अमरावती/दि.26 – जिले में 18 मार्च से 25 अप्रैल की कालावधि के दौरान 40 दिनों में करीब 6 बार तेज आंधी-तूफान के साथ बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि की मार जिले पर पडी. जिसकी वजह से किसानों के मूंह तक आया निवाला छिन गया और इस आपदा की वजह से जिले में करीब 5 हजार हेक्टेअर क्षेत्र में रबी फसलों सहित साग सब्जियों व फल बागानों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है.
उल्लेखनीय है कि, खरीफ के सीजन में सतत धार बारिश व अतिवृष्टि होने के चलते खरीफ फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. ऐसे में किसानों की पूरी उम्मीदें रबी फसलों पर थी. लेकिन गेहूं, चना व प्याज जैसी फसलों की ऐन कटाई के समय 16 मार्च से जिले में बेमौसम बारिश की शुरुआत हुई. जिसके तहत बिजली की तेज गडगडाहट और तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश व ओलावृष्टि होने के चलते बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. जिले में 2 व्यक्तियों सहित 15 से अधिक जानवरों की आसमानी गाज की चपेट में आने से मौत हुई. इसके अलावा 1 हजार से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा. सर्वाधिक नुकसान कटाई के लिए तैयार गेंहू की फसल का हुआ है. क्योंकि तेज हवाओं के चलते फसल जमींदोज हो गई. साथ ही बारिश के चलते भीग गई. इसी तरह प्याज के भीग जाने की वजह से अब उसे ज्यादा दिनों तक स्टॉक करके नहीं रखा जा सकता. इसके साथ ही तेज आंधी-तूफान बारिश व ओलावृष्टि के चलते संतरे के आंबिया बहार को काफी नुकसान पहुंचा है. साथ ही केले के बागान भी प्रभावित हुए है. इन तमाम बातों के मद्देनजर क्षेत्रिय यंत्रणा ने 33 फीसद से अधिक नुकसान वाले क्षेत्रों का पंचनामा करते हुए सरकार के पास 7 करोड रुपए के मुआवजे हेतु जिलाधीश के जरिए प्रस्ताव भिजवाया है.