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आधा अधूरा आरक्षण बिल्कुल भी स्वीकार नहीं

मनोज जरांगे ने सीएम शिंदे के प्रस्ताव को किया खारिज

* राज्य के सभी मराठाओं के लिए मांगा एक-समान आरक्षण
जालना दि.31 – मराठा समाज को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर विगत 7 दिनों से दोबारा आमरण अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से मिले प्रस्ताव को आधा अधूरा प्रस्ताव बताते हुए खारिज कर दिया है. साथ ही कहा कि, वे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर किसी भी तरह के समझौते के मुड में नहीं है. ऐसे में सरकार चाहे जहां से दस्तावेज व सबूत इकट्ठा करे, पूरे राज्य के प्रत्येक मराठा को आरक्षण दें. हम सरकार की सुविधा या दिक्कत को देखते हुए किसी भी तरह के आधे-अधूरा आरक्षण को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे. साथ ही सरकार इस मामले को जितना ज्यादा लटकाकर रखेगी, यह मामला उतना ही अधिक पेचिदा होकर सरकार पर भारी पडेगा. इस बात को सरकार ने ध्यान में रखना चाहिए.
जालना के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विगत 7 दिनों से दूसरी बार अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने आज दोपहर अनशन स्थल पर पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए मीडिया के जरिए अपनी बात रखी. इसी दौरान उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मोबाइल फोन पर कॉल आयी. सीएम शिंदे से बातचीत करने के पश्चात मनोज जरांगे ने मीडिया कर्मियों को इस बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, उन्होंने सीएम शिंदे के सामने अपनी भूमिका स्पष्ट तौर पर रखी है. जिसमें कहा गया है कि, सरकार जल्द से जल्द राज्य के मराठाओं को कुनबी जाती का प्रमाणपत्र देते हुए ओबीसी संवर्ग में शामिल कर आरक्षण का लाभ दे. इससे कम पर कोई बात नहीं बनेगी.
इस बातचीत के दौरान सीएम शिंदे को केवल मराठा आरक्षण के संदर्भ में चर्चा होने की जानकारी देते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि, हम नोंद के अनुसार आरक्षण लेने हेतु बिल्कुल भी तैयार नहीं है. हमने सीएम शिंदे से स्पष्ट तौर पर कहा है कि, आप समिति की प्राथमिक रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए मराठाओं को सीधे-सीधे आरक्षण देने का निर्णय लो और इसके लिए विधान मंडल का विशेष अधिवेशन बुलाओ. इससे कम पर हम कोई भी बात स्वीकार नहीं करेंगे. इसके साथ ही मनोज जरांगे पाटील ने कहा भी कहा कि, राज्य में करीब 5 करोड मराठा आरक्षण के दायरे से बाहर है. इसमें से जिन्हें कुनबी प्रमाणपत्र चाहिए होगा, वे यह प्रमाणपत्र लेंगे और हम यह प्रमाणपत्र लेने के लिए किसी पर भी जबर्दस्ती नहीं करेंगे.


* मेरे पानी पीते ही शांत होने वाला मेरा समाज फिर भडक सकता है
उल्लेखनीय है कि, अपने इस अनशन के दौरान मनोज जरांगे ने भोजन के साथ-साथ पानी लेना भी बंद कर दिया था. जिसकी वजह से गत रोज मनोज जरांगे की हालत काफी हद तक बिगड गई थी और वे एक बार तो मंच पर ही गश खाकर गिर पडे थे. जिसके बाद राज्य के कई हिस्सों में हिंसा फैल गई थी और मराठा समाज काफी हद तक उग्र हो गया था. पश्चात आज सुबह समाजबंधुओं के अनुरोध पर मनोज जरांगे ने पानी का सेवन किया और वे अपने स्थान से उठकर भी बैठे. जिसके बाद उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम संदेश देते हुए कहा कि, मेरे पानी पीते ही सभी मराठा शांत हो गए है. ऐसे में अब सरकार ने अपने आश्वासन को पूरा करते हुए मराठा समाज को आरक्षण देना चाहिए, ताकि हमें दुबारा भडकना न पडे. इसके साथ ही मनोज जरांगे ने मराठाओं से भी शांत रहने का आवाहन करते हुए कहा कि, मराठा समाज बंधुओं ने बिल्कुल भी हिंसाचार व आगजनी नहीं करनी चाहिए. यह राजनीतिक व कानूनी लडाई है, इसे हम अपने स्तर पर बराबर लड रहे है. अत: कहीं पर भी भावनाओं का अतिरेक व उद्रेक नहीं होना चाहिए.


* इस्तीफा देकर कोई फायदा नहीं, पद पर रहकर दबाव बनाओ
– जरांगे पाटिल का मराठा समाज के सांसदों व विधायकों से आवाहन
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर इस्तीफा देने की तैयारी दर्शाने वाले मराठा समाज के सांसदों व विधायकों को जमकर आडे हाथ लेते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि, उन लोगों के इस्तीफा देने से मराठा समाज को कोई फायदा नहीं होने वाला है. ऐसे में मराठा समाज के सांसदों व विधायकों को चाहिए कि, वे मुंबई में रहकर सरकार पर दबाव बनाए तथा सरकार को मराठा आरक्षण के संदर्भ में फैसला लेने हेतु बाध्य करें.

* बीड में अब भी कर्फ्यू, इंटरनेट बंद
– जालना में 3 लोगों ने किया आत्महत्या का प्रयास
– मराठवाडा के 8 जिलों में फैला तनाव
– बीड व माजलगांव के बाद जालना के पंचायत कार्यालय में आगजनी
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया है. यह राज्य के मराठवाड़ा इलाके के 8 जिलों में फैल गया है. इनके अलावा, पुणे, अहमदनगर में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं. बीड और माजलगांव के बाद मंगलवार को जालना के पंचायत बॉडी ऑफिस में आग लगा दी. इसके पहले उमरगा कस्बे के नजदीक तुरोरी गांव में भी सोमवार देर रात आगजनी हुई. तुरोरी में प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक डिपो की एक बस में आग लगा दी थी. उधर, इस आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित बीड शहर के बाद उस्मानाबाद में भी प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है. बीड में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. वहीं, जालना शहर में भी पिछले 12 घंटों में तीन लोगों ने सुसाइड करने की कोशिश की. यहां भी पिछले 13 दिनों से प्रदर्शन जारी है. इसके साथ ही उमरगा तहसील के तुरोरी गांव में सोमवार देर रात कर्नाटक डिपो की एक बस में आग लगा दी. बीड की कलेक्टर दीपा मुधोल-मुंडे ने कहा कि सोमवार देर रात हालात ठीक नहीं थे, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में हैं. सभी दुकानें और मार्केट बंद हैं.

* मराठा आंदोलन को सिलसिलेवार समझिए

– 1. आंदोलन क्यों हो रहा है?
राज्य सरकार ने ओबीसी के तहत मराठाओं को 16% आरक्षण दिया था. इससे राज्य में कुल आरक्षण 50% की सीमा को पार कर गया. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मई 2021 में मराठा आरक्षण रद्द कर दिया था. इसके बाद मराठा नेताओं ने मांग की कि उनके समुदाय को ‘कुनबी’ जाति के प्रमाणपत्र दिए जाएं. मौजूदा सरकार ने मराठा समुदाय के कुछ लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र देने का फैसला कर लिया है. मंगलवार को शिंदे सरकार 11 हजार कुनबी सर्टिफिकेट दे सकती है.

– 2. कुनबी समुदाय ही क्यों?
कुनबी खेती-बाड़ी से जुड़ा समुदाय है. इसे महाराष्ट्र में ओबीसी कैटेगरी में रखा गया है. इन्हें सरकारी नौकरियों से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिलता है. दावा है कि सितंबर 1948 तक निजाम का शासन खत्म होने तक मराठाओं को कुनबी माना जाता था और ये ओबीसी थे. इसलिए इन्हें कुनबी जाति का दर्जा देकर ओबीसी में शामिल किया जाए. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे का कहना है कि जब तक मराठियों को कुनबी जाति का सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

– 3. किस इलाके में आंदोलन हो रहा है?
मराठवाड़ा इलाके के 8 जिले- छत्रपति संभाजी नगर (औरंगाबाद), जालना, बीड, धाराशिव (उस्मानाबाद), लातूर, परभणी, हिंगोली और नांदेड़ हैं. इस बार जालना और बीड सेंटर है.

– 4. अब तक कितना नुकसान हुआ?
राज्य में दो दिन से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. आंदोलनकारियों ने सोमवार को छउझ के 2 विधायकों के घरों में आग लगा दी. सुबह करीब 11 बजे बीड जिले के माजलगांव से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के बंगले में घुसकर पथराव किया और आग लगा दी. उस समय विधायक, परिवार और स्टाफ बंगले में ही थे. दोपहर बाद बीड में ही एनसीपी के एक और विधायक संदीप क्षीरसागर का घर जला दिया. प्रकाश सोलंके अजीत पवार गुट के हैं, वहीं क्षीरसागर शरद पवार गुट के हैं. आंदोलनकारियों ने बीड में ही नगर परिषद भवन और एनसीपी दफ्तर में भी आग लगाई है. सोमवार सुबह करीब 11 बजे बीड जिले के माजलगांव से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के बंगले में घुसकर पथराव किया और आग लगा दी. सोमवार सुबह करीब 11 बजे बीड जिले के माजलगांव से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के बंगले में घुसकर पथराव किया और आग लगा दी. राज्य परिवहन निगम की 13 बसों में तोड़फोड़ की गई है. इसके चलते 250 में से 30 डिपो बंद करने पड़े हैं. पथराव के बाद पुणे-बीड बस सेवा बंद कर दी गई है. सोमवार रात को करीब एक हजार लोग बीड डिपो में घुस गए और 60 से ज्यादा बसों में तोड़फोड़ की.

* 121 साल पहले पड़ी थी मराठा आरक्षण की नींव
– 26 जुलाई 1902. छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और कोल्हापुर के महाराजा छत्रपति शाहूजी ने एक फरमान जारी किया. इसमें कहा गया कि उनके राज्य में जो भी सरकारी पद खाली हैं, उनमें 50% आरक्षण मराठा, कुनबी और अन्य पिछड़े समूहों को दिया जाए.
– यह एक ऐसा फैसला था जिसने आगे चलकर आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था करने की राह दिखाई. मराठा समुदाय भी इसे ही अपनी मांग का आधार बताता है. 1942 से 1952 तक बॉम्बे सरकार के दौरान भी मराठा समुदाय को 10 साल तक आरक्षण मिला था. इसके बाद मामला ठंडा पड़ गया.

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* सरकार ने आग लगाई है, सरकार ही बुझाए
– मराठा आंदोलन पर बोले कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह आग सरकार ने ही लगाई है और उसे ही इसे बुझाना चाहिए. सूबे की शिंदे-फडणवीस सरकार पर बरसते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा कि मराठा आरक्षण की मांग पर सरकार 40 दिनों तक अजगर की तरह सुस्त रही. उन्होंने कहा, उम्मीद है कि आज कैबिनेट में कोई ठोस फैसला लिया जाएगा. जरांगे पाटील की हालत खराब होने के कारण मराठा समुदाय की मांगों को लेकर, आरक्षण को लेकर बैठक में क्या फैसला लिया जाता है, इस पर हमारी नजर है. राज्य मे कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी है. कांग्रेस की ओर से राज्यपाल से मुलाकात कर मांग की गई है कि आंदोलन खत्म कर सरकारी संपत्ति का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हो.

 


* सीएम शिंदे व मंत्री पाटिल सहित कई जनप्रतिनिधियों के घरों पर बंदोबस्त बढा
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य में तीन विधायकों के घरों व कार्यालय पर हुई तोडफोड व आगजनी की घटना को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित नारायण राणे, चंद्रकांत पाटिल, छगन भुजबल व रामदास कदम जैसे तमाम बडे नेताओं के घरों व कार्यालयों के आसपास पुलिस का बेहद तगडा बंदोबस्त तैनात कर दिया गया है.


* डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने लिया हालात का जायजा
– सरकारी संपत्ति का नुकसान करने वालों के खिलाफ कडी कार्रवाई के आदेश
उधर राज्य के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गत रोज राज्य में कानून व व्यवस्था को लेकर हालात का जायजा लिया. साथ ही सरकारी व निजी संपत्तियों का नुकसान करने वालों सहित जीवितहानि करने वाले लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया. बता दें कि, मराठा आरक्षण को लेकर विगत 25 अक्तूबर को राज्य में अलग-अलग स्थानों पर हिंसक घटनाएं घटित हुई है. जिसके चलते अलग-अलग स्थानों पर अब तक कुल 37 मामले दर्ज किए जा चुके है. ऐसे सभी मामलों में कडी कार्रवाई करने का आदेश डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने जारी किया है.


* राज्य के सभी केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों ने देना चाहिए इस्तीफा- ठाकरे
वहीं शिवसेना उबाठा के मुखिया उद्धव ठाकरे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर कहा कि, यदि केंद्र सरकार द्वारा राज्य के मराठा समाज को सर्वसमावेशक आरक्षण नहीं दिया जाता है, तो राज्य के सभी केंद्रीय मंत्रियों व 48 सांसदों ने एकजूटता दिखाते हुए अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए. ताकि केंद्र सरकार की तानाशाही को खत्म किया जा सके. इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने यह कहा कि, ऐसे करने की बजाय जिन्हें पता है कि, आगामी 31 दिसंबर तक वे अपात्र साबित हो जाएंगे, वे इस समय मराठा आरक्षण को समर्थन देते हुए इस्तीफा देने की नौटंकी कर रहे है.

* मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने लिखा भावनात्मक पत्र
इस बीच मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मनोज जरांगे के नाम एक बेहद भावनात्मक पत्र लिखते हुए उन्हें अपना भाई बताया. साथ ही अनशन पीछे लेने का निवेदन करते हुए कहा कि, यहां की राजनीतिक व्यवस्था बेहद निष्ठूर व निराशाजनक है. जिन्हें केवल लोगों से चुनाव में मतदान चाहिए होता है और तूम जिस मांग के लिए अनशन कर रहे हो, उससे इन लोगों का कोई लेना-देना नहीं होता. ऐसे झूठे व लापरवाह लोगों के लिए अपनी जान की बाजी लगाना किसी भी लिहाज से योग्य नहीं है. अत: महाराष्ट्र को जात-पात के भेद में विभाजीत होने से बचाया जाना चाहिए. जिसके लिए हम सभी को साथ में रहना जरुरी है. अत: अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इन अनशन को खत्म किया जाना चाहिए.

* विधायक रमेश बोरनारे ने मराठा आरक्षण के लिए दिया इस्तीफा
शिंदे गुट वाली शिवसेना के विधायक रमेश बोरनारे ने मराठा समाज को आरक्षण मिलने की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अपना इस्तीफा सौंपा है. विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत कई दिनों से बोरनारे के निर्वाचन क्षेत्र सहित उनके इस्तीफे की मांग की जा रही थी.

* राज्य में विभिन्न स्थानों पर सडकों पर जलाए गए टायर
– नेताओं के फोटो पर बरसाए चप्पल-जूते, रास्ता रोको भी हुआ
कन्नड-वैजापुर मार्ग पर औराला सर्कल में औराली फाटे पर सकल मराठा समाज द्वारा तीव्र प्रदर्शन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम एकनाथ शिंदे, डेप्यूटी सीएम फडणवीस व अजित पवार, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, मंत्री छगन भुजबल सहित एड. सदावर्ते की तस्वीरों पर जमकर चप्पल-जूते बरसाये गए और इन तस्वीरों को टायर पर रखकर पेट्रोल छिडकते हुए आग लगा दी गई. जिसके चलते इस रास्ते पर करीब 1 घंटे तक यातायात प्रभावित रहा. इसी तरह चापानेर सर्कल में भी सुबह 9 से 11.30 बजे तक रास्ता रोको आंदोलन चला. इसके अलावा मराठा आंदोलकों ने पुणे के नवले ब्रिज पर टायर जलाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया. जिसकी वजह से मुंबई व सातारा महामार्ग पर काफी लंबे समय तक वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई.

* शाहू छत्रपति ने की जरांगे से भेंट
इस बीच छत्रपति शाहू महाराज ने आज अंतरवाली सराटी गांव पहुंचकर मनोज जरांगे पाटिल से भेंट की और उनसे आमरण अनशन छोड देने का आग्रह किया. इस समय शाहू छत्रपति के शब्दों का सम्मान करते हुए मनोज जरांगे ने पानी पिया. लेकिन अन्नत्याग आंदोलन खत्म करने से इंकार कर दिया. साथ की कहा कि, वे सरकार द्वारा दिए जाने वाले आधे-अधूरे आरक्षण को स्वीकार नहीं करेंगे.

* सांसद हेमंत पाटिल का दिल्ली में मौन व्रत व अनशन
हिंगोली के सांसद हेमंत पाटिल ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अपने पद से इस्तीफा देने के बाद आज से दिल्ली में महाराष्ट्र सदन परिसर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के समक्ष मौनव्रत धारण करते हुए अनशन करना शुरु किया है. सांसद हेमंत पाटिल ने 2 दिन पहले ही अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपा था.

* अभिनेता हेमंत ढोमे ने ट्वीटर पर व्यक्त किया संताप
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अभिनेता रितेश देशमुख व अभिनेत्री अश्विनी महांगडे द्वारा समर्थन जताए जाने के बाद अब मराठी अभिनेता हेमंत ढोमे ने मराठा आरक्षण को लेकर ट्वीट करते हुए अपना संताप व्यक्त किया है. साथ ही मनोज जरांगे के लगातार गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए सरकार से जल्द ही ठोस निर्णय लेने का निवेदन किया है.

* मराठवाडा जाने वाली एसटी की 24 फेरियां रद्द
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन के चलते इस समय मराठवाडा में वातावरण काफी गरमाया हुआ है और बीड व नांदेड जिलों में रापनि की बसों पर पत्थरबाजी की घटनाएं घटित हुई है. इस बात के मद्देनजर अमरावती विभाग से मराठवाडा के विविध जिलों हेतु चलाई जाने वाली रापनि बसों की 24 फेरियों को फिलहाल रद्द कर दिया गया है. जिसकी वजह से यात्रियों को अच्छी खासी तकलीफों व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

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