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अकोला व यवतमाल में बारिश से भारी तबाही

समूचे संभाग में त्राहिमाम्...

  •  उमरखेड व महागांव में जबर्दस्त नुकसान

  •  काटेपूर्णा में बाढ, सैकडों एकड खेती पानी में

  •  पुस नदी के किनारे रहने वालों को किया ‘अलर्ट’

 अमरावती/प्रतिनिधि दि.23 – पिछले दो दिनों से अमरावती, अकोला और यवतमाल जिले में हुई मुसलाधार बारिश के चलते तीन दिनों में भारी नुकसान हुआ है. विशेषकर अकोला व यवतमाल जिले में इस बारिश से भारी तबाही की खबरे मिली हैं. वहीं यवतमाल के पुसदवासियों की प्यास बुझाने वाला पुस जलाशय 98 प्रतिशत भर चुका है. इस कारण पुस नदी के किनारे रहने वालों को प्रशासन ने ‘अलर्ट’ कर दिया है. इसके साथ ही अकोला जिले की काटेपूर्णा नदी में कल सुबह आई हुई बाढ के कारण इस नदी के किनारे रहने वाले गांवों का जनजीवन अस्तव्यस्त हुआ है. काटेपूर्णा नदी का पानी खेत में घुसने से सैकडों एकड खेती पर स्थित फसलों का बडी मात्रा में नुकसान हुआ है. वहीं यवतमाल के ही उमरखेड और महागांव में धुआधार बारिश के कारण नदी व नाले उफान पर बहने लगे. जिसमें 780 हेक्टेअर खेतों का नुकसान हुआ. वहीं 40 घर बारिश से क्षतिग्रस्त होने की खबर है. इसी बीच अकोला के सर्वोपचार अस्पताल के अति दक्षता विभाग में कल बारिश का पानी भर गया. अकोला के इस मुख्य सरकारी अस्पताल के अन्य कुछ वार्ड भी पानी में थे.
उल्लेखनीय है कि बुधवार से विदर्भ में बारिश की वापसी हुई और अमरावती, अकोला और यवतमाल जिले में बुधवार को रातभर और कल गुरुवार को सुबह से तुफानी बारिश हुई. इस बारिश से पूरी तरह जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया. यवतमाल जिले के उमरखेड और महागांव तहसील में बारिश से भारी नुकसान हुआ है. दोनों तहसील की नदी ओर नाले उफान पर बहने लगे. पैनगंगा नदी में भी बाढ आयी. उमरखेड तहसील के अनेक गांवों का संपर्क टूटा है. इसी बीच कुपटी गांव का एक युवक नाले की बाढ में बह गया था. किंतु उसे बचाने में सफलता मिली है. उमरखेड तहसील में बुधवार रात से मुसलाधार बारिश ने हाजरी लगाई. इस बारिश से बंदी क्षेत्र के ढाकनी, गांजेगांव, बिटरगांव, कुपटी, दहागांव आदि परिसर की नदी व नालों को बाढ आयी है. उमरखेड से पुसद मार्ग पर दहागांव के समीप नाले का पानी पुलिया से बह रहा था. उसमें कुपटी स्थित विजय दत्ता इलतकर यह युवक बह गया. एक पेड के आश्रय से उसने कुछ समय तक खूद को बचा रखा. इसकी जानकारी प्रशासन को मिलते ही प्रशासन व नागरिकों ने उसे सही-सलामत बाहर निकाला. बारिश के कारण ढाणकी से हिमायतनगर, उमरखेड से पुसद आदि मार्ग की यातायात ठप्प हुई. उमरखेड से ढाकणी की ओर जाने वाले सडको पर पानी भर जाने से इस मार्ग पर यातायात ठप्प हुआ था.

  • पैनगंगा अभ्यारण्य के 40 गांवों का संपर्क टूटा

पैनगंगा अभ्यारण्य परिसर में कल सुबह से मुसलाधार बारिश हुई. इस बारिश के कारण विदर्भ व मराठवाडा को जोडने वाले धनोडा स्थित पैनगंगा नदी लबालब भर गयी. सहस्त्रकुंड झरना भी तेजी से बह रहा है. इस बारिश से उमरखेड व महागांव तहसील की खेती फसलों का भारी नुकसान हुआ है. इस बीच जिलाधिकारी अमोल येडगे, एसपी डॉ.दिलीप पाटील भुजबल, आपदा व्यवस्थापन अधिकारी सतीश मुन, उमरखेड के एसडीओ स्वप्नील कापडणीस व उमरखेड के तहसीलदार आनंद देउलगांवकर स्थिति पर नजर रखे हुए है.

  • पुस नदी किनारे के गांवों को किया अलर्ट

पुसदवासियों की प्यास बुझाने वाला पुस जलाशय 98 प्रतिशत भर चुका है. यह जलाशय किसी भी समय पूरी तरह से भर सकता है. जिससे प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है. पिछले 24 घंटे में पुस के बांध क्षेत्र में 75.3 मीमी बारिश की नोंद हुई. पिछले वर्ष 17 अगस्त को यह जलाशय ओवरफ्लो हुआ था. उस तुलना में इस बार जुलाई महिने में ही जलस्तर बढ चुका है. पुस जलाशय भरने के मार्ग पर रहने से नदी को बाढ आने की संभावना बढ चुकी है. इस कारण प्रशासन ने नदी किनारे के चिखली (कैम्प), वनवार्ला, बान्शी, येरंडा, सावंगी, रंभा, पिंपलगांव (शेलू), कोपरा (भोजला) आदि गांवों के लोगों को अलर्ट कर दिया है, ऐसा मुख्याधिकारी डॉ.किरण सुकलवाड ने स्पष्ट किया है.

  • काटेपूर्णा में बाढ, सैकडों एकड खेती पानी में

काटेपूर्णा नदी को कल गुरुवार को सुबह 8 बजे के दौरान अचानक बाढ आने से नदी किनारे के गांवों का जनजीवन अस्तव्यस्त हुआ है. बाढ का पानी खेत में घुसने से सैकडों एकड खेती की फसलों का बडी मात्रा में नुकसान हुआ है. तहसील छोड अन्य जगह भी हुई अतिवृष्टि से काटेपूर्णा में ही को अचानक बाढ आयी है और बाढ का पानी नदी किनारों के खेतों में घुसने से फसलों का भारी नुकसान हुआ है. इस बाढ के कारण समशेरपुर, गोरेगांव, गाजीपुर, सालतवाडा, अटकली, जांभा, दताला, भटोरी, शेलू बोंडे, मंगरुल कांबे आदि नदी किनारे के गांव की खेत जमीन पानी में आने से बडी मात्रा में नुकसान हुआ है तथा मूर्तिजापुर से म्हैसांग मार्ग का यातायात ठप्प हुआ है.

  • सर्वोपच्चार अस्पताल का आईसीयू जलमय

अकोला शहर स्थित सर्वोपच्चार अस्पताल के कुछ वार्ड में भी पानी घुसने से मरीजों की काफी दैनावस्था हुई. पानी जमा हो जाने से अतिदक्षता विभाग पूरी तरह से जलमय हुआ था. जमा हुआ पानी वार्ड के बाहर निकालने के लिए कर्मचारियों समेत मरीजों के रिश्तेदारों को रातभर बडी कसरत करनी पडी. प्रमुखता से अतिदक्षता विभाग रहने वाले वार्ड नं. 8 के साथ ही वार्ड नं. 6 और 7 में भी बारिश का पानी घुटने तक घुसा था. मध्यरात्रि के बाद वार्ड में जमा पानी का स्तर बढने लगा. इस कारण मरीजों के साथ ही उनके रिश्तेदारों में भी भय का माहौल होने लगा था. आईसीयू के साथ ही वार्ड नं.6 व 7 में भी बडी मात्रा में पानी घुसा, इसके अलावा वार्ड में जाने वाले मार्ग में भी जगह जगह पानी भर जाने का चित्र दिखाई दें रहा था.

  • वर्धा में नाले की बाढ में महिला बह गई

पोथरा ओवरफ्लो, 20 गांवों का संपर्क टूटा
पिछले दो सप्ताह से ज्यादा समय से जिले को दमदार बारिश की प्रतीक्षा थी. बुधवार को तडके 5 बजे से बारिश ने हाजरी लगाई और कल गुरुवार को दोपहर तक मुसलाधार बारिश शुरु थी. इस कारण जिले के मध्यम व बडे जलाशयों का जलस्तर बढ जाने से नदी नाले भी उफान पर बहने लगे. समुद्रपुर तहसील के लाल नाला प्रकल्प के पांच गेट 25 सेंटीमीटर से खोले गए. वहीं पोथरा प्रकल्प में 95.30 प्रतिशत पानी भरने से वह भी ओवरफ्लो होकर बहने लगा. आर्वी तहसील के निम्न वर्धा प्रकल्प में भी 70.64 प्रतिशत पानी भरने से उसके तीन दरवाजे 5 सेंटीमीटर तक खोलने का निर्णय लिया गया. इसी बीच समुद्रपुर के निकट के लाहोरी मार्ग पर स्थित वाघाडी नाले को आयी हुई बाढ में खेती काम के लिए गई हुई रंभाबाई नामदेव मेश्राम नामक महिला बह गई. साथ ही तास नामक गांव के किसान संतोष पंढरी शंभरकर यह गांव को लगकर रहने वाले नाले को आयी हुई बाढ में बैलगाडी के साथ बह गया. एक ही तहसील के दो व्यक्ति बाढ में बह जाने से तहसील प्रशासन में भागादौडी मच गई.

  • भातकुली, अंजनगांव सुर्जी और चिखलदरा में भारी नुकसान

बुधवार तडके 5 बजे से अमरावती जिले में हुई मुसलाधार बारिश कल शाम थम गई. अब जिले के कुछ हिस्से में बारिश की रिपरिपी कायम है, लेकिन कल सुबह से हुई बारिश के कारण जिले की भातकुली तहसील के 17 गांव बाधित हुए. यहां 88 हेक्टेअर खेती फसलों का नुकसान हुआ है. इसी तरह अंजनगांव सुर्जी तहसील के 15 गांव बाढ से बाधित हुए. मुसलाधार बारिश से 5 घर पूरी तरह तथा 33 घरों को अंशत: नुकसान हुआ है. इसी तरह 68 हेक्टेअर खेत जमीन की फसलें नष्ट हुई. इसी दोैरान शहानुर जलाशय के 4 दरवाजे 15 सेंटीमीटर से खोले जाने से नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया था. चिखलदरा तहसील में हुई बारिश के कारण एक झोपडी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुई तथा 7 घरों को नुकसान हुआ हैं तथा 95.70 हेक्टेअर खेत जमीन की फसलों का बारिश से नुकसान हुआ तथा 9.6 हेक्टेअर खेत जमीन पर बोई हुई फसलें बारिश में पूरी तरह से बह गई, इस तरह की जानकारी जिला प्रशासन की ओर से दी गई है.

  • अकोला में 2237 मकान क्षतिग्रस्त, 153 जानवर मृत

पिछले दो दिनों से अकोला जिले में हुई मुसलाधार बारिश के कारण बडी संख्या में घर क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं अकोट में एक व्यक्ति की मौत होने की खबर है. सर्वाधिक नुकसान अकोला तहसील में हुआ. अकोला तहसील में 2 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए और 1 हजार 755 हेक्टेअर फसलों का नुकसान हुआ है. वहीं 25 जानवर यहां मारे गए. बार्शिटाकली तहसील में 108 घर क्षतिग्रस्त हुए तथा 3 हजार 800 हेक्टेअर फसलों के नुकसान के साथ 110 जानवर मारे गए. जिसमें 39 मुर्गियों का भी समावेश है. बालापुर तहसील में 125 घरों को नुकसान पहुंचा तथा 545 हेक्टेअर क्षेत्र की फसलें नष्ट हुई और 17 जानवरों की मौत हो गई. मुर्तिजापुर में मात्र इस बारिश से किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं हैं.

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