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अगले चुनाव में मैं ही रहूंगी कांग्रेस प्रत्याशी

* 18 हजार की लीड से जीती हूं, कांग्रेस हाईकमान मेरे ही नाम पर विचार करेगा

* कांग्रेस विधायक सुलभा खोडके का कथन

* पूर्व विधायक डॉ. देशमुख के पार्टी प्रवेश पर दी प्रतिक्रिया

अमरावती/दि.17- हर पार्टी के दरवाजे दूसरी पार्टी छोडकर आनेवाले लोगों के लिए खुले रहते है और अलग-अलग दलों द्वारा अलग-अलग पार्टी के लोगों को प्रवेश दिया जाता है. किंतु ऐसे लोगों को पार्टी में आने के बाद कौनसा स्थान देना है और पहले से पार्टी में मौजूद लोगों को किस स्थान पर रखना है, यह पार्टी आलाकमान को बेहतर पता रहता है. ऐसे में किसी के भी पार्टी में आने से पुराने लोगोें को कोई फर्क नहीं पडता. मैंने अमरावती विधानसभा क्षेत्र का चुनाव 18 हजार वोटों की लीड से जीता था. ऐसे में अगले चुनाव में भी इस विधानसभा सीट पर मेरी ही दावेदारी रहेगी और कांग्रेस आलाकमान द्वारा इस समय निश्चित रूप से मेरे ही नाम पर विचार किया जायेगा. इस आशय का प्रतिपादन अमरावती की कांग्रेस विधायक सुलभा खोडके द्वारा किया गया.
बता दें कि, दो बार अमरावती विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर विधायक निर्वाचित और कालांतर में भाजपा में जानेवाले पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख बारह वर्ष के अंतराल पश्चात एक बार फिर कांग्रेस में लौट रहे है और उनका आगामी 19 जून को अधिकारिक रूप से पार्टी में प्रवेश होगा. इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस विधायक सुलभा खोडके ने उपरोक्त प्रतिपादन किया. ज्ञात रहें कि, विगत विधानसभा चुनाव में डॉ. सुनील देशमुख ने दूसरी बार भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडा था. इससे पहले वे वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर विजयी हुए थे. वहीं 2019 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुलभा खोडके ने उन्हेें 18 हजार वोटों की लीड से पराजीत किया था.
अपनी प्रतिक्रिया में विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि उन्होंने 18 हजार के बडे फर्क से अमरावती विधानसभा चुनाव जीता था, हालांकि अभी अगले विधानसभा चुनाव में अभी 2024 तक तीन साल का समय शेष है. किंतु उस चुनाव के लिए भी कांग्रेस हाईकमान उनके (खोडके) नाम पर ही विचार करेगा और उनका ही दावा सबसे मजबूत है. विधायक खोडके ने दोहराया कि, कोई भी राजनीतिक पार्टी खुद को मजबूत बनाने हेतु हमेशा प्रयासरत रहती है और इसी के तहत अन्य दलों के लोगों को पार्टी में प्रवेश दिया जाता है. यही कदम इस बार भी पार्टी द्वारा उठाया जा रहा है. यह कहने के साथ ही खोडके ने साफ संकेत दिये कि, अगले विधानसभा चुनाव के लिए अमरावती से उनकी ही दावेदारी सबसे मजबूत रहेगी.
याद दिला दें कि, जब वर्ष 2019 के चुनाव के दौरान समूचे महाराष्ट्र में भाजपा की जबर्दस्त लहर रहने के बावजूद भी अमरावती की सीट सुलभा खोडके ने भाजपा से छीनकर दुबारा कांग्रेस की झोली में डाली थी और सुलभा खोडके को उनके पति संजय खोडके की राजनीतिक मेहनत के दम पर इन दीनों खोडके दम्पत्ति की अमरावती विधानसभा के हिंदु-मुस्लिम दोनों इलाकों पर बराबरी की पकड है. साथ ही पिछले दो साल में उनका अमरावती विधानसभा क्षेत्र में जनाधार भी बढा है.

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