फर्जी अपंग प्रमाणपत्र के जरिए हासिल की थी शिक्षिका की नौकरी
13 वर्ष बाद हुआ मामले का भंडाफोड
* बोगस शिक्षिका सहित तीन के खिलाफ मामला दर्ज
वाशिम /दि.16- फर्जी आधार कार्ड के जरिए खुद को वाशिम जिले की निवासी दर्शाने के साथ ही ऑफलाइन पद्धति से फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के जरिए वर्ष 2009 में पांढरकवडा नगर परिषद की शाला में नौकरी प्राप्त करने वाली सोनल प्रकाश गावंडे नामक बोगस शिक्षिका की करतूतों का 13 वर्ष बाद भंडाफोड हुआ है. जिसके चलते वाशिम शहर पुलिस थाने में सोनल प्रकाश गावंडे (मंगलमूर्ति नगर, वडगांव, यवतमाल) नामक बोगस शिक्षिका समेत तीन लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है.
जानकारी के मुताबिक पांढरकवडा नगर परिषद की शाला में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत सोनल प्रकाश गावंडे के अपंगत्व की पुनर्जांच करने की मांग अमरावती जिले के नांदगांव खंडेश्वर तहसील अंतर्गत हिवरा बु. ग्राम पंचायत के उप सरपंच मयूर मेश्राम ने शिक्षा विभाग के पास के पास की थी. जिसके जरिए पुनर्जांच के आदेश जारी होने पर सोनल गावंडे ने वाशिम के जिला सामान्य अस्पताल में 2 सितंबर 2022 को दिव्यांग युडीआईडी ऑनलाइन आवेदन दाखिल की है तथा इस आवेदन के साथ ऑफलाइन के बोगस दिव्यांग प्रमाणपत्र को बोगस आधार कार्ड के जरिए खुद को वाशिम जिले की निवासी दर्शाया तथा ऑनलाइन के बोगस युडीआईडी प्रमाणपत्र संबंधित विभाग को पेश किए. परंतु अस्पताल द्बारा प्रमाणपत्रों की पडताल करने पर सभी दस्तावेज बोगस पाए गए. ऐसे में जिला अस्पताल ने वाशिम शहर पुलिस स्टेशन को लिखित तौर पर सूचित किया. इस मामले में नगर परिषद शिक्षा विभाग के अतुल वानखडे (तपानवाडी, यवतमाल) तथा पांढरकवडा स्थित राजश्री शाहु महाराज प्राथमिक शाला के शिक्षक नहुश दरवेशवार (सत्यनारायण लेआउट, वडगांव, यवतमाल) भी शामिल रहने की शिकायत दर्ज की गई. जिसके चलते तीनों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया गया.
* यवतमाल के आरोपी, वाशिम से जालसाजी, अमरावती से शिकायत
फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए शिक्षिका की नौकरी हासिल करने वाली आरोपी महिला व उसे साथ देने वाले अन्य 2 आरोपी यवतमाल जिले के है. वहीं इस फर्जीवाडे हेतु वाशिम के जिला सामान्य अस्पताल से जाली दस्तावेज तैयार किए गए और इस मामले की शिकायत अमरावती जिले की हिवरा बु. ग्राम पंचायत के उपसरपंच द्बारा की गई.