मांगे पूर्ण न होने पर 1 जनवरी से राशन दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद
राशन दुकानदारों का राज्यव्यापी आंदोलन
* 1 दिसंबर को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना आंदोलन
धामणगांव रेलवे/दि.30– अपनी विविध मांगों के लिए शासन की अनदेखी रहने से ऑल इंडिया फेयर प्राइज शॉप डिलर्स फेडरेशन नई दिल्ली से संलग्नित महाराष्ट्र राज्य राशन दुकानदार व केरोसिन शॉप फेडरेशन परवानाधारक महासंघ ने राज्य व देशव्यापी आंदोलन का कार्यक्रम घोषित किया है, ऐसी जानकारी राज्य संगठना के उपाध्यक्ष व बुलढाणा जिलाध्यक्ष राजेश अंबुरकर ने ज्ञापन के जरिए दी है.
इस बाबत मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विपक्ष नेता, सभी विभागीय आयुक्त, सभी जिलाधिकारी, आपूर्ति अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है. मांगे पूर्ण न होने पर 1 जनवरी 2024 से सभी राशन दुकानदारों ने अपनी दुकानें अनिश्चिकाल के लिए बंद करने की चेतावनी दी है. इस देशव्यापी आंदोलन के तहत पहले चरण में 1 दिसंबर को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना आंदोलन किया जाएगा.
संगठना की तरफ से विविध मांग, दुविधा, समस्याओं पर शासन को बार-बार अनेक ज्ञापन देने क बावजूद अब तक महासंघ के किसी भी ज्ञापन का जवाब अथवा उस पर कोई भी कार्रवाई न किए जाने का आरोप ज्ञापन में किया है. सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में राशन दुकानदार महत्वपूर्ण घटक है. राज्य शासन की विविध योजना, उस पर अमल करने वाला शासन महत्वपूर्ण घटक है. राज्य और देश में अन्न सुरक्षा कानून के तहत नि:शुल्क अनाज वितरण योजना शुरु होने से राज्य के परवाना धारक त्रस्त हो गए हैं. उन पर आज भूखमरी की नौबत आ गई है. इस बाबत शासन स्तर पर पक्ष रखा गया है. फिर भी शासन की तरफ से कोई प्रतिसाद नहीं मिला है यह खेदजनक है. इन सभी बातों से त्रस्त होकर अखिल महाराष्ट्र राशन दुकानदार केरोसिन परवानाधारक महासंघ की तरफ से व ऑल इंडिया फेयर प्राइज शॉप फेडरेशन की तरफ से राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर संगठना ने आंदोलन का निर्णय लिया है.
इस आंदोलन के पहले चरण में 1 दिसंबर 2023 को राज्य के सभी जिलाधिकारी कार्यालय के सामने राशन दुकानदार एक दिवसीय धरना आंदोलन कर शासन का ध्यान केंद्रीत करेंगे. शीतकालीन अधिवेशन के समय राशन दुकानदार नागपुर में तीव्र आंदोलन करने वाले हैं. 1 जनवरी 2024 से सभी राशन दुकानदारों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के विरोध में दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है. राज्य के राशनकार्ड धारक अनाज से वंचित रहने पर इसकी जिम्मेदारी राज्य व केंद्र सरकार की रहने की चेतावनी ज्ञापन में दी गई है.