अमरावती/दि.१ – जिले के कुछ तहसील विशेषत चिखलदरा में सोयाबीन फसल पर बालोंवाले लार्वा का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इसीलिए लार्वा का बंदोबस्त करने के लिए दवाईयों का छिडकांव करने की सूचनाएं कृषि विभाग ने दी है.
यहां बता दें कि चिखलदरा तहसील के बहादुरपुर व टेंभूरसोडा परिक्षेत्र में सोयाबीन फसल पर बालोंवाले लार्वा का प्रकोप बीते सप्ताह भर से दिखाई दे रहा है. यह लार्वा पर्वतीय क्षेत्र व वन क्षेत्रों के नजदीकी फसलों पर पहले आक्रमण करता है. इसके बाद यह अन्य जगहों पर फैलते जाता है. यह इल्ली ४० से ४५ मिमी लंबाई की होती है. इसके दोनों टोक काले व मध्य हिस्सा मटमैला पीला होता है. शरीर पर घने नारंगी बाल होते है. अंडों से बाहर निकलते ही यह इल्लियां अगल बगल के हरेभरे पत्त खाती है. बाद में यह इल्लियां खेतभर में फैलते हुए फसलों की पत्तियां चट करते हुए नुकसान करती है. तीव्र प्रकोप होने से पौधों की टहनियां ही शेष रह जाती है. जहां फसलों पर लार्वा का प्रकोप दिखाई दे रहा है. वहां की इल्लियों को केरोसिन मिश्रित पानी डालकर नष्ट करना चाहिए.
वहीं ज्याद इल्लियां नजर आने पर इमोमेक्टीन बेंझोएट 1.9 फीसदी ईसी (चक्रभुंगा, उंटइल्ली, स्पोडोटेरा, घाटे इल्ली के लेबल क्लेम ) 8.5 मिली अथवा इन्डोक्झाकार्ब 6.7 मिली या फ्ल्युबेंडामाईड 39.35 फीसदी एस. सी. 3 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिडकांव करने से बेहतर ढंग से नियोजन पाया जा सकता है. यह सूचना डॉ. ठाकरे ने दी.