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‘वह’ मनपा कर्मियों का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा था, हमारी किसी से कोई अदावत नहीं

कल मनपा में घटित हुए हंगामे पर बोले विधायक रवि राणा

  • घटना का निषेध करने की बजाय कुछ हद तक समर्थन ही किया

  • आउटसोर्सिंग मामले में मनपा प्रशासन को खडा किया सवालों के कटघरे में

अमरावती/प्रतिनिधि दि.18 – गत रोज अमरावती महानगरपालिका की आमसभा में युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा सदन की कार्रवाई जारी रहने के दौरान सदन के भीतर घुसकर जबर्दस्त शोर-शराबा और हुडदंग किया गया था. जिसे लेेकर युवा स्वाभिमान के संस्थापक तथा विधायक रवि राणा का कहना रहा कि, गत रोज जो कुछ भी हुआ वह मनपा की सेवा में रहनेवाले और ठेके पर नियुक्त अस्थायी कर्मचारियों का मनपा प्रशासन के खिलाफ उपजा गुस्सा था और उन कर्मचारियों ने इन्साफ मांगने की नियत से मनपा की आमसभा में पहुंचकर अपनी आवाज उठायी. इसमें कुछ भी गलत नहीं है और ऐसा इससे पहले राज्य की पुणे, नाशिक व मुंबई महानगर पालिका में भी हो चुका है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जिले की सांसद नवनीत राणा और खुद विधायक रवि राणा युवा स्वाभिमान पार्टी से वास्ता रखते है तथा संसद व विधानसभा में अपने-अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते है. जहां पर उनके द्वारा भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया जाता है. वहीं इस समय अमरावती महानगरपालिका में भी भारतीय जनता पार्टी की सत्ता है और भाजपा के गुट में युवा स्वाभिमान के पार्षद भी शामिल है. किंतु इसके बावजूद गत रोज महापौर के अधिकार क्षेत्र में रहनेवाली आमसभा के भीतर घुसकर युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सदन की कार्रवाई को बाधित किया.
इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर विधायक रवि राणा ने अप्रत्यक्ष तौर पर यह कहा कि, इस मामले से युवा स्वाभिमान पार्टी का कोई लेना-देना नहीं, बल्कि यह पूरी तरह से मनपा के ठेका कर्मियों द्वारा किया गया आंदोलन था. इस मामले में अपनी जिम्मेदारियों से लगभग बचने का प्रयास करते हुए विधायक रवि राणा ने कहा कि, जिस तरह केंद्र एवं राज्य स्तर पर उनके भाजपा के साथ अच्छे संबंध है. उसी तरह स्थानीय स्तर पर भी पार्टी पदाधिकारियों के साथ उनके बेहतरीन संबंध है तथा किसी के साथ किसी भी तरह की कोई अदावत या दुश्मनी नहीं है. अत: जानबूझकर किसी के खिलाफ कोई आंदोलन करने का सवाल ही नहीं उठता.
विधायक राणा के मुताबिक मनपा द्वारा ईटकॉन्स ई-सोल्यूशन्स नामक कंपनी को आउटसोर्सिंग का ठेका दिया गया है और कंपनी द्वारा जिस तरीके से काम किया जा रहा है, उसके चलते मनपा की सेवा में रहनेवाले करीब 400 से 500 कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. साथ इन लोगों से कंपनी द्वारा नौकरी में बनाये रखने हेतु 10-10 हजार रूपये की मांग की जा रही है. जिसकी वजह से ठेका कर्मियों के मन में मनपा प्रशासन और ईटकॉन्स कंपनी को लेकर काफी गुस्सा था. इस बात से प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया था. किंतु बावजूद इसके प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से इन अस्थायी कर्मियों द्वारा मनपा पदाधिकारियों को अपनी भावना से अवगत कराने के लिए संभवत: यह कदम उठाया गया.
अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए विधायक रवि राणा ने गत रोज हुई घटना को एक बार भी गलत नहीं माना, बल्कि इसे मनपा की सेवा में रहनेवाले अस्थायी ठेका कर्मियों द्वारा उठाया गया लोकतांत्रिक कदम करार दिया. साथ ही यह कहते हुए इसका समर्थन किया कि, इससे पहले कुछ बडे महानगरों की महानगरपालिकाओं में भी ऐसा हो चुका है और वैसे भी महानगरपालिका अथवा नगर पालिका स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुलझाने व उनकी आवाज को सुनने के लिए ही होती है. अत: यदि किसी ने आमसभा में जाकर अपनी आवाज उठा भी दी, तो इसमें गलत कुछ नहीं है.

  •  महापौर सहित सभी मेरे अपने है

वरिष्ठ स्तर पर आप भाजपा का समर्थन करते है, किंतु स्थानीय स्तर पर आपकी भाजपा नेताओं व पदाधिकारियों से पटरी नहीं बैठती. इस आशय के सवाल को सिरे से खारिज करते हुए विधायक रवि राणा ने कहा कि, स्थानीय स्तर पर भी उनके भाजपा के सभी नेताओं से शानदार संबंध है और महापौर चेतन गावंडे सहित भाजपा के सभी पार्षद एवं भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी भी उनके बेहद अपने है और उनकी किसी के साथ कोई अदावत नहीं है.

  •  मैं हमेशा अच्छे और जनहितवाले कामों के साथ

इन दिनों मनपा में विपक्ष द्वारा सत्ताधारी दल भाजपा पर जमकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे है. क्यां आप इन आरोपों में किसी तरह की कोई सच्चाई पाते है या इन आरोपोें पर आपकी क्या भूमिका है, इस सवाल पर विधायक रवि राणा ने कहा कि, अमरावती व बडनेरा की जनता के हित में स्थानीय स्तर पर जो भी अच्छे काम किये जा रहे है, वे हमेशा उन कामों के लिए साथ और सहयोग देने हेतु तैयार रहते है. इसके अलावा अन्य किसी बात से उनका कोई लेना-देना नहीं है.

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