अमरावती/प्रतिनिधि दि.4 – शहर सहित जिले में जगह-जगह व्याप्त कचरे व गंदगी के ढेर की वजह से इन दिनों संक्रामक महामारी फैलानेवाले मच्छरों का प्रादुर्भाव बढ गया है तथा डेंग्यू व चिकन गुनिया सहित मलेरिया जैसी बीमारियां पांव पसार रही है. जिनके संक्रमण की चपेट में आने के बाद लोगबाग अस्पतालों की ओर दौड लगाते है. तथा सर्वाधिक मरीज सरकारी अस्पतालों में ही भरती होते है. किंतु अब इसका क्या किया जाये कि, अमरावती शहर में स्थित जिला सामान्य अस्पताल व जिला स्त्री अस्पताल जैसे दो प्रमुख व सबसे बडे सरकार अस्पताल ही बीमारियोें का घर बने हुए है.
प्रस्तुत छायाचित्रों के जरिये जिला सामान्य अस्पताल व जिला स्त्री अस्पताल में जगह-जगह व्याप्त कचरे व गंदगी की समस्या को देखा जा सकता है और इसे देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि, इन दिनोें खुद ये दोनों अस्पताल ही बीमार पडे है और यहां व्याप्त कचरे व गंदगी की समस्या की वजह से निश्चित तौर पर संक्रामक महामारी फैलानेवाले मच्छरों का बडे पैमाने पर प्रादुर्भाव होता होगा. ऐसे में यहां भरती होनेवाला मरीज चाहे ठीक हो अथवा न हो, किंतु यहां पर आनेवाला भला चंगा व स्वस्थ व्यक्ति बीमार जरूर पड सकता है.
बता दें कि, स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल में समूचे जिले के विविध बीमारियों से संक्रमित मरीज भरती होते है. जिनके साथ यहां पर उनके परिजन भी रहते है. इसके साथ ही जिला स्त्री अस्पताल में प्रसूति हेतु जिले के विभिन्न इलाकों की गर्भवति महिलाएं भरती होती है. यहां पर भी इन महिलाओं के साथ उनके परिजन रहते है. साथ ही इन दोनोें अस्पतालों के बाह्यरूग्ण विभाग में भी हमेशा अच्छी-खासी भीडभाड दिखाई देती है. ऐसे में यहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है, ताकि अन्य किसी भी तरह का कोई संक्रमण न फैल पाये. यहां सबसे उल्लेखनीय यह है कि, विगत डेढ वर्ष के दौरान कोविड संक्रमण का दौर चला और जिला सामान्य अस्पताल में कोविड जांच केंद्र बनाने के साथ-साथ यहां पर सारी संक्रमित मरीजों को भरती करने हेतु स्वतंत्र वॉर्ड बनाया गया था. वहीं जिला स्त्री अस्पताल के पास ही जिले का एकमात्र व सबसे बडा सरकारी कोविड अस्पताल शुरू किया गया है. इसके अलावा जिला स्त्री अस्पताल में कोविड संक्रमित गर्भवति महिलाओं की प्रसूति हेतु विशेष वॉर्ड भी बनाया गया है. ऐसे में इन दोनों अस्पताल परिसरों में चकाचक साफ-सफाई रहना बेहद अपेक्षित है. लेकिन उम्मीद से विपरित ये दोनों ही अस्पताल कचरे व गंदगी की समस्या से जूझते नजर आ रहे है. दोनों अस्पताल परिसरों में जगह-जगह कचरा बिखरा हुआ है. वहीं पाणपोई के नीचे गंदे पानी के जलजमाव की स्थिति है. शौचालय व स्वच्छता गृह गंदगी से भरे पडे है और वॉर्ड के आसपास ही सुअर घुमते दिखाई देते है. यहां पर मरीजों के परिजनों हेतु बैठने के लिए जो जगह बनाई गयी है, वहां पर पानी भरा हुआ है. किंतु इन तमाम समस्याओं की ओर अस्पताल प्रशासन व स्वच्छता विभाग का कोई ध्यान नहीं है. जिसकी वजह से बीमारियों को ठीक करनेवाले और मरीजों का इलाज करनेवाले ये दोनों ही अस्पताल खुद बीमारियों का घर बनते जा रहे है. ऐसे में यहां पर जल्द से जल्द साफ-सफाई का इलाज किये जाने की जरूरत है. (फोटो – अक्षय नागापुरे)