होम आयसोलेट मरीजों को अपनी जिम्मेदारी समझना जरूरी
कई मरीज आयसोलेशन के बावजूद घूम रहे हैैं खुलेआम
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परिजनों सहित अन्य लोगों के लिए हो सकती है मुसीबत
अमरावती प्रतिनिधि/ दि. ११- इन दिनों कोरोना संंक्रमण के लगातार बढ़ते खतरे के बावजूद लोगों में इस संंक्रामक बीमारी को लेकर पहले की तरह भय अथवा डर का माहौल नहीं देखा जा रहा. जो लोग अब तक इस बीमारी के संक्रमण की चपेट में आने से बचे हुए हैं, उनके साथ ही होम आयसोलेट किए गये मरीज भी इस बीमारी के खतरे की अनदेखी कर रहे हैं, जो अपने आप में सबसे अधिक खतरनाक बात है. बता दें कि इन दिनों किसी भी व्यक्ति को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसे सीधे कोविड हॉस्पिटल में भर्ती करने की बजाय कुछ नियमों व शर्तों के अधीन रहते हुए होम आयसोलेशन में रहने की अनुमति व सुविधा प्रदान की जाती है. साथ ही कोविड हॉस्पिटल से डिस्चार्ज प्राप्त करनेवाले मरीजों को भी अगले कुछ दिनों तक होम कोरोंटाईन रहना पड़ता है. लेकिन पाया जा रहा है कि होम कोरोंटाईन अथवा होम आयसोलेशन की अवधि के दौरान कई मरीज अपने घर से निकलकर बाहर घूमते हैं. यह खुद मरीज के साथ साथ उसके परिजनों और उनके संपर्क में आनेवाले सभी लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि होम कोरोंटाईन तथा होम आयसोलेशन में रखे गये मरीजों का पूरा रिकॉर्ड स्थानीय मनपा प्रशासन द्वारा रखा जाता है. साथ ही इससे पहले ऐसे मरीजों की जानकारी पुलिस प्रशासन को भी दी जाती थी और पुलिस द्वारा ऐसे मरीजों की गतिविधियों पर ध्यान रखने के साथ ही उनकी कॉन्टैक्ट हिस्ट्री भी खंगाली जाती थी. लेकिन समय बीतने के साथ ही ऐसे तमाम काम कहीं पीछे छूटते चले गये और आज स्थिति यह है कि घर पर रहकर इलाज करवाने की सुविधा प्राप्त मरीज पूरा समय घर पर ही रहने की बजाय घरों से बाहर निकलकर इधर उधर घूम रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा और भी अधिक बढ़ गया है.
इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक बार फिर पहले की तरह प्रशासन को सभी तरह के मरीजों की स्थिति पर कड़ाई के साथ नजर रखनी होगी. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ की स्थिति को खत्म करना होगा, क्योंकि इन दिनों अनलॉक की प्रक्रिया के तहत मिली छूट व सहूलियतों का बेजा इस्तेमाल हो रहा है. साथ ही लोग बाग बिना मास्क पहने सार्वजनिक स्थानों पर घूम रहे हैं, जिनमें से कौन एस्मिटोमैटीक मरीज है और कौन होम आयसोलेट मरीज, यह पता कर पाना बेहद मुश्किल होता है. साथ ही सबसे खतरनाक स्थिति उस वक्त पैदा होती है, जब इस तरह के मरीज सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क लगाए घूमते हैं. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर थूकते, खांसते या छीकते हैं. इसकी वजह से बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना कई गुना अधिक बढ़ जाती है. ऐसे में अब ये बेहद जरूरी हो चला है कि प्रशासन द्वारा होम आयसोलेट व होम कोरोंटाईन किये गये सभी मरीजों की मौजूदा व दैनिक स्थिति के बारे में अप टू डेट जानकारी रखी जाए.
इस समय तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना का संक्रमण जिस रफ्तार से फैल रहा है, उसके लिए काफी हद तक जनसामान्यों की लापरवाही को जिम्मेदार कहा जा सकता है, क्योंकि इन दिनों लोगों ने मास्क, सैनिटायजर व सोशल डिस्टंसिंग के त्रिसूत्री नियमों की अनदेखी करनी शुरू कर दी है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि सभी लोग खतरे की गंभीरता को देखते हुए अपने अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व गंभीर रहें. साथ ही कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों का पूरी कड़ाई के साथ पालन करें. इस आशय का आह्वान जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम द्वारा किया गया है.
विगत कुछ दिनों से अमरावती शहर सहित जिले में कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सीएस डॉ. निकम ने आम लोगों के नाम एक एडवाईजरी व गाईडलाईन जारी की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि विगत कुछ माह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार के धीमा होते ही लोग-बाग काफी हद तक बेफिक्र हो गये हैं तथा लोगों ने कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों व उपायों की अनदेखी करनी शुरू कर दी है. इस दौरान लोग बाग बिना मास्क पहने शहर में सार्वजनिक स्थानों पर घूम रहे हैं तथा सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन भी नहीं कर रहे, जिसकी वजह से एक दूसरे के संपर्क में आते हुए लोगों के संक्रमित होने का प्रमाण बढ़ गया है. इसके अलावा सर्वाधिक खतरा लोगों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की वजह से भी फैल रहा है, लोगों ने अपनी इस आदत में भी सुधार करना चाहिए.
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एस्मिटोमैटिक मरीज साबित हो रहे हैं खतरनाक
सीएस डॉ. निकम के मुताबिक कई मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई नहीं देते और ऐसे लोगों के संपर्क में आने से दूसरे लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. ऐसे में हर एक व्यक्ति को चाहिए कि अपने घर से बाहर निकलते समय अपने चेहरे पर मास्क का प्रयोग जरूर करे, क्योंकि आपके संपर्क में आनेवाला कौन व्यक्ति कोरोना संक्रमित है और कौन नहीं, यह कहा नहीं जा सकता है. सीएस डॉ. निकम के मुताबिक हर एक व्यक्ति ने अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग व सतर्क भी रहना चाहिए, क्योंकि जाने-अनजाने कौन, कब, कहां इस संक्रमण की चपेट में आ जाएगा, यह भी तय नहीं है.
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वैक्सीन का असर दिखाई देने में लगता है समय
विगत १६ जनवरी से शुरू हुए कोरोना टीकाकरण अभियान के दौरान टीका लगवा चुके कुछ हेल्थ केयर वर्कर्स के कोरोना संक्रमित पाये जाने को लेकर सीएस डॉ. निकम का कहना रहा कि वैक्सीन लगवाते ही शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तैयार नहीं होती, बल्कि इसमें कुछ समय लगता है. साथ ही अभी वैक्सीन का पहला ही डोज लगा है व दूसरा डोज लगना बाकी है. ऐसे में जिन जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई है, उन्होंने एकदम से बेफिक्र नहीं होना चाहिए. साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि जब तक टीकाकरण अभियान के चारों चरण पूर्ण होकर हर एक व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लगा दी जाती, तब तक सुरक्षा के तमाम नियमों का पालन किया जाना चाहिए.
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बेहद कड़े कदम उठाये जायेंगे
इस संदर्भ में मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे से संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए अब यह बेहद जरूरी हो चला है कि स्थिति को नियंत्रित करने कड़े प्रतिबंधात्मक कदम उठाए जाएं. इस बात के मद्देनजर मनपा प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास शुरू कर दिये गये हैं, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क लगाए घूमनेवाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है और पिछले आठ-दस दिनों के दौरान ही करीब १ लाख रूपयों का जुर्माना वसूला गया है. इसके साथ ही अब तय संख्या से अधिक मेहमानों वाले विवाह समारोहों पर भी नजर रखी जाएगी, क्योंकि पाया जा रहा है कि प्रशासन द्वारा शादी-ब्याह में अधिकतम ५० मेहमानों की सीमा तय किये जाने के बावजूद कई स्थानों पर ऐसे आयोजनों में कई गुना अधिक मेहमान शामिल होते हैं. साथ ही इस दौरान कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन भी नहीं होता. इसके साथ ही मनपा द्वारा कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करवाने हेतु पूरे शहर में व्यापक अभियान चलाया जायेगा. साथ ही हालात को नियंत्रित करने के लिए बेहद प्रभावी कदम उठाए जायेंगे. निगमायुक्त रोडे ने सभी शहरवासियों से आह्वान किया कि मौजूदा खतरे को देखते हुए सभी लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग व सतर्क रहें. साथ ही कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों का कड़ाई के साथ पालन करें.