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21 प्रजातियों की शेवंती से हितेंद्र ने सजाया है घर को

परतवाडा/अचलपुर प्रतिनिधि/दि.११ – अपने-अपने घरों में फूल पौधे लगाना, सब्जियों को उगाना या फिर एक प्रकार की छोटी सी बगिया बनाकर उसका रोजाना लुत्फ उठाते प्रकृति प्रेमी घमे रोजमर्रा की जिंदगी में देखने को मिलते रहते हैं, लेकिन किसी एक प्रजाति के फूल विशेष के लिए अपने पूरे परिवार को समर्पित कर देने की भावना रखनेवाले गृहस्थ कम ही देखने को मिलते है. ऐसे ही एक शेवंती प्रेमी युवा हितेंद्र नाकिल और रुपाली नाकिल से रूबरू होने का हमे मौका मिला. अचलपुर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान नगर पालिका के पूर्व पार्षद सुधाकर नाकिल के सुपुत्र और जगदंब विद्यालय में शारीरिक शिक्षक के रूप में कार्यरत हितेंद्र ने अपने आशियाने को शेवंती फूलों की 21 प्रजातियों से शोभायमान कर रखा है. जब उनके घर मे आप प्रवेश करते हैं, तो आंखें चुंधिया जाती है. दिल बाग-बाग हो जाता है. हृदयपटल पर शेवंती के बीच कवि मन का जाग उठना भी स्वाभाविक कहा जा सकता है. हितेंद्र और रुपाली ने इतनी शिद्दत से शेवंती की बगिया को साकार किया, जो शायद कोई गार्डन आर्किटेक्ट भी ना कर पाये. जो आत्मा से फूलों व पौधों को प्रेम करते हैं, उन्हें किसी बाग विशेषज्ञ की जरूरत भी नही पडती है. दिल की धडकनों से नाकिल परिवार के निवास पर सिर्फ और सिर्फ कुछ खिला हुआ नजर आता है, तो वो है, शेवंती का इंद्रधनुषी संसार.
अचलपुर के सुल्तानपुरा निवासी हितेंद्र नाकिल पिछले छह वर्षो से अपने सजीव शेवंती लगाव के कारण पुष्प प्रेमियों में खासे परिचित हो चुके हैं. इन छह वर्षो में उन्होंने सिर्फ किसी नर्सरी से लेकर शेवंती को रोपित और संवर्धन करने का ही काम नही किया, बल्कि अपने सुप्त गुणों के बलबूते पर 21 प्रकार के शेवंती फूलों को तैयार करने में भी वो सफल रहे. शेवंती के प्रति उनका स्नेह, प्रेम, आत्मीयता, लगाव और समर्पण को देख ऐसा लगता है कि हम नाकिल से मिलने उनके घर में नहीं, अपितु हितेंद्र-रुपाली के शेवंती बंग्लो या शेवंती निवास अथवा शेवंती बाग में जा रहे हों. हितेंद्र और रुपाली का शेवंती के प्रति यह लगाव किसी व्यक्ति-विशेष की प्रेरणा से नहीं मिला. यह एक स्वयस्फूर्त जज्बा था, जो फूल समान कोमल ह्रदय के मालिक नाकिल दंपत्ति को किसी चुम्बक की भांति अपनी ओर खींच रहा था. विगत 6 वर्षों से अपने शौक को जिंदा रखते हुए हितेंद्र ने अनेक पुष्प प्रेमियों को शेवंती के पौधों का निशुल्क वितरण भी किया है. वो चाहते हैं कि जुडवां शहर का हर घर शेवंती से महकता व खिलखिलाता हुआ नजर आए.

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