पोता सूरज ही निकला गिरजाबाई का हत्यारा
मोबाइल खरीदने पैसे नहीं दिये, तो मौत के घाट उतारा
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पुलिस ने किया गिरफ्तार, नदी के किनारे पत्थर के नीचे छिपाकर रखा था मंगलसूत्र
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24 घंटे के भीतर ब्राह्मणवाडा थडी पुलिस ने लगाया हत्यारे का पता
चांदूर बाजार/प्रतिनिधि दि.9 – समीपस्थ ब्राह्मणवाडा पुलिस स्टेशन अंतर्गत आने वाले गंगामाई मंदिर परिसर स्थित भोईपुरा में रहने वाले गिरजाबाई अन्नाजी आमझरे नामक 75 वर्षीय वृध्दा का हत्यारा और कोई नहीं बल्कि उसका पोता सूरज प्रल्हाद आमझरे ही निकला. आज सुबह 10 बजे ब्राह्मणवाडा थडी पुलिस ने सूरज को उसकी संदेहास्पद गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किया है. बाद में उसने दादी गिरजाबाई की हत्या करने की बात कबुली. सूरज के अनुसार उसने दादी गिरजाबाई को कल सुबह मोबाइल खरीदने के लिए पैसे मांगे. दादी ने पैसे देने से इंकार किया. तब सूरज का दादी के साथ विवाद हुआ. उसने पहले दादी का गला घोटा. वह चिखने लगी तब उसका मुंह दबाया और रोटी पलटाने के सपाटे से उसके सिर पर वार कर उसकी हत्या की. दादी की हत्या करने के बाद उसके गले का मंगलसूत्र छिनकर सूरज आमझरे गांव से बहने वाली नदी के किनारे गया. वहां एक पत्थर के नीचे उसने मंगलसूत्र छिपाकर रखा और जिस सपाटे से दादी की हत्या की वह घर के पीछे फेंक दिया था. जो पुलिस ने आज सुबह ही सूरज के पास से जब्त किया.
जानकारी के अनुसार ब्राह्मणवाडा थडी गांव में गंगामाई मंदिर परिसर के पास भोईपुरा है. इसी भोईपुरा में मृत गिरजाबाई आमझरे का घर है. घर के पीछे के हिस्से में गिरजाबाई के चारों बेटे रहते है और सामने के हिस्से में गिरजाबाई व अन्नाजी आमझरे रहते है. कल सुबह किसी काम से गिरजाबाई के पति अन्नाजी आमझरे गांव में रहने वाली उनकी बेटी के घर चाय पीने गए और उनके चारों लडके खेत में काम करने गए थे. थोडी देर बाद जब अन्नाजी आमझरे घर वापस आये, उन्होंने देखा तो गिरजाबाई के गले पर चाकू का गंभीर मार लगा है. वह लहुलुहान होकर घर में पडी थी. जबकि उसके गले में स्थित 7 ग्राम का अष्टकोनी मंगलसूत्र जिसकी कीमत 30 हजार रुपए बताई जाती है, वह गायब था. अन्नाजी आमझरे ने उसी समय होहल्ला मचाया. खबर मिलते ही उनका बडा बेटा लक्ष्मण आमझरे, दूसरा बेटा दादाराव आमझरे, उनके नातू नितेश लक्ष्मण आमझरे और गणेश रामभाऊ आमझरे यह तत्काल घर दौड आये. गंभीर जख्मी गिरजाबाई को डॉ.व्दिवेदी के निजी अस्पताल में ले गये. वहां से तत्काल उसे चांदूर बाजार के ग्रामीण अस्पताल में लाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया. कल शाम ही मृतक गिरजाबाई के लाश का पोस्टमार्टम कर अंत्यसंस्कार के लिए शव उसके परिजनों को सौंपा गया था, लेकिन घटना के बाद पुलिस ने प्राथमिक रुप से जब छानबीन शुरु की, उसी समय उन्हें गिरजाबाई की हत्या में किसी परिजन का हाथ होने की संभावना लग रही थी और उस दिशा में पुलिस ने अपनी छानबीन शुरु की.
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अंत्यविधि में साधे भेष में थे पुलिस
पोस्टमार्टम के बाद कल रात ही गिरजाबाई आमझरे के शव पर गांव में अंत्यसंस्कार किया गया. हालांकि पुलिस को पहले से ही आमझरे परिवार के किसी न किसी व्यक्ति पर शक था. इस कारण ब्राह्मणवाडा थडी पुलिस थाने के एएसआई मंगला सानप, किसन सपाटे, साहेबराव राजस, दिनेश वानखडे, राहुल मोरे, महेंद्र राउत, अजय कुंभरे और विशाल भोयर आम लोगों की तरह सिव्हील ड्रेस में लोगों के बीच शामिल हो गए थे. वे आमझरे परिवार के हर व्यक्ति के चेहरे के हावभाव को भांप रहे थे. तब उन्हें गिरजाबाई के पोते सूरज का रवैया कुछ संदेहास्पद लगा. उसके बाद आज सुबह ब्राह्मणवाडा थडी थाने के एपीआई दिपक वलवी के मार्गदर्शन में पीएसआई संजय शिंदे, छली सोलंके, कैलाश खेडकर ने उसे संदेह के आधार पर हिरासत में लिया और पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कबुल किया.