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‘ई-प्राईम सेल’ का सैंकडों ग्राहकों को झांसा

 छह माह में चेन मार्केटिंग के जरिये फैलाया जालसाजी का नेटवर्क

  •  अब तक 118 लोगों के साथ 22 लाख की ठगी होने की बात उजागर

  •  ‘ई-प्राईम सेल’ का व्यवस्थापक नागपुर से फरार

  •  कंपनी के खिलाफ शहर साईबर पुलिस ने किया अपराध दर्ज

अमरावती/प्रतिनिधि दि.13 – करीब आठ वर्ष पूर्व नागपुर की श्री सूर्या, वासनकर, हेल्थ एन्ड वेल्थ तथा मैत्रेय जैसी कंपनियों ने लोगों को करोडों रूपयों का चुना लगाया. जिसमें से आज भी पूरी रकम वापिस नहीं मिल पायी है. वहीं अब अमरावती में ‘ई-प्राईम सेल’ नामक नेटवर्किंग व्यवसाय के जरिये अमरावती के सैंकडों नागरिकों को करोडो रूपयों का आर्थिक फटका दिये जाने की जानकारी सामने आयी है. इस संदर्भ में मिली शिकायत के आधार पर शहर पुलिस आयुक्तालय के साईबर पुलिस थाने में ‘ई-प्राईम सेल’ के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. इस मामले में सबसे पहले केवल एक ही व्यक्ति ठगबाजी की शिकायत लेकर सामने आया था, लेकिन अब पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला है कि, करीब 118 लोगों को 22 लाख रूपये से ठगा गया है. वहीं अब भी शिकायतों का मिलना लगातार जारी है. ऐसे में अब जालसाजी की रकम करोडों रूपयों के आसपास जाने की संभावना जतायी जा रही है.
शहर साईबर सेल पुलिस द्वारा इस मामले में नागपुर निवासी मनोज कापसे, पुष्पक पटले, उत्तम पटेल तथा एक महिला के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है. ये चारों ही ‘ई-प्राईम सेल’ के व्यवस्थापक है. ‘ई-प्राईम सेल’ ने अपना व्यवसाय फरवरी-2021 से अमरावती में शुरू किया. जिसमें चेन मार्केटिंग की तरह ही ग्राहकों को अलग-अलग प्रलोभन दिये जाते थे और ग्राहक बढाने हेतु चारों व्यवस्थापक अमरावती आकर यहां मिटींग लिया करते थे. शुरूआती दौर में कई ग्राहकों को ‘ई-प्राईम सेल’ की ओर से तय समय पर उनकी रकम पर लाभ मिला करता था. जिसे देखकर अन्य ग्राहक भी कंपनी के साथ जुडते चले गये. किंतु जैसे-जैसे ग्राहक जुडने लगे, वैसे-वैसे कुछ दिनों बाद कंपनी द्वारा निवेश पर लाभ देना बंद कर दिया गया. साथ ही शहर के साईनगर में शुरू किये गये ‘ई-प्राईम सेल’ के ‘मार्ट’ को भी बंद कर दिया गया. इस समय कई ग्राहकों को अपने साथ जालसाजी होने की बात ध्यान में आयी. पश्चात कुछ ग्राहक नागपुर पहुंचे, लेकिन नागपुर में भी ‘ई-प्राईम सेल’ का मार्ट बंद दिखाई दिया और कापसे के घर जाने पर पता चला कि, वह पहले ही घर छोडकर फरार हो गया है. जिसके बाद स्थानीय वहेदत कालोनी निवासी इमरान अली मकसूद अली ने साईबर पुलिस थाने में पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करायी. जिसकी जांच करने पर पता चला कि, जालसाजी का शिकार हुए लोगों में कई प्राध्यापक, अभियंता, शिक्षक एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों सहित सर्वसामान्य व्यक्तियों तथा मेहनत-मजदूरी करनेवाले लोगों का समावेश है. ऐसे में साईबर पुलिस द्वारा ‘ई-प्राईम सेल’ के चारों व्यवस्थापकों के खिलाफ सुचना तकनीक अधिनियम के साथ ही भादंवि की धाराओं के तहत अपराध दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई. साथ ही साईबर पुलिस का एक दल नागपुर भी जाकर आया. किंतु चारों में से कोई भी व्यवस्थापक पुलिस के हाथ नहीं लगा.

  • होटल में बैठक और कार का प्रलोभन

पता चला है कि, ‘ई-प्राईम सेल’ का विस्तार करते हुए ग्राहकों को इसकी ओर आकर्षित करने हेतु चारों व्यवस्थापक अक्सर ही शहर में आया करते थे और यहां के होटलोें में मिटींग आयोजीत करते थे. इस समय मिटींग में उपस्थित लोगों को व्यवसाय के बारे में जानकारी देने के साथ ही कहा जाता था कि, अच्छा व्यवसाय करने पर उन्हें कंपनी की ओर से बाईक अथवा कार ईनाम के तौर पर मिल सकती है. साथ ही अधिक से अधिक ग्राहक जोडने पर उन्हें व्यवस्थापक सहित अन्य पदों पर प्रमोशन मिल सकता है और जो जीतने अधिक ग्राहक जोडेगा, उसे उतना अधिक लाभ मिलेगा.

  • खुद का घर दिया किराये पर और खुद किराये के घर में निवास

इस कंपनी के चार व्यवस्थापकों में सबसे प्रमुख रहनेवाले मनोज कापसे का नागपुर में अपना खुद का घर है, जो उसने किसी अन्य व्यक्ति को किराये पर दिया है तथा वह खुद किराये का मकान लेकर रहता था. अपराध दर्ज होने के बाद शिकायतकर्ताओं की संख्या बढने की बात ध्यान में आते ही साईबर पुलिस का पथक नागपुर पहुंचा, तब पता चला कि विगत 22 फरवरी से उसका फोन स्वीच ऑफ है, साथ ही वह जिस घर में किराये से रहता था, उसने उस घर को काफी पहले छोड दिया है.

 

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  • जालसाजी होने पर शिकायत करे

इस मामले में हमने बेहद सघन जांच शुरू की है और आरोपियों की तलाश की जा रही है. इस कंपनी द्वारा जिन-जिन लोगों के साथ जालसाजी की गई है, उन सभी लोगों ने शहर पुलिस आयुक्तालय के साईबर पुलिस थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए.
डॉ. आरती सिंह
पुलिस आयुक्त, अमरावती.

  •  रकम निवेश करते समय सतर्कता बरतें

‘ई-प्राईम सेल’ द्वारा ठगे जाने को लेकर अब तक 100 से अधिक आयडी व शिकायत सामने आयी है और जालसाजी की रकम का आंकडा 20 लाख से उपर पहुंच गया है. ऐसे में यदि और किसी के साथ भी इस कंपनी द्वारा जालसाजी की गई है, तो वे तुरंत अपने नजदिकी पुलिस थाने से संपर्क करे. साथ ही सबसे जरूरी यह है कि, कहीं पर भी अपनी रकम का निवेश करते समय तमाम आवश्यक सतर्कता बरते और किसी भी तरह के प्रलोभन में फंसकर निवेश करने से बचे.
सीमा दातालकर
पुलिस निरीक्षक, साईबर पुलिस थाना

  •  ‘ई-प्राईम सेल’ में ऐसे हुई ग्राहकों के साथ जालसाजी

‘ई-प्राईम सेल’ में प्रवेश करते समय ग्राहक को शुरूआत में ही कम से कम पांच हजार रूपये तथा अधिकतम कितनी भी रकम डिपॉझिट मनी के तौर पर भरनी होती थी. यह रकम भरने के बाद संबंधित ग्राहक को कंपनी की ओर से आयडी व पासवर्ड दिया जाता था. साथ ही ‘ई-प्राईम सेल’ द्वारा संबंधित ग्राहक के साथ ‘एमओयू’ किया जाता था. ग्राहक से प्राप्त रकम इस कंपनी के मार्ट में निवेश की जाती थी और मार्ट में होनेवाली बिक्री से जो कुछ भी लाभ होता था, उसके आधार पर तथा संबंधित ग्राहक द्वारा खरीदे गये वस्तुओं के जरिये हासिल पॉइंट के आधार पर निवेशक को एकमाह पश्चात उसके निवेश पर लाभ दिया जाता था. मुनाफे की यह रकम संबंधित ग्राहक द्वारा अपने खाते से प्रतिमाह 1, 11 व 21 तारीख को ही निकाली जा सकती थी. इस करार में यह भी तय किया गया था कि, यदि किसी महिने में ‘ई-प्राईम सेल’ के मार्ट से कोई बिक्री नहीं होती है, तो भी निवेशक को महिने के अंत में पांच प्रतिशत रकम दी जायेगी. लेकिन ग्राहक कभी भी अपने द्वारा जमा करायी गई डिपॉझिट मनी नहीं निकाल सकता और यदि निकालता है, तो उसमें 20 प्रतिशत की कटौती होगी. शुरूआत में कुछ दिनों तक तो कई ग्राहकों को मुनाफे की रकम मिली, लेकिन बाद में कंपनी द्वारा मुनाफे की रकम देना बंद कर दिया गया. साथ ही साथ 20 फीसद रकम काटकर डिपॉझिट मनी वापिस लौटायी जाने की मांग करने को लेकर कंपनी द्वारा यह रकम भी वापिस लौटाने से इन्कार कर दिया गया. ऐसे में अपने साथ ठगबाजी होने की जानकारी सामने आते ही कई ग्राहक साईबर पुलिस स्टेशन पहुंचने शुरू हो गये. जिनके द्वारा ‘ई-प्राईम सेल’ कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है.

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