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होटल इम्पिरिया में आग, 1 की मौत

नागपुर निवासी दिलीप ठक्कर की दम घुटने से जान गई

  • तीन दिन के भीतर शहर में अग्निकांड की दूसरी वारदात

अमरावती/प्रतिनिधि दि.31 – स्थानीय राजापेठ पुलिस स्टेशन के ठीक सामने स्थित होटल इम्पिरिया में मंगलवार को तडके करीब 3 बजे भीषण आग लग गयी. होटल के भीतर रूम नंबर 201 के पास लगे इलेक्ट्रीक सप्लाई पैनल में हुई स्पार्किंग के बाद होटल में लगी आग ने देखते ही देखते पुरे होटल को अपने कब्जे में ले लिया और होटल के भीतर वेंटिलेशन की पर्याप्त सुविधा नहीं रहने के चलते होटल के लगभग सभी कमरों में इलेक्ट्रीक वायरिंग जलने का जहरीला धुआं भर गया. जिसकी वजह से कमरा नंबर 205 में रूके नागपुर निवासी 55 वर्षीय दिलीपभाई ठक्कर की दम घुटने से मौत हो गई. मूलत: गुजरात के बडोदरा निवासी दिलीपभाई ठक्कर केबल सिग्नल सप्लाय का काम करनेवाली जीटीपीएल कंपनी के विदर्भ एरिया मैनेजर थे, जो अपने मित्र व सहकर्मी दिपेशभाई शाह के साथ अपने कामकाज के चलते अमरावती आये थे और राजापेठ थाने के सामने स्थित होटल इम्पिरिया में रात्री विश्राम हेतु रूके थे. किंतु यही उनके जीवन की अंतिम रात साबित हुई.
जानकारी के मुताबिक राजापेठ पुलिस थाने के ठीक सामने चार वर्ष पहले शुरू हुए होटल इम्पिरिया में कुल 13 कमरे है. जिसमें से बीती रात 5 कमरे बुक थे. जिनमें अलग-अलग जगहों से अपने कामकाज के लिए अमरावती आये लोग रूके हुए थे. इसमें से कमरा नंबर 201 में दिलीपभाई ठक्कर और दिपेशभाई शाह रूके हुए थे. किंतु रात में तबियत कुछ नासाज लगने की वजह से दिलीपभाई ठक्कर कमरा नंबर 201 से निकलकर कमरा नंबर 205 में चले गये. रात 3 बजे के आसपास जब सभी लोग काफी गहरी नींद में थे, तभी अचानक कमरा नंबर 201 के ठीक बगलवाली दिवार पर लगे इलेक्ट्रीक सप्लाई पैनल में स्पार्किंग होकर होटल में आग लग गयी. इसी इलेक्ट्रीक सप्लाई पैनल पर होटल में लगे सभी विद्युत उपकरणों को चालू-बंद करने के स्वीच लगे हुए है. चूंकि इस होटल में वेंटिलेशन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह से देखते ही देखते पूरा होटल जहरीले व दमघोंटू धुएं से भर गया और लोगबाग हडबडाकर अपने-अपने कमरों से निकलकर बाहर भागे. इस समय होटल के स्टाफ में भी लगभग बदहवासी का आलम था. होटल से बाहर निकलने पर दीपेशभाई शाह ने जब दिलीपभाई ठक्कर को खोजने का प्रयास किया, तब सभी के ध्यान में यह बात आयी कि, दिपेशभाई ठक्कर होटल के भीतर ही रह गये है. इस समय तक राजापेठ थाना पुलिस और दमकल विभाग का दल मौके पर पहुंच चुके थे तथा धुएं से भरे होटल के भीतर घुसकर दिलीपभाई ठक्कर को बाहर निकाला गया, जो पूरी तरह से अचेत थे. ऐसे में उन्हें तुरंत ही इर्विन अस्पताल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच पडताल के बाद दिलीपभाई ठक्कर को मृत घोषित किया. साथ ही अंदेशा जताया कि, फेफडों में जहरीला धुआं घुस जाने तथा दम घुटने की वजह से दिलीपभाई ठक्कर की मौत हुई है.

  • फायर ऑडिट पर सवालिया निशान

उल्लेखनीय है कि, होटल इम्पिरिया में लगी आग को बुझाने हेतु खुद दमकल विभाग के कर्मचारियों को होटल के भीतर घुसने में काफी तकलीफों का सामना करना पडा. पहली मंजील पर स्थित यह होटल चारों ओर से पूरी तरह से पैक है और होटल के भीतर जाने के लिए एक संकरा व सीढीनुमा रास्ता है. यहीं वजह रही कि, होटल के भीतर लगी आग का धुआं बाहर नहीं निकल पाया और इसी धुएं में दम घुटकर दिलीपभाई ठक्कर की जान गई. याद दिला दें कि, कुछ अरसा पहले अमरावती महानगरपालिका द्वारा बडे जोर-शोर से फायर ऑडिट करने का मसला उठाया गया था, लेकिन यह आज तक पता नहीं चल पाया है कि, शहर में कितने व्यापारिक प्रतिष्ठानो, होटलों व कारखानों का फायर ऑडिट हुआ है. विगत शनिवार को एमआयडीसी क्षेत्र स्थित नैशनल केमिकल नामक कारखाने में भी भीषण आग लगी थी और पता चला था कि, इस कारखाने का फायर ऑडिट ही नहीं हुआ था तथा मनपा द्वारा बार-बार केवल नोटीस देने की ही कार्रवाई की गई थी. हालांकि उस घटना में सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई थी. किंतु अब तीन दिन के भीतर शहर में एक दूसरा भीषण अग्निकांड हुआ है. जिसमें एक व्यक्ति की जान भी चली गई है. ऐसे में एक बार फिर मनपा की ओर से फायर ऑडिट किये जाने को लेकर उठाये जानेवाले कदमोें पर सवालिया निशान लगते दिखाई दे रहे है. बता दें कि, जिस होटल इम्पिरिया में यह आग लगी, वहां पर यात्रियों के ठहरने हेतु बनाये गये कमरे की दीवार पर ही पूरे होटल का इलेक्ट्रीक सप्लाई पैनल लगाया गया है, जो अपने आप में बेहद खतरनाक है. साथ ही आग लगने के बाद इस होटल से धुआं बाहर नहीं निकल पाया, क्योंकि होटल में वेंटिलेशन की व्यवस्था अत्यल्प है. ऐसे में इस होटल के फायर ऑडिट पर अब सवाल उठ रहे है. बहरहाल राजापेठ थाना पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है. वहीं समाचार लिखे जाने तक मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में राजापेठ थाना पुलिस द्वारा होटल मालिक व व्यवस्थापक के खिलाफ भादंवि की धारा 304 (अ) के तहत मामला दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही थी.

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