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परिवहन अधिकारियों पर काम का जबर्दस्त बोझ

  •  राज्य में आरटीओ समेत अधिकारियों के सैकडों पद रिक्त

  •  एक साल में 1 करोड वाहनों की बढती है संख्या

अमरावती/प्रतिनिधि दि.1 – राज्य में दुपहिया-फोरव्हीलर तथा माल वाहक वाहनों की संख्या में पिछले तीन वर्ष में 3 करोड से वृध्दि हो गई है. राज्य के परिवहन विभाग में रिक्त पदों की संख्या मात्र बडी मात्रा में है. काम का जबर्दस्त बोझ इनपर है तथा परिवहन विभाग की इन दिनों परीक्षा ली जा रही है.
हजारों दुपहिया, फोरव्हीलर व छह व्हीलर माल यातायात करने वाले वाहनों की बढती संख्या इस तरह कुल यातायात व्यवस्था में बाधा शुुरु है. परिवहन विभाग के पास अधिकारी व कर्मचारी आदि की संख्या मात्र काफी कम है. अनेकों वर्ष इस विभाग की सीटें नहीं भरी जाती. जो कर्मचारी कायम है उनके भरोसे काम चलाया जाता है. जिससे उनपर काम का जबर्दस्त बोझ आने से परिवहन विभाग की प्रतिमा पर इसका परिणाम होता है. प्रादेशिक, उपप्रादेशिक, सहायक से लेकर तो मोटर वाहन निरीक्षक इस तरह तकरीबन 300 पद रिक्त है. सही मायने में परिवहन विभाग के वर्तमान अधिकारी-सेवकों की फिलहाल परीक्षा शुरु हुई है.
2020 में निजी व यात्री तथा माल यातायात करने वाले वाहनों की संख्या क्रमश: 17 लाख 76 हजार व 1 लाख19 हजार इस तरह बढ चुकी है. जनवरी 2021 से 12 अप्रैल 2021 इस समयावधि में निजी वाहन 6 लाख 3 हजार से बढ गए तथा इस 2021 के तीन-साढेतीन महिने में 6 लाख 47 हजार वाहन राज्य में बढ चुके है. वर्ष 2017 से 2021 इस समयावधि में नये सिरे से रजिस्ट्रेशन हुए वाहनों की संख्या 2 करोड 94 लाख 27 हजार इतनी है. राज्य में तकरीबन 27.25 करोड इतने वाहनों की संख्या 2001 से 2021 इस समयावधि मे नए सिरे से निर्माण हो चुकी है.
सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारियों के 100 में से 36 पद रिक्त है. साथ ही पिछले कुछ महिने में अनेक अधिकारी निवृत्त हुए है. कुछ लोग निवृत्त हो रहे है. मोटर वाहन निरीक्षकों के तकरीबन 867 पद है. इसमें से पूरे 283 पद रिक्त है. कामपर, गुणवत्तापर इसका परिणाम हो रहा है. विभाग के कुछ निवृत्त हुए अधिकारियों की ओर से प्रमोशन व तबादले के संदर्भ में परिवहन विभाग की बदनामी करने का प्रयास हो रहा है.उसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए नया वर्ग सामने आ रहा है. इसके साथ ही प्रमोशन के लिए पात्र रहने वाले 46 अधिकारियों की ओर से उसका विभागीय पसंती क्रम नोंद किया गया है. बावजूद इसके प्रमोशन का मुद्दा अधर में अटका हुआ है.
परिवहन विभाग में लर्निंग लाईसेंस की टेस्ट लेनेे से लेकर उनका प्रत्यक्ष गाडी चलाते समय की परीक्षा लेना, नये वाहनों की नोंद लेना, माल वाहक व यात्री वाहनों की हर वर्ष फिटनेस टेस्ट कर लेना और उन्हें योग्य प्रमाणपत्र देना. दिनोंदिन बढते प्रदुषण बाबत वाहनों की जांच करना, राज्य की सडकों पर दौडने वाले बेशिस्त वाहनों पर कार्रवाई करना, सीमा जांच, नाके पर होने वाली यातायात पर नियंत्रण रखना आदि महत्वपूर्ण काम किये जाते है.

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