हालांकि अडत व्यवसाई चाहे तो अपने स्तर पर भी पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते है.

बाजार समिती के पास कुछ अडत व्यवसाईयों द्वारा शिकायत दी गई है. जिसकी जांच जारी है. साथ ही जिस अडत व्यवसाई ने बाजार समिती की अनुमति लिये बिना निरंजन बोहरा नामक व्यक्ति को अनधिकृत तौर पर अपनी दुकान किराये पर दी, उस दुकान को धारा 32-ई अंतर्गत सील करने की कार्रवाई की गई है. साथ ही पूरे मामले की जांच की जा रही है.
-दीपक विजयकर
सचिव, कृउबास, अमरावती.

  • 20 लाख की सॉलवंसी ली जाये

फिलहाल बाजार समिती में माल खरीदी करनेवाले व्यापारियों द्वारा मंडी प्रशासन को दो लाख रूपयों के सॉलवंसी की गारंटी देते है. जिस पर व्यापारियों द्वारा दो से तीन करोड रूपयों का अनाज खरीदा जाता है. इससे पहले भी कुछ खरीददार व्यापारियों द्वारा यहां के अडत व्यवसाईयों को ठगे जाने की घटनाएं घटित हो चुकी है. जिन्हें देखते हुए अब 15 से 20 लाख रूपये की सॉलवंसी लिये बिना किसी भी व्यापारी को बाजार समिती में खरीददार की अनुमति न दी जाये. ऐसी मांग अडत व्यवसाईयों द्वारा की जा रही है.

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