अमरावतीमुख्य समाचार

अंग्रेजों की चाकरी करने पर उन्हें मिली थी ठाकुर की पदवी

भाजपा सांसद अनिल बोंडे ने विधायक यशोमति ठाकुर पर साधा निशाना

अमरावती/दि.10- तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक यशोमति ठाकुर के परिवार ने ब्रिटिश राज के दौरान अंग्रेजों की चाकरी की थी. जिसकी बदौलत उनके परिवार को ठाकुर की पदवी मिली थी. जिसे आज तक यशोमति ठाकुर अपने नाम के साथ चिपकाए घुम रही है. इससे साफ है कि, उनकी डीएनए अंग्रेजों की चाकरी करने वालों का है. इस आशय के शब्दों में भाजपा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर पर निशाना साधा.
बता दें कि, गत रोज भाजपा की ओबीसी जागर यात्रा का अमरावती जिले में प्रवेश हुआ और यह यात्रा गत रोज दोपहर तिवसा निर्वाचन क्षेत्र पहुंची. जिसे लेकर तिवसा से अमरावती तक बडे-बडे बैनर व पोस्टर लगाए गए थे. जिसके संदर्भ में पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने मखौल उडाते हुए कहा था कि, जब भी चुनाव आते है, तब तक भाजपा को ऐसी नौटंकियां सुझती है. जिस पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, जिन लोगों ने अंग्रेजों की चाकरी करते हुए ठाकुर की पदवी हासिल की और लोगों को जात-पात में बांटकर रखते हुए राज किया. वे लोग आज हमें नसिहत देने का काम न करें, तो बेहतर रहेगा. क्योंकि यशोमति ठाकुर का डीएनए अंग्रेजों की चाकरी करने वालों का है और कांग्रेस का डीएनए भी महात्मा गांधी का नहीं, बल्कि फिरोज जहागिर गांधी का डीएनए है. वहीं भाजपा का डीएनए विशुद्ध रुप से भारतीय है.

* अपना मानसिक इलाज कराएं डॉ. बोंडे
– विधायक यशोमति ठाकुर ने भी किया पलटवार
वहीं सांसद डॉ. अनिल बोंडे द्बारा किए गए बयान पर पलटवार करते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने अपने पास उपलब्ध अपने परिवार के इतिहास का दाखिला देते हुए कहा कि, सन 1700 में जब भीषण अकाल पडा था, तब उनके पूर्वजो ने सवा-सवा तोले की कुल सवा लाख स्वर्ण मुद्राएं गरीबों को दान कर दी थी. जिसकी वजह से उनके परिवार को ठाकुर की उपाधी मिली. इसके साथ ही विधायक यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, उनके पूर्वजो ने तो गरीबों को दान करते हुए समाजसेवा की थी. परंतु डॉ. बोंडे जैसे लोगों ने अपने पूर्वजों का इतिहास खंगालना चाहिए. साथ ही विधायक ठाकुर ने यह दावा भी किया है कि, हम पर जाति-धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाने वाले डॉ. अनिल बोंडे खुद अपने गिरेबान में झांककर देखे, जिनके विवादास्पद व्यक्तत्व की वजह से अमरावती शहर में धार्मिक दंगे भडके थे. साथ ही जब देश के स्वाधिनता संग्राम के समय हमारे मोझरी स्थित वाडे से स्वाधिनता सेनानियों को रसद की आपूर्ति की जाती थी. तब डॉ. बोंडे की पार्टी का एक भी नेता देश के स्वाधिनता संग्राम में शामिल नहीं था. अत: हमारे इतिहास में झांकने की बजाय डॉ. बोंडे ने खुद अपने परिवार और अपनी पार्टी के इतिहास को देख लेना चाहिए. क्योंकि उनका तो कोई इतिहास ही नहीं है.

 

Related Articles

Back to top button