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आर्थिक दिक्कतों के साथ ही प्रशासनिक अनदेखी का शिकार हो रहा हिंदू मोक्षधाम

  • तीसरी गैस शवदाहिनी के लिए पैसों की चल रही किल्लत,

  • परिसरवासियों के विरोध का भी करना पड रहा सामना

  • मनपा से मुलभूत सुविधाओं हेतु 50 लाख की निधी मिलने का इंतजार

  • मोक्षधाम के साथ ही विलासनगर श्मशान भुमि का भी अतिरिक्त प्रभार

अमरावती/प्रतिनिधि दि.11 – स्थानीय हिंदू श्मशान भुमि संस्था द्वारा संचालित हिंदू मोक्षधाम में विगत एक वर्ष से अधिकांश कोविड संक्रमितों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जिसके लिए यहां की दो गैस शवदाहिनियोें की सेवाएं ली जा रही है. वहीं शहर के विभिन्न इलाकों में सामान्य वजहों के चलते मृत होनेवाले अधिकांश नागरिकों के पार्थिव भी अंतिम संस्कार हेतु संबंधित क्षेत्रों में स्थित श्मशान भुमियों में ले जाने की बजाय हिंदू मोक्षधाम में ही लाये जाते है. ऐसे में कोविड संक्रमण की रफ्तार तेज रहने के दौरान हिंदू श्मशान भुमि में काम का बोझ अत्याधिक बढ गया है. साथ ही ना लाभ-ना हानी तत्व पर समर्पित सेवाभाव के साथ काम करनेवाली हिंदू श्मशान भुमि संस्था को अब काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर हिंदू मोक्षधाम को अब प्रशासन की ओर से मिलनेवाली सहायता में लालफीताशाही का भी सामना करना पड रहा है. जिसकी वजह से हिंदू मोक्षधाम में अंतिम संस्कार हेतु मुलभूत सुविधाओं के विस्तार का काम अधर में लटका पडा है.
उल्लेखनीय है कि, शहर के मध्यस्थल में बसे हिंदू मोक्षधाम में पारंपारिक तरीके से लकडियों की चिताओं पर अंत्यसंस्कार करने हेतु 18 चबुतरे है. साथ ही दो गैस शवदाहिनी यूनिट भी है. ऐसे में कोविड संक्रमण काल से पहले यहां पर शवों के अंतिम संस्कार का काम बडे आसान व सहज ढंग से किया जाता था. किंतु कोविड संक्रमण काल के दौरान जैसे-जैसे महामारी की रफ्तार बढने लगी और संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों के आंकडे बढने लगे, वैसे-वैसे हिंदू मोक्षधाम पर काम का बोझ भी बढने लगा. साथ ही कोविड संक्रमितों की मृत्यु के मामले बढने के साथ ही हिंदू श्मशान भुमि में शवों के अंतिम संस्कार हेतु जगह और साधन कम पडने लगे. ऐसे में यहां पर अतिरिक्त चबुतरों व शेड की व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ ही तीसरी गैस शवदाहिनी शुरू करने की जरूरत महसूस होने लगी और हिंदू श्मशान भुमि संस्था के पदाधिकारियों द्वारा इस हेतु अपने स्तर पर प्रयास करने के साथ ही जिला व मनपा प्रशासन से भी सहयोग मांगा गया. पश्चात जिलाधीश शैलेश नवाल, महापौर चेतन गावंडे व निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने हिंदू श्मशान भुमि का दौरा व मुआयना करते हुए यहां पर तमाम जरूरी सुविधाओं के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की बात कही. जिसके तहत जिलाधीश ने हिंदू श्मशान भुमि में सुरक्षा दीवार के निर्माण हेतु 50 लाख रूपये तथा मनपा प्रशासन ने शवों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु 50 लाख रूपये की निधी उपलब्ध कराने की बात कही थी. साथ ही मनपा द्वारा आम सभा में बाकायदा 50 लाख रूपये की सहायता निधी देने को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया गया था. किंतु बावजूद इसके हिंदू श्मशान भुमि संस्था को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. क्योंकि अब तक प्रशासन की ओर से कोई सहायता राशि नहीं मिली है. वहीं दूसरी ओर दिनोंदिन शवों के अंतिम संस्कार हेतु खर्च की राशि बढती जा रही है.

  • नागपुर व यवतमाल में प्रति मृतदेह 2 हजार रूपये का मिलता है खर्च

बता दें कि, नागपुर महानगरपालिका व यवतमाल नगर परिषद द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में स्थित श्मशान भुमियों को कोविड संक्रमण की वजह से मृत होनेवाले लोगों के अंतिम संस्कार हेतु दो-दो हजार रूपये की राशि खर्च के तौर पर दी जाती है. किंतु अमरावती महानगर पालिका द्वारा विगत एक वर्ष से कोविड संक्रमित मृतदेहों का अंतिम संस्कार करनेवाले हिंदू मोक्षधाम के लिए ऐसी किसी व्यवस्था का प्रावधान नहीं किया गया है. उलटे सहायता राशि देने का वायदा करने के बावजूद उसमें यह शर्त जोड दी गई है कि, इस राशि का उपयोग हिंदू मोक्षधाम द्वारा तीसरी गैस शवदाहिनी खरीदने के लिए नहीं किया जायेगा. बल्कि इसे अन्य कामों हेतु उपयोग में लाया जा सकता है. जिसके लिए हिंदू मोक्षधाम को मनपा के पास प्रस्ताव देना होगा. लेकिन हैरत की बात यह है कि, हिंदू मोक्षधाम संस्था द्वारा गैस शवदाहिनी में कोविड संक्रमित मरीजों के दाह संस्कार हेतु लगातार प्रयोग में लाये जा रहे गैस सिलेंडरों को रिफील करने हेतु मनपा के पास फाईल भेजी गयी, तो वह फाईल टेबल-दर-टेबल घुमती रही और फिलहाल तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है.

  •  विलासनगर का अतिरिक्त पदभार संभाल रहा मोक्षधाम

यहां सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि, हिंदू मोक्षधाम पर काम के लगातार बढते बोझ को देखते हुए प्रशासन द्वारा विलास नगर व शंकर नगर परिसर स्थित श्मशान भुमियों में कोविड संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार करने को अनुमति दी गई. साथ ही इन दोनों श्मशान भुमियों में भी एक-एक गैस शवदाहिनी स्थापित करने का प्रयास शुरू किया गया. जिसके लिए अलग से निविदा प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. लेकिन पता चला है कि, विलास नगर स्थित श्मशान भुमि में कोविड संक्रमितों के अंतिम संस्कार का जिम्मा हिंदू मोक्षधाम पर ही सौंपा गया है. ऐसे में हिंदू मोक्षधाम को अब काम के दोहरे बोझ का सामना करना पड रहा है. जबकि प्रशासन द्वारा विलास नगर श्मशान भुमि का हिंदू श्मशान संस्था को अधिकृत तौर पर कब्जा भी नहीं दिया गया है.

 

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  • मोक्षधाम में नहीं लगेगी तीसरी गैस शवदाहिनी

इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर महापौर चेतन गावंडे ने बताया कि, हिंदू मोक्षधाम में पहले ही दो गैस शवदाहिनियां काम कर रही है. साथ ही यहां पर कई कोविड संक्रमित शवों का पारंपारिक लकडी की चिताओं के जरिये भी अंतिम संस्कार करना पडा. ऐसे में इन शवों को जलाने से हवा में उडनेवाले धुएं व राख के कणों से इस परिसर में जबर्दस्त प्रदूषण होने के साथ ही यहां कोविड वायरस का संक्रमण फैलने का भी खतरा है. अत: क्षेत्रवासियों द्वारा हिंदू मोक्षधाम में तीसरी गैस शवदाहिनी लगाये जाने का विरोध किया जा रहा है. इसके मद्देनजर प्रशासन ने भी जनभावनाओं को देखते हुए यह तय किया है कि, हिंदू मोक्षधाम में तीसरी गैस शवदाहिनी लगाने हेतु मनपा द्वारा कोई निधी नहीं दी जायेगी तथा मनपा द्वारा दी जानेवाली निधी का उपयोग मोक्षधाम द्वारा अन्य कामों के लिए किया जा सकेगा. महापौर गावंडे ने यह भी कहा कि, यदि हिंदू मोक्षधाम संस्था अपने खर्च पर तीसरी गैस शवदाहिनी लगाना चाहती है, तो उस पर मनपा को कोई आपत्ति नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, शंकर नगर व विलास नगर स्थित श्मशान भुमियों में गैस शवदाहिनी प्रकल्प लगाने हेतु स्वतंत्र तौर पर निविदा प्रक्रिया जारी की गई है. साथ ही शहर की अन्य श्मशान भुमियों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जा रहे है.

 

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  •  सभी का पहले की तरह साथ व सहयोग मिलना जरूरी

हिंदू श्मशान भुमि संस्था के अध्यक्ष एड. आर. बी. अटल के मुताबिक कोविड संक्रमण के शुरूआती दौर में जिला व मनपा प्रशासन सहित सभी स्तर से हिंदू मोक्षधाम को भरपूर सराहना व प्रोत्साहन की प्राप्ति हुई. साथ ही सभी का यथोचित सहयोग भी मिला. किंतु अब जैसे-जैसे हिंदू मोक्षधाम पर काम का बोझ और जरूरत बढने लगे है और हमें सहायता व सहयोग की जरूरत पड रही है, तब हमें अपेक्षित सहायता नहीं मिल पा रही. विगत दिनों लगातार बढती जरूरत को ध्यान में रखते हुए हमने तीसरी गैव शवदाहिनी के लिए ऑर्डर बुक कराया था और अपने पास से करीब 12 लाख रूपयों का अग्रीम भुगतान भी किया था. तब मनपा प्रशासन ने इस तीसरी गैस शवदाहिनी के लिए आवश्यक धनराशि देने का आश्वासन दिया था. किंतु अब कुछ और सुनायी दे रहा है. इसी तरह हमने विगत दिनों गैस शवदाहिनी में लगनेवाली गैस सिलेंडरों पर हुए खर्च की फाईल मनपा के संबंधित विभाग को सौंपी. जिस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. इसी तरह हमने यह भी मांग की है कि, जिस तरह नागपुर मनपा व यवतमाल नगर परिषद द्वारा कोविड संक्रमित मृतदेह के अंतिम संस्कार हेतु दो-दो हजार रूपये का खर्च अनुदान दिया जाता है, उसी तरह अमरावती मनपा द्वारा भी हिंदू मोक्षधाम को अनुदान दिया जाना चाहिए. बता दें कि, विगत एक वर्ष के दौरान कोविड संक्रमण की वजह से मृत होनेवाले अधिकांश व्यक्तियों के पार्थिवों का अंतिम संस्कार हिंदू मोक्षधाम में ही किया गया है.

 

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  • जल्द ही आपसी समन्वय के साथ निकालेंगे रास्ता

वहीं इस बारे में मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह तो स्वीकार किया कि, मनपा द्वारा हिंदू मोक्षधाम को तीसरी गैस शवदाहिनी खरीदने के लिए निधी नहीं दी जानेवाली है. बल्कि श्मशान भुमि में अन्य सुविधाओं के विस्तार व विकास के लिए आमसभा की मंजुरी से 50 लाख रूपयों की निधी का प्रावधान किया गया. जिसके तहत यहां पर अतिरिक्त चबुतरों व शेड का निर्माण किया जायेगा. साथ ही हिंदू श्मशान संस्था की ओर से दिये जानेवाले सभी प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया जायेगा. इसके अलावा जिन मसलों को लेकर कोई समस्या है, उनके संदर्भ में मनपा पदाधिकारियों एवं श्मशान संस्था पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कोई समाधान खोजा जायेगा.

 

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  • जानकारी लेकर आवश्यक कदम उठाये जायेंगे

इस बारे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने कहा कि, उन्हें फिलहाल इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. हालांकि बीच में यह जरूर पता चला था कि, मनपा द्वारा तीसरी गैस शवदाहिनी के लिए श्मशान भुमि को आवश्यक निधी उपलब्ध करायी जायेगी. किंतु अब कुछ और सुनने में आ रहा है. ऐसे में वे इस बारे में जल्द ही मनपा प्रशासन से संपर्क कर आवश्यक जानकारी हासिल करेेंगे और उसके बाद आवश्यक कदम उठाये जायेंगे.

 

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  • अनदेखी का सवाल ही नहीं, अन्य श्मशान भुमियों को भी विकसित किया जा रहा

वहीं इस संदर्भ में जिलाधीश शैलेश नवाल का कहना रहा कि, कोविड काल के दौरान काम करनेवाले किसी भी क्षेत्र की प्रशासन द्वारा अनदेखी नहीं की जा रही है, बल्कि हम तमाम व्यवस्थाओं को पूरा करने का प्रयास कर रहे है. बीते दिनों रिहायशी इलाकों में स्थित श्मशान भुमियों में कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने को लेकर काफी विरोध किया जा रहा था. जिसके चलते वडाली के एसआरपीएफ कैम्प तथा रहाटगांव में निर्जन स्थानोें पर स्थित श्मशान भुमियों में कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने हेतु व्यवस्थाएं की गई. साथ ही विलास नगर व शंकर नगर स्थित श्मशान भुमियों में भी तमाम आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने का काम शुरू किया गया है. ऐसे में यदि कोविड संक्रमण काल के दौरान शुरूआत से प्रशासन का साथ दे रहे हिंदू मोक्षधाम को किसी तरह की समस्या अथवा दिक्कत का सामना करना पड रहा है, तो हम उसे दूर करने का प्रयास करेंगे.

 

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