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कैसे होंगे पॉलिटेक्नीक, आईटीआई के प्रवेश

 व्यवसाय प्रशिक्षण व तंत्रशिक्षण संचालनालय का फार्मुला ही नहीं बना

अमरावती/प्रतिनिधि दि.15 – राज्य में ग्यारहवीं प्रवेश के लिए स्पर्धा रहने से तथा दसवीं की परीक्षा न होने के कारण सीईटी लेने का विचार शुरु है. इसके लिए ऑनलाइन सर्वे भी किया गया है. किंतु दसवीं के बाद पॉलिटेक्नीक और आईटीआई प्रवेश को विद्यार्थी बडी संख्या में हर वर्ष अर्जी करते है. इस पाठ्यक्रम की सीटें रिक्त रहती है फिर भी अच्छी संस्था और ट्रेड हासिल करने के लिए स्पर्धा रहती है. इस कारण प्रवेश का फार्मुला व्यवसाय प्रशिक्षण व तंत्रशिक्षण संचालनालय को तैयार करना पडेगा.
कौशल्य आधारित शिक्षण मिलना चाहिए, इसके लिए दसवीं के बाद पालक पॉलिटेक्नीक व आईटीआई इन पाठ्यक्रमों पर ज्यादा जोर देते है. हर वर्ष इन दोनों पाठ्यक्रमों को बडी संख्या मेें दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थी अर्जी करते है. पॉलिटेक्नीक पदवी पाठ्यक्रम पूर्ण करने के बाद नौकरी अथवा आगामी अभियांत्रिकी पदवी शिक्षण लेने के लिए संधी और अधिक आसान होती है. इससे अनेक विद्यार्थी प्रवेश लेते है. पिछले वर्ष पॉलिटेक्नीक तंत्रशिक्षण पदवीका पाठ्यक्रम के प्रवेश में कमला की वृध्दि दिखाई दी.
दसवीं के विद्यार्थियों के लिए शाला से ही स्कूल कनेक्ट यह उपक्रम हाथों में लिया गया था. जिससे 2020-21 इस शैक्षणिक वर्ष के लिए 376 संस्था में 62 हजार 122 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिये थे. पॉलिटेक्नीक की 40 प्रतिशत सीटें रिक्त रही तो भी अच्छी संस्था हासिल करने के लिए दसवीं मेधावियों में रस्सीखेच रहती है. इससे दसवीं नतीजों का फार्मुला क्या आता है, इसपर सबकुछ निर्भर है. उसके बाद ही प्रवेश पूर्ण किये जाएंगे.
आईटीआई की ओर विद्यार्थियों का भारी झुकाव है. इच्छुक ट्रेड पाने के लिए आईटीआई के विद्यार्थियों का उत्स्फूर्त प्रतिसाद हर वर्ष मिलता है. पिछले वर्ष कोरोना के चलते प्रवेश कम हुए. फिर भी आईटीआई के इलेक्ट्रीशियन, फीटर, मशीनिस्ट, डीजल, मोटर मेकैनिक, इलेक्ट्रॉनिक्स मशीनिस्ट आदि पाठ्यक्रमाेंं को मेधावी विद्यार्थी पसंद करते है. उद्योग क्षेत्र में नौकरी की गारंटी रहने से इन्हीं विद्यार्थियों ने इन पाठ्यक्रमों को अर्जी में पसंदी क्रम भरा. ऐसा मिले हुए आंकडों से दिखाई देता है. आईटीआई के गत वर्ष 1 लाख 3 हजार 291 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिये थे.

ग्यारहवी प्रेवश के लिए सीईटी होगी. फिर भी इन दोनों महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों का प्रवेश कैसे होगा, इस बाबत अभी तक स्पष्टता नहीं है. दसवीं की परीक्षा रद्द होने से मुल्यांकन कैसे करना इस संदर्भ में बैठक हो रही है. फिर भी इस परीक्षा के नतीजों के बाद ग्यारहवीं के साथ साथ प्रवेश कैसे होने चाहिए, इसका भी विचार होना चाहिए, इस तरह की मांग हो रही हेै. दसवीं के मुल्यांकन बाबत क्या निर्णय होगा, इसपर यह सभी निर्णय निर्भर है. इस कारण शालेय शिक्षा विभाग ने जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए, इस तरह की मांग की जा रही है.

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