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बिल्डर भागा तो आयोग लगायेगा रजिस्ट्री

संचयनी कॉम्प्लेक्स के फ्लैट धारकों को मिली राहत

नागपुर/ दि.17 – फ्लैट की रजिस्ट्री देने में टालमटोल करने वाले बिल्डर को जिला ग्राहक निवारण आयोग ने अच्छा-खासा झटका दिया है. जिसके तहत आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि, अगर बिल्डर व्दारा रजिस्ट्री देने में टालमटोल की जाती है, तो आयोग खुद फ्लैट धारकों को रजिस्ट्री करवाकर देगा और उन्हें उनकी जगह का ताबा दिलवाया जाएगा. नागपुर के इतिहास में पहली बार इस तरह का फैसला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग व्दारा दिया गया.
बता दे कि, त्रिमूर्ति नगर के संचयनी कॉम्प्लेक्स में फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों ने इस मामले को लेकर ग्राहक शिकायत निवारण आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई गई. जिसमें बताया गया कि, कोलकात्ता की संचयनी सेविंग एण्ड इन्वेस्टमेंट इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी ने वर्ष 1995 में इस अर्पामेंट का निर्माण किया. जिसके लिए ग्राहकों से पैसे भी लिये गए और बिल्डर व्दारा बीड ऑफ डिक्लेरेशन के जरिये फ्लैट धारकों को फ्लैट का ताबा दिया गया. परंतु अब तक उनके फ्लैट की रजिस्ट्री ही नहीं हुई है. यह शिकायत मिलने के बाद ग्राहक आयोग ने बिल्डर को नोटीस जारी की, लेकिन बिल्डर ने इसका जवाब देने की जहमत नहीं उठाई. ऐसे में आयोग ने बिल्डर के खिलाफ एकतरफा आदेश जारी करते हुए कहा कि, बिल्डर व्दारा सभी फ्लैट धारकों की रजिस्ट्री लगाई जाए, साथ ही उन्हे नुकसान भरपाई के तौर पर 7 हजार रुपए दिये जाए, परंतु बिल्डर ने इसकी ओर भी ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते सभी ग्राहक एक बार फिर आयोग की शरण में पहुंचे और आयोग ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, ऐसे मामलों में आयोग के व्यवस्थापक को रजिस्ट्री करने का अधिकार है. यह बात दिवानी प्रक्रिया संहिता के आदेश क्रमांक 21 व निमय क्रमांक 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किये. अत: आयोग ने इसी अधिकार का उपयोग करते हुए उपरोक्त फैसला सुनाया है.

 

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