जनकल्याण हेतु सत्ता में शामिल होने का लिया था निर्णय
‘शतक’ पूरा होते ही अजित पवार ने लिखा खुला पत्र
मुंबई/दि.10– विगत तीन माह से राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में हुई दो फाड को लेकर अच्छी खासी चर्चा चल रही है. साथ ही शरद पवार गुट व अजित पवार गुट के बीच चल रहा यह विवाद अब अदालत सहित निर्वाचन आयोग के समक्ष भी पहुंच चुका है. इसके साथ ही अजित पवार गुट द्बारा शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हुए आज 100 दिन पूरे हो गए. जिसके चलते सरकार में अपनी शतकपूर्ति होने के उपलक्ष्य में राकांपा नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य की जनता के नाम एक खुला पत्र लिखते हुए 100 दिन पहले अपने द्बारा लिए गए निर्णय की वजह और भूमिका को स्पष्ट किया है. जिसमें उन्होंने साफ-तौर पर कहा कि, महाराष्ट्र की जनता के कल्याण एवं सर्वसामान्यों के हितों को देखते हुए उन्होंने उक्त निर्णय लिया था. साथ ही इस पत्र में डिप्टी सीएम अजित पवार ने महाराष्ट्र में इससे पहले हुई राजनीतिक बगावतों का अप्रत्यक्ष उल्लेख करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में प्रत्येक बडे नेता ने अलग-अलग समय पर वक्त की जरुरत को देखते हुए समयानुरुप अलग भूमिकाएं अपनाई थी. ऐसे में उन्हीं महान नेताओं के कदम पर कदम रखते हुए उन्होंने सकारात्मक भाव से महाराष्ट्र के हितों के लिए 100 दिन पहले एक महत्वपूर्ण फैसला लिया था और वे राज्य की शिंदे-फडणवीस महायुती सरकार में शामिल हुए थे.
अपने फैसले को लेकर कई लोगों द्बारा की जा रही आलोचना के संदर्भ में डेप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि, टिकाटिप्पणी करने अथवा आरोपों का जवाब देने में वक्त नष्ट करने की बजाय वे सकारात्मक व विधायक कामों पर ध्यान देना ज्यादा जरुरी समझते है. अपने इस पत्र के जरिए अपनी भूमिका को पूरी तरह से सही ठहराते हुए डेप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि, आने वाले वक्त में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राज्य के किसानों, युवाओं व महिलाओं सहित समाज के विविध घटकों के हितों की रक्षा करने हेतु कार्यरत दिखाई देगा. जिसके लिए राकांपा का प्रत्येक पदाधिकारी काम करेगा. साथ ही राकांपा द्बारा छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों, फुले, शाहु व आंबेडकर के विचारों तथा स्व. यशवंतराव चव्हाण की जनकल्याणकारी नीतियों को आगे बढाने का काम किया जाएगा.