मुंबई दि.23 – सर्वोच्च न्यायालय में महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष पर जारी सुनवाई में लगातार तीन दिन ठाकरे गट की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने जोरदार युक्तिवाद किया. सिब्बल भावुक हो गए थे. उन्होंने कोर्ट में कहा कि, वह यह मुकदमा हारेंगे या जीतेंगे. इसके लिए खडे नहीं है. बल्कि संविधान की रक्षा के लिए वे खडे है. उनके साथ ही अभिषेक सिंघवी ने भी काफी तर्क-वितर्क दिये. इस दौरान जजेस ने ठाकरे गट के वकिलों को प्रश्न भी किये.
महाराष्ट्र में गत जून माह में सत्तांतर हुआ. जिसमें शिवसेना की फूट को लेकर कोर्ट में लडाई चल रही है. गत तीन दिनों से ठाकरे गट के दोनों वकील तरह-तरह की दलीलें दे रहे हैं. इसी दौरान सिब्बल ने कहा कि, राज्यपाल कोई बात खुद होकर नहीं कह सकते. यह संवैधानिक प्रक्रिया है. इसपर जज पीएस नरसिंमा ने कहा कि, क्या राज्यपाल का संवैधानिक रुप में आपके कहे अनुसार दखल देना अनुज्ञेय है. सिब्बल ने तुरंत कहा कि, राज्यपाल को सरकार गिराने में मदद नहीं करनी चाहिए. ऐसे ही र्कोट में संख्याबल का भी विषय आया. सिब्बल ने कहा कि, मविआ के पास 123 विधायक थे, जबकि विरोधकों की संख्या 106 थी. आज भी हमारे पास संख्याबल होने का दावा सिब्बल ने किया. तब प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि, शिंदे के विद्रोह के कारण तुम्हारे पास बहुमत न था. सिब्बल ने शिवसेना से पहले अलग हुए विधायकों पर अयोग्यता की कार्रवाई पर बल दिया. उन्होंने आंकडे प्रस्तुत किये.
इस मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी. शिंदे गुट की तरफ से वकील अपना पक्ष रखेंगे. अभिषेक सिंघवी ने भी सिब्बल के तर्क का समर्थन कर कहा कि राज्यपाल को नैतिकता बरतनी चाहिए थी.