मैं ठाकरे व शिवसेना के प्रति निष्ठावान, राकांपा से लेना देना नहीं
ठाकरे गुट के सहसंपर्क प्रमुख दिनेश बूब का कथन
अमरावती/दि.15 – मैं कट्टर शिवसैनिक रहने के साथ ही ठाकरे परिवार के प्रति अपनी पूरी निष्ठा रखता हूं. ऐसे में किसी अन्य राजनीतिक दल में मुझे लेकर क्या बातचीत चल रही है, इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है. मैं तो वही करुंगा, जो मुझे मेरे नेता उद्धव ठाकरे द्बारा कहा जाएगा. यदि उद्धव ठाकरे द्बारा मुझे महाविकास आघाडी की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव लडने के लिए कहा जाता है, तो मैं निश्चित ही शिवसेना अथवा आघाडी में शामिल घटक दल की ओर से प्रत्याशी बनकर चुनाव लडने के लिए तैयार हूं. लेकिन इसका फैसला मुझे नहीं, बल्कि उद्धव ठाकरे को करना है. कल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की बैठक में मेरे नाम को लेकर चर्चा हुई, ऐसा मुझे भी पता चला है. लेकिन उस चर्चा से फिलहाल मेरा कोई लेना-देना नहीं है. इस आशय का प्रतिपादन शिवसेना उबाठा के अमरावती सहसंपर्क प्रमुख दिनेश बूब द्बारा किया गया.
बता दें कि, गत रोज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की मुंबई में हुई बैठक के बाद पार्टी प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने अमरावती संसदीय सीट पर राकांपा का दावा रहने की बात कही. इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आयी कि, इस बैठक में राकांपा के कुछ पदाधिकारियों ने अमरावती संसदीय सीट से दिनेश बूब को पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने की पूरजोर वकालत भी की. इसे लेकर खबरे प्रकाशित होने के बाद इस बात को लेकर चर्चा चलनी शुरु हो गई कि, क्या एक बार फिर दिनेश बूब द्बारा राकांपा के साथ नजदीकियां साधी जा रही है. जबकि दिनेश बूब इस समय शिवसेना उबाठा के सहसंपर्क प्रमुख पद पर है और अभी हाल फिलहाल तक वे पार्टी के जिला प्रमुख भी हुआ करते थे. ऐसे मेें दै. अमरावती मंडल ने दिनेश बूब से इस संदर्भ में उनकी प्रतिक्रिया हासिल करनी चाही, तो दिनेश बूब ने उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही कहा कि, वे शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के जमाने से कट्टर व सच्चे शिवसैनिक है और उनकी ठाकरे परिवार के प्रति अगाध श्रद्धा व निष्ठा है. ऐसे में ठाकरे परिवार को छोडकर कहीं और जाने का सवाल ही नहीं उठता.
इसके साथ ही दिनेश बूब ने यह भी कहा कि, उनका काम अमरावती में सभी के सामने है. ऐसे में हो सकता है कि, उन्हें एक सुयोग्य उम्मीदवार मानकर कल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में उनके नाम को लेकर चर्चा हुई. लेकिन इसका यह मतलब बिल्कूल भी नहीं है कि, वे शिवसेना छोडकर राकांपा में जाने की सोच रहे है. बल्कि वे पहले भी शिवसेना में थे, आज भी शिवसेना में है और आगे भी शिवसेना में ही रहेंगे. जहां तक शिवसेना अथवा महाविकास आघाडी में शामिल किसी घटक दल की टिकट अथवा चुनावी चिन्ह पर चुनाव लडने का सवाल है, तो इसका फैसला शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को लेना है.