जिले के एतिहासिक स्थलों को मिलेगा नया कलेवर
जे जे स्कूल ऑफ आर्ट तैयार कर रहा अनेक कलाकृतियां
अमरावती/दि.२६ – जिले के विविध जगहों पर आधुनिक सुविधाओं की निर्मिती करने के लिए मुंबई के जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस के सहयोग से विविध प्रकल्प जिला प्रशासन ने शुरू किए है. जिसके चलते विविध जगहों पर सुविधाओं के साथ ही सौंदर्यीकरण में भी चार चांद लगेंगे तथा पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. मौलिक सुविधाओं के साथ ही प्रत्येक कार्य गुणवत्तापूर्वक करने के अलावा जिले की प्राचीर विरासत, प्रकृति का जतन किया जाए. इसके लिए जिले की विशेषताएं बतलानेवाले महत्वपूर्ण स्थलों की कलाकृतियों का समावेश करने के निर्देश पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने दिए थे. जिसके तहत जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस के कलाकारों को आमंत्रित कर विविध स्थलों के विकास को लेकर चर्चा की. जिससे अनेक नई संकल्पनाएं सामने आयी. इन संकल्पनाओं का विकास जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस के कलाकारों ने अनेक प्रारूप प्रस्तुत किए और उसके अनुसार काम शुरू किया.
संत, महापुरुषों के कार्य अगली पीढी तक पहुंचाएंगे
संत गाडगेबाबा निर्वाणभूमि वलगांव में जिले की प्राचीन, एतिहासिक पहलुओं की जानकारी देनेवाले प्रदर्शन व संग्रहालय बनाया जाएगा.
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज, वैराग्यमूर्ती संत गाडगेबाबा, डॉ. पंजाबराव देशमुख का जीवनपटल नई पीढी तक पहुंचाने के लिए जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस संस्था की ओर से विशेष प्रकल्प चलाया जाएगा. वंदनीय राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की कर्मभूमि श्रीक्षेत्र मोझरी और श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर, संत गाडगेबाबा निर्वाणभूमि वलगाव में मौलिक आवासीय प्रस्ताव के लिए निधि उपलब्ध कराकर दिया जाएगा. सैंकड़ों वर्षों की विरासत रहनेवाले व स्थापत्य शैली के लिए फेमस पुरातन स्थलों के विकास के लिए राज्य में १०१ करोड प्रस्तावित किए है. जिसमें से दर्यापुर तहसील के लासुर के आनंदेश्वर मंदिर का विकास किया जाएगा.
चिखलदरा की सुंदरता में लगेंगे चारचांद
मेलघाट से गुजरनेवाली सातपुडा पर्वत श्रृंखलाओं में बसे चिखलदरा में अनेक कलाकृतियों के जरिए सुंदरता में चार चांद लगाए जाएंगे.
पृथ्वी, अगनी, हवा और आकाश इन पंचतत्वों को लेकर विशाल कलाकृति के अलावा चिखलदरा के पुरातन इतिहास की जानकारी देनेवाले शिल्प भी साकार किए जाएंगे.
-
संतरा प्रक्रिया केंद्र भी स्थापित किया जाएगा
संतरा यह जिले का मुख्य फल है. इसीलिए संतरा उत्पादक किसानों के लिए अत्याध्ाुनिक संतरा प्रक्रिया केंद्र भी स्थापित किया जाएगा. देशभर में स्वादिष्ट संतरों का उत्पादन जिले में होता है. इसकी विशेषताओं को लेकर भी प्रारूप तैयार किया गया है. इसके अलावा जिले में आमझरी मैंगो विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा. जिले के जलप्रकल्प व वहां कि प्राकृति संपदा को ध्यान में रखते हुए इनलैंड वाटर टूरिजम पर जोर दिया जाएगा.