अमरावती / दि. 20– अमरावती मनपा द्बारा राज्य सरकार की विशेष निधि के जरिए 37 वार्डो में किए जाने वाले विविध विकास कामों को करने हेतु एक ही ठेकेदार की नियुक्ति करने तथा शहर के 22 चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण करने हेतु दो ठेकेदारों को 11- 11 चौराहों के कामों का ठेका देने का निर्णय लेते हुए निविदा प्रक्रिया चलाई गई थी. जिसका विरोध करते हुए इंद्रपुरी कॉन्ट्रेक्टर सोशल वेलफेयर मल्टीपर्पज असो. की ओर से नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिसे सुनवाई पश्चात नागपुर हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अमरावती मनपा के पास अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत विकास कामों को करवाने व अपने हिसाब से निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने का पूरा अधिकारी है. जिसे याचिकाकर्ताओं द्बारा चुनौती नहीं दी सकती और मनपा की ओर से चलाई गई निविदा प्रक्रिया के चलते याचिकार्ताओं के किसी भी अधिकार का हनन नहीं हुआ हैं. अदालत के इस फैसले के अमरावती मनपा के लिए बडी राहत और ठेेकेदारों के लिए बडा झटका माना जा रह है. इस मामले में हाईकोर्ट के समक्ष अमरावती मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट ने सफल पैरवी की. जिन्हें अमरावती जिलाधीश की ओर से पैरवी कर रहे सहायक सरकारी अभियोक्ता एन.एस. औतकर का भी पूरा सहयोग मिला.
जानकारी के मुताबिक अमरावती शहर में विविध विकास काम एवं सौंदर्यीकरण संबंधी कार्यो के लिए अमरावती मनपा को जिलाधीश की ओर से राज्य सरकार की विशेष निधि प्राप्त हुई थी. जिसके जरिए अमरावती शहर के 22 चौराहों का सौंदर्यीकरण करने के साथ ही 37 वार्ड में मुलभूत सुविधाओं से संबंधित विविध विकास कार्य किए जाने थे. इस हेतु मनपा प्रशासने निविदा प्रक्रिया जारी करते हुए सभी 37 वार्डो के विकास कामों के लिए एकत्रित निविदा प्रस्ताव मंगाए साथ ही 22 चौराहों के सौंदर्यीकरण के कामों का 11-11 चौराहों पर विभाजन करते हुए दो निविदा प्रक्रिया चलाई गई. ऐसे में स्थानीय स्तर पर मनपा के कामों का ठेेका लेनेवाले ठेकेदारों ने मनपा के इए फैसले का विरोध किया कि फैसले के चलते छोटे ठेकदारों अपने आप ही निविदा प्रक्रिया से बाहर हो एक गये है और यह निविदा प्रकिया केवल बडे ठेकेदारों को ध्यान में ररखते हुए ही चलाई गई है. जिससे विकास कामों का ठेका हासिल करने से संबंधित उनके अधिकार बाधित हुए है. इसी आधार पर इंद्रपुरी ठेकेदार के अध्यक्ष सतीश परदेशी व संजय नांदुरकर ने नागपुर हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर की. इस याचिका पर न्या. उमिला जोशी फाल्के व न्या. अविनाश घारोटे की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. जहां पर मनपा की ओर से युक्तिवाद करते हुए एड. जैमिनी कासट ने बताया कि मनपा क्षेत्र के सभी वार्डो मेंं एक समान गुणवत्ता वाले काम हो सके. इस बात के मद्देनजर 37 वार्डो में किए जानेवाले कामों का ‘क्लबिंग’ करते हुए केवल एक ही ठेकेदार का चयन किया गया है. ताकि मनपा प्रशासन के लिए काम की गुणवत्ता को लेकर नियंत्रण रखना आसान रहे. इसी तर्ज पर शहर के 22 अलग- अलग चौक चौराहों पर किए जानेवाले सौंदर्यीकरण के कामों को दो हिस्सों में विभाजित किया गया और दो ठेकेदारों को 11-11 चौराहों के सौंदर्यीकरण का जिम्मा सौंपा गया है. साथ ही ऐसा करने से किसी के भी मूलभूत अधिकारों का हनन भी नहीं होता. एड. जेमिनी कासट के युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकार्ताओं की याचिका को निरस्त कर दिया जिससे अमरावती मनपा प्रशासन को काफी राहत मिली है.