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अमरावती संभाग के ५ जिलों में कोरोना के चलते जीएसटी वसूली प्रभावित

  • राज्य कर विभाग अगस्त तक केवल १५६.४० वसूल पाया, ३१०.१० करोड का था टारगेट

  • इस वर्ष ७४४.२३ करोड की वसूली का है लक्ष्य, पूरा होने की उम्मीद बेहद कम

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२२  – इस वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से जीवन के सभी क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित हुआ है. साथ ही अप्रैल, मई व जून माह में लॉकडाउन रहने की वजह से सभी तरह के व्यापार-व्यवसाय लगभग पूरी तरह से बंद ही रहे. ऐसे में आर्थिक व्यवहार ठप्प रहने की वजह से सरकारी कर वसूली का काम भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ. ज्ञात रहे कि, नया आर्थिक वर्ष शुरू होते ही कोरोना के चलते लॉकडाउन भी शुरू हो गया था और अब तक कोरोना का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. ऐसे में अब तक जीवन पहले की तरह पटरी पर नहीं आया है. जिसकी वजह से राज्य सेवा व वस्तू कर विभाग (GST) के पास जारी आर्थिक वर्ष में विगत अगस्त माह के अंत तक मात्र १५६.४६ करोड रूपये की आवक हुई. जबकि इस दौरान ३१०.१० करोड रूपयों की कर वसूली का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन इसकी ऐवज में मात्र ५१ फीसदी वसूली ही हो पायी. इसमें भी जीएसटी की अधिकांश रकम फार्मा कंपनियों व वितरकों सहित लॉकडाउन काल के दौरान जीवनावश्यक वस्तुओं के लेन-देन पर लागू कर के जरिये हुई है. बता दें कि, पांच जिलों का समावेश रहनेवाले अमरावती संभाग में राज्य सेवा व वस्तु कर विभाग के पास कुल ३८ हजार ५६९ जीएसटी खातानंबर व्यवसायी पंजीकृत है. जिसमें से सर्वाधिक ११ हजार ८१७ व्यापारी अमरावती जिले से पंजीकृत है. इसके अलावा अकोला जिले के ७७६६, यवतमाल के ८११३ व बुलडाणा (खामगांव) के ७५८० व्यवसायी राज्य जीएसटी विभाग के पास पंजीकृत है. वर्ष २०१८-१९ में जीएसटी विभाग द्वारा ४५७.०१ करोड रूपये की करवसूली की गई थी. पश्चात वर्ष २०१९-२० में ५६२.७७ करोड रूपये की करवसूली का लक्ष्य तय किया गया था. जिसकी ऐवज में आर्थिक वर्ष की समाप्ती तक ५२८.६१ करोड रूपये की वसूली हो पायी थी. यह वसूली तय लक्ष्य की तुलना में ६ फीसदी कम रही. लेकिन पिछले आर्थिक वर्ष की तुलना में इसमें १६ फीसदी का इजाफा हुआ. इसके पश्चात जारी आर्थिक वर्ष २०२०-२१ के लिए ७४४.२३ करोड रूपयों का लक्ष्य तय किया गया है. जिसमें से अगस्त माह के अंत तक ३१०.१० करोड रूपये की वसूली होना अपेक्षित था, लेकिन जारी आर्थिक वर्ष के प्रारंभ से ही यानी अप्रैल माह से ही कोरोना के खतरे की वजह से समूचे देश में कडा लॉकडाउन लागू हो गया और सभी तरह के व्यापार-व्यवसाय पूरी तरह से ठप्प हो गये. जिसका सीधा असर कर वसूली प्रक्रिया पर पडा और अगस्त माह तक मात्र १५६.४६ करोड रूपये की ही कर वसूली हो पायी. इस संदर्भ में उपलब्ध आंकडों के मुताबिक जारी आर्थिक वर्ष के दौरान अप्रैल माह में ५.८४, मई माह में ७२.८९, जून माह में ४९.११, जुलाई माह में ४७.१२ व अगस्त माह में ३१.३५ करोड रूपये जीएसटी के तौर पर राज्य सेवा व वस्तु कर विभाग द्वारा वसूल किए गए है. जारी आर्थिक वर्ष की पहली छहमाही में तय लक्ष्य की तुलना में लगभग आधी वसूली हो पायी है.
वहीं अब भी व्यापारी गतिविधियां पहले की तरह पटरी पर नहीं लौटी है. ऐसे में इस बात की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि, इस आर्थिक वर्ष में सरकार को जीएसटी में काफी नुकसान उठाना पड सकता है. क्योंकि आगे भी बाजार में लंबे समय तक पहले की तरह तेजी आने की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही. ऐसे में इस वर्ष जीएसटी महकमे द्वारा तय किये गये लक्ष्य और प्रत्यक्ष वसूली के आंकडों में काफी फर्क रहने की उम्मीद है.

तीन वर्ष के तुलनात्मक आंकडे

वर्ष             लक्ष्य       प्रत्यक्ष वसूली
२०१८-१९          —             ४५७.०१
२०१९-२०     ५६२.७७       ५२८.६१
२०२०-२१      ७४४.२३      १५६.४६
(अगस्त माह तक हुई वसूली) 

किस माह में हुई कितनी वसूली

अप्रैल             ५.८४ करोड
मई               ७२.८९ करोड
जून              ४९.११ करोड
जुलाई          ४७.१२ करोड
अगस्त         ३१.५० करोड
कुल            १५६.४६ करोड

खातधारकों की संख्या

अमरावती        ११८१७
यवतमाल          ८११३
अकोला             ७७६६
बुलडाणा            ७५८०
वाशिम               ३२९०
कुल                ३८५६९

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