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‘मां’ की खोज में वह 20 वर्षो से आया वतन

स्पेन से यवतमाल में, कानूनन गोद प्रक्रिया से संवरा जीवन

यवतमाल/दि.25- ठीक 20 वर्ष पूर्व वह लावारिस बच्चा था. शासन की गोद प्रक्रिया पूर्ण कर एक दंपति ने उसे बेटे के रुप में स्वीकार किया. जिससे उसकी जिंदगी संवर गई. स्पेन में श्रीमंत माता-पिता की छत्रछाया में वह उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहा है. किंतु अपने मूल माता-पिता की तलाश में वह हाल ही में यवतमाल आया. उसका नाम विजय. देखा जाए तो उसने अब तक के जीवन में विजय प्राप्त की है.
बात 2003 की है. यवतमाल बालकल्याण समिति के पास कोई एक छोटा बच्चा लेकर आया. समिति मार्फत संपूर्ण कानूनन प्रक्रिया की गई. उपरांत स्पेन के जोस और लियो इस दंपति ने बच्चे को गोद लिया. आर्थिक रुप से सक्षम दंपति ने बच्चे को विजय नाम दिया. बडे स्नेह से उसे पाला-पोसा. आज विजय 20 वर्ष का हो गया है. उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहा है. जोस और लियो प्रतिवर्ष विजय को घूमाने के लिए विदर्भ में लाते रहे है.
पहली बार विजय को अपने मूल माता-पिता की खोज की सूझी. यह परिवार यवतमाल में दाखिल हुआ. यहां पहुंचने के बाद बालकल्याण समिति के सामने गया. वहां अपना इतिहास जानने का प्रयत्न किया. कुछ स्थानों पर भी वे गए. विजय ने स्पष्ट कर दिया कि उसे अपने मूल माता-पिता मिल भी गए तो वह अपने माता-पिता जोस तथा लियो के साथ ही रहेगा. उधर बालकल्याण समिति सदस्य अनिल गायकवाड ने बताया कि पिछले सप्ताह एक लावारिस बच्चे को फेंक देने का मामला उजागर हुआ था. वह बच्चा मर गया. गायकवाड ने ऐसे बच्चे को समिति को सौंपने की अपील की है.

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