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पत्नी का सिंदूर मिटाकर आया हूं, पीछे हटा तो तेरा नहीं

सुरेश बंडगर का उपचार लेने से इनकार

अहमदनगर दि. 23 मैंने अनशन पर आने से पूर्व मेरी पत्नी का सिंदूर मिटा दिया है. पत्नी से कहा है कि पीछे हटा तो तेरा नहीं और लौटा तो धनगर समाज का. इस कारण धनगर आरक्षण पर जब तक अमल नहीं होता तब तक मेरा अनशन शुरू रहेगा. ऐसा वक्तव्य सुरेश बंडगर ने किया है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार के साथ बैठक विफल रहने से हम अपनी भूमिका पर कायम है. इस कारण वैद्यकीय उपचार ठुकरा दिया है. अनशन शुरू रखने की भूमिका उन्होंने ली है. चौंडी में धनगर आरक्षण की मांग को लेकर शुरू रहे आंदोलन आज 17 वां दिन है.
शासन केवल समय निकाल रही है. अन्य राज्य में धनगर समाज को एसटी प्रवर्ग की सुविधा दी जाती है. फिर महाराष्ट्र राज्य में क्यों नहीं ? ऐसा यशवंत सेना का कहना है. जब तक मांग मंजूर नहीं होती तब तक अनशन शुरू रहने की भूमिका आंदोलकों ने ली है. इस कारण आगामी समय में यह आंदोलन और तीव्र होने की संभावना है. 19 सितंबर को जिला अस्पताल में भर्ती किए गए अण्णासाहेब रूपनवर की हालत नाजूक रहने के बाद उन्हें ससुन हॉस्पिटल में रेफर किया गया. गिरीश महाजन की मुलाकात के बाद दो दिन बीतने के बावजूद सरकार की तरफ से चर्चा के लिए निमंत्रण न आने से खंबाटकी घाट के साथ राज्य के 25 स्थानों पर रास्ता रोको आंदोलन किया गया. धनगरों को अनुसूचित जनजाति आरक्षण मिलने की मांग को लेकर 16 दिनों से यशवंत सेना ने नगर जिले के चौंडी में अनशन शुरू किया है. इस पर पहल करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरूवार को बैठक ली. धनगर आरक्षण अभ्यास के लिए न्यायमूर्ति की समिति गठित कर मध्यप्रदेश, बिहार, तेलंगाना में अध्यादेश निकालकर जाति प्रमाणपत्र दिए जाते है, इस बाबत अभ्यास करने के लिए अधिकारी भेजे जायेंगे और आंदोलकों पर दर्ज मामले वापस लेने का आश्वासन शिंदे ने दिया है.

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