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नवनीत राणा जात प्रमाणपत्र पर सुनवाई 28 को

अडसूल खेमे ने दी दस्तावेजों की सूची और चार्ट

* आज भी हुई दोनों पक्षों की दलीलें
दिल्ली/दि.22– सांसद नवनीत कौर राणा के फर्जी जाति प्रमाणपत्र प्रकरण में आज भी दोनों पक्षों के बीच जोरदार जिरह हुई. अगली सुनवाई अगले बुधवार 28 फरवरी को रखी गई है. संभावना है कि, उस दिन सर्वोच्च न्यायालय की जस्टीस जे. के. माहेश्वरी तथा जस्टीस संजय करोल की खंडपीठ निर्णय सुना सकती है. बता दे कि, हाईकोर्ट ने तीन वर्ष पहले सांसद राणा का जाति प्रमाणपत्र फर्जी दस्तावेजो के आधार पर बना हुआ बताते हुए खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट के फैसले को सांसद राणा ने सुप्रिम कोर्ट में चुनौति देकर स्टे प्राप्त कर लिया था.

राणा के प्रतिस्पर्धी और पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल की तरफ से वरिष्ठ वकील एड. कपिल सिब्बल, शादान फरासत, सचिन थोरात पेश हुए. उन्होेंने आज कोर्ट में राणा द्वारा मुंबई के प्रशासन द्वारा 1932 में दिए गए किसी दस्तावेज को फर्जी बताया. कहा गया कि, नवनीत राणा के पिता 1946 में मुंबई में आकर बसने की बात कह चुके हैं. ऐसे में 1932 का दस्तावेज सही कैसे हो सकता है. उसी प्रकार अडसूल की तरफ से राणा द्वारा पेश अनेक प्रमाणपत्र और कागजात को फर्जी बताया गया. उनकी तरफ से खंडपीठ के सामने ऐसे प्रमाणपत्र व दस्तावेजो का संपूर्ण चार्ट रख दिया गया.

गौरतलब है कि, लोकसभा की अवधि पूर्ण होनेवाली है. शीघ्र ही नई लोकसभा के चुनाव भी घोषित हो सकते हैं. पिछले 2019 के चुनाव में अपक्ष प्रत्याशी के रुप में नवनीत राणा ने शिवसेना उमीदवार आनंदराव अडसूल को सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र में मात दी थी. राणा ने स्वयं को मोची जाति की बताकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अमरावती लोकसभा क्षेत्र से राकांपा समर्थित प्रत्याशी के रुप में चुनाव लडा था. यह भी उल्लेखनीय है कि, सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ गत 4 दिनों से दैनंदिन फाइनल हिअरिंग कर रही है. जिससे संभव है कि, अगले बुधवार को इस बारे में फैसला सुनाया जा सकता है. पूर्व सांसद अडसूल सतत प्रत्येक सुनवाई के समय अदालत में हाजिर रहने की जानकारी सूत्रों ने दी. वहीं सांसद और उनके विधायक यजमान ऑनलाइन रुप से सुनवाई दौरान उपस्थित रहे.

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