सीईटी रद्द होने से कैसे होगा 11 वीं में प्रवेश?
मनपसंद कॉलेज के लिए करनी होगी जमकर कसरत
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10 वीं का परिणाम अधिक रहने से प्रतिस्पर्धा बढी
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हाईकोर्ट के आदेश पर अंकों के आधार पर होगी प्रवेश प्रक्रिया
अमरावती/प्रतिनिधि दि.17 – इस वर्ष कक्षा 10 वीं का परीक्षा परिणाम अंतर्गत मूल्यांकन पध्दति के जरिये घोषित किया गया और उत्तीर्ण होनेवाले विद्यार्थियों का प्रतिशत भी काफी अधिक रहा. जिसमें से अधिकांश विद्यार्थी प्राविण्यता प्राप्त श्रेणी और प्रथम श्रेणीवाले अंकों के साथ उत्तीर्ण हुए है. चूंकि इस वर्ष कक्षा 10 वीं की लिखीत परीक्षा नहीं ली गई थी. अत: राज्य सरकार द्वारा कक्षा 11 वीं में प्रवेश हेतु सामाईक प्रवेश परीक्षा यानी सीईटी लेने का निर्णय लिया गया था. किंतु उच्च न्यायालय के आदेश पर अब सीईटी की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. ऐसे में अब कक्षा 11 वीं की प्रवेश प्रक्रिया कैसे होगी और विद्यार्थियोें को उनका मनपसंद महाविद्यालय कैसे मिलेगा, इसे लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है. क्योंकि इस बार उत्तीर्ण विद्यार्थियों की तुलना में कक्षा 11 वीं में प्रवेश हेतु उपलब्ध सीटें कम है और नामांकित महाविद्यालयों सहित हर एक महाविद्यालय में एक-एक सीट के लिए कडी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड सकता है.
बता दें कि, उच्च न्यायालय ने कक्षा 10 वीं के अंकों के आधार पर 6 सप्ताह के भीतर कक्षा 11 वीं में प्रवेश की प्रक्रिया को पूर्ण करने का आदेश जारी किया है. जिसके चलते राज्य शिक्षा मंडल को सीईटी परीक्षा लेने की योजना लपेट देनी पडी. वहीं अब अंतर्गत मूल्यांकन पध्दति के तहत दिये गये अंकों के आधार पर विद्यार्थियों को कक्षा 11 वीं में प्रवेश देने की नई प्रक्रिया शुरू की जा रही है. किंतु समस्या यह है कि, अमरावती जिले में कक्षा 10 वीं में उत्तीर्ण होनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 38 हजार 964 है, वहीं अमरावती महानगर क्षेत्र के कनिष्ठ महाविद्यालयों में कक्षा 11 वीं में प्रवेश हेतु केवल 15 हजार 670 सीटें उपलब्ध है. चुंकि अमरावती के ग्रामीण क्षेत्रों से वास्ता रखनेवाले अधिकांश विद्यार्थी अमरावती शहर में रहकर यहां के नामांकित महाविद्यालयों में पढाई करना चाहते है. ऐसे में इस वर्ष अमरावती के सभी महाविद्यालयों में एक-एक सीट के लिए काफी कडी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड सकता है.
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महाविद्यालयों का ‘कट ऑफ’ बढेगा
इस वर्ष कक्षा 10 वीं के परीक्षा परिणाम का औसत काफी अधिक बढा हुआ है और 99.57 फीसद परिणाम रहा. वहीं कक्षा 11 वीं में प्रवेश हेतु 310 सीटें बढाई गई है और कोई भी विद्यार्थी प्रवेश से वंचित न रहे, ऐसा नियोजन केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया समिती द्वारा किया जा रहा है. लेकिन यह तय है कि, सीटों की तुलना में विद्यार्थी संख्या काफी अधिक रहने और इस बार परीक्षा परिणाम का स्तर भी उंचा रहने के चलते सभी महाविद्यालयों द्वारा अपने ‘कट ऑफ’ को भी बढाया जा सकता है. इस आशय की जानकारी केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया समिती के समन्वयक प्रा. अरविंद मंगले द्वारा दी गई है.