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उच्च न्यायालय उलझन में, मुख्य न्यायाधीश को भेजा प्रश्न

दो पत्नी से कितने बच्चे, तो सदस्यता संभव?

* मामला ग्रापं सदस्य रहने, चुनाव लडने का
नागपुर/दि.8- बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे ने प्रश्न उठाया कि, क्या एक से अधिक पत्नियों वाले व्यक्ति की सभी संतानों की कुल संख्या के आधार पर ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है. उन्होंने दो सदस्यीय न्यायपीठ से उचित स्पष्टीकरण के लिए यह प्रश्न मुख्य न्यायाधीश को प्रस्तुत किया है. जिस पर सुनवाई अगले माह की ग्रीष्मकाल की छुट्टी पश्चात होगी. यह प्रकरण अकोला जिले के एक मुस्लिम व्यक्ति की दो पत्नियों से तीन संतानों से सम्बद्ध है.
इस मुस्लिम व्यक्ति की पहली पत्नी को एक और दूसरी पत्नी को दो संताने है. दूसरी पत्नी खैरुनीसा ग्राम पंचायत सदस्य थी. महाराष्ट्र ग्राम पंचायत कानून की धारा 14 (1) (जे 1) के तहत दो से अधिक संतान होने पर संबंधित व्यक्ति ग्राम पंचायत की सदस्य नहीं रह सकती.
इस बीच जिलाधिकारी ने दोनों पत्नियों की संतानों की कुल संख्या के आधार पर खैरुनीसा को विगत 3 नवंबर 2022 को अयोग्य करार दिया. अमरावती आयुक्त ने भी उनका यह आदेश कायम रखा. जिसे खैरुनीसा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. खैरुनीसा के वकील एड. समीर और एड. सुकृत सोहोनी ने गिरिका पंडित प्रकरण का हवाला देकर जिलाधीश के आदेश को अवैध बताया. गिरिका पंडित प्रकरण में स्पष्ट किया गया था कि, दो पत्नियों की संतानों की कुल संख्या एकत्रित नहीं की जा सकती. अब कोर्ट के निर्णय पर सभी की निगाहें लगी है. अनेक जनप्रतिनिधि इस मुद्दें पर अयोग्य ठहराए जा सकते हैं.

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