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हॉटस्पॉट क्षेत्रों में चलायेंगे हाउस टू हाउस सर्वे

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए त्रिसूत्री का पालन जरूरी

  • रोेजाना 1300 टेस्टिंग की जा रही

  • महाविद्यालय शुरू करने का निर्णय दो सप्ताह के लिए बढाया

  • प्रेस ब्रिफिंग में जिलाधिकारी ने दी जानकारी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.११ – शहर सहित जिले में कोरोना का प्रकोप इन दिनों तेजी से बढते जा रहा है. शहर में ेआठ ऐसे क्षेत्र है, जो फिलहाल कोरोना हॉटस्पॉट बने हुए है. वहीं जिले के कुछ पांच क्षेत्र भी कोरोना हॉटस्पॉट है. इन कोरोना हॉटस्पॉट क्षेत्रोें में अब रोजाना हाउस टू हाउस सर्वे करने की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी. आशावर्कर्स सहित स्वास्थ्य कर्मी इन हॉटस्पॉट क्षेत्रों में लगातार भेट देकर जनजागृति करेंगे. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए त्रिसूत्री का पालन करना बेहद जरूरी हो गया है. प्रशासन की ओर से लगातार कोरोना नियमों का पालन नहीं करनेवाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जायेगी. जनता ने कोरोना को अब गंभीरता से लेना चाहिए. अन्यथा प्रशासन को कडे से कडे निर्णय लेना पड सकता है. इस आशय की जानकारी जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में दी.
प्रेस ब्रीफिंग में जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने कहा कि, बीते 10-15 दिनों से कोरोना के चलते जिला, मनपा और स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ रही है. शहर सहित जिले का हाल ही में दिल्ली की केंद्रीय समिती ने सर्वे किया था, जिसमें इस समिती द्वारा 8 पॉकिटस् हॉटस्पॉट बताये है. इनमें अमरावती शहर के राजापेठ, बेलपुरा, कैम्प, रहाटगांव, दस्तुरनगर, साईनगर और रूख्मिनी नगर का समावेश है. वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्र में नांदगांव खंडेश्वर, अचलपुर, वरूड, मोर्शी और चांदूर बाजार यह इलाके कोरोना के हॉटस्पॉट बने हुए है. लिहाजा इन हॉटस्पॉट इलाकों में बडे पैमाने पर जनजागृति करना बेहद आवश्यक हो गया है. लोग आज भी कोरोना को गंभीरता से लेते हुए नजर नहीं आ रहे है. एक-दूसरे के संपर्क में लोग लगातार आ रहे है. जिससे कोरोना तेजी से फैल रहा है. प्रशासन की ओर से कोरोना की त्रिसूत्री गाईडलाईन पारित की गई है. जिसमें मास्क, सैनिटाईजर और सोशल डिस्टंसिंग का पालन करना जरूरी कर दिया गया है. फिर भी त्रिसूत्री का पालन होते हुए नहीं दिखाई दे रहा है. जिलाधिकारी नवाल ने कहा कि, दिल्ली की केेंद्रीय समिती ने अकोला, यवतमाल, अमरावती व नागपुर इन इलाकों को हाईरिस्क घोषित किया है. इसके अलावा इस टीम ने कोविड अस्पतालों में 30 फीसदी बेड बढाने, मेडिसीन का पर्याप्त स्टॉक रखनेे, जिसमें प्राथमिकता से रेमडेसीविर का स्टॉक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है. जिले में कोरोना की टेस्टिंग भी लगातार की जा रही है. पीडीएमसी, धु्रव लैब, विद्यापीठ लैब, इर्विन लैब सहित निजी अस्पतालों में भी कोरोना टेस्टिंग की जा रही है. आरटीपीसीआर टेस्टिंग को सबसे पहले प्राथमिकता दी जा रही है. इन लैब के जरिये रोजाना 1300 टेस्टिंग की जा रही है. जिलाधिकारी ने बताया कि, बीते 1 फरवरी से कोरोना के पॉजीटिव केसेस काफी बढ गये है, लेकिन लोगबाग अपनी मनमानी ही करते नजर आ रहे है. लगातार बढ रहे केसेस से प्रशासन भी चिंतीत है और इन बढ रहे कोरोना केसेस के कारणों को ढूंढने की कोशिश भी की जा रही है. लॉकडाउन की स्थिति नहीं आनी देनी चाहिए. इसके लिए कोरोना गाईडलाईन का कडाई से पालन करना जरूरी है. हाल की घडी में वलगांव में संस्थात्मक कोविड सेंटर शुरू किया जा रहा है. यहां पर 102 बेडस् अभी भी उपलब्ध है. यह सेेंटर शुरू करने का निर्णय इसलिए लिया गया है कि, जिन लोगों के घर में कोरोना पॉजीटिव मरीजोें को रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, उन्हें यहां पर भरती किया जायेगा.

  • चार उपजिलाधिकारियोें की गठित टीम कर रही कार्रवाई

शहर में बढ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए चार उपजिलाधिकारियों के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम का गठन किया गया है. इस टीम के जरिये कोरोना नियमों को तोडनेवालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है. हालांकि यह अब तक बताया नहीं जा सकता है कि, आखिर कितने लोगों पर कार्रवाई की गई है.

  • थूंकने वालों पर भी अब होगी कडी कार्रवाई

शहर में सार्वजनिक स्थलों या फिर भीडभाडवाले क्षेत्रों में थूंकनेवालोें के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई आरंभ की गई है. लेकिन अब इसे और भी सख्त किया जा सकता है. भीडभाडवाले क्षेत्र में जाते समय लोगों ने पूरी तरह से अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए मास्क व हैण्ड सैनिटाईजर का उपयोग करना चाहिए. वहीं यहां पर सोशल डिस्टंसिंग का कडाई से पालन करना बेहद जरूरी है.

  • होम आयसोलेट लोग भी अपनी जिम्मेदारी को समझे

होम आयसोलेट किये गये लोगों ने भी इस संक्रमण की घडी में अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए. अपनी गैर जिम्मेदाराना बर्ताव से वे अपने परिजनोें को भी खतरे में डाल सकते है. इसलिए होम आयसोलेट लोग यदि बाहर निकलते है, तो कोरोना नियमोें का पालन करना चाहिए. अन्यथा इन लोगों पर भी प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जा सकती है.

  • महाविद्यालय खोलने का समय दो सप्ताह के लिए टला

संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलसचिव की ओर से विद्यापीठ अंतर्गत चलाये जानेवाले महाविद्यालयों को खोलने के संदर्भ में पत्र मिला है. लेकिन जिले में अब कोरोना के केसेस लगातार बढते जा रहे है. इस स्थिति में हाल की घडी में महाविद्यालयोें को खोलने का विचार दो सप्ताह बाद लिया जायेगा. 24 या फिर 28 फरवरी के बाद ही महाविद्यालयोें को खोलने का निर्णय लिया जा सकता है.

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