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पोकरा के लंबित मामलों का तत्काल निपटारा करें

कृषि मंत्री दादाजी भूसे के निर्देश

  • खरीफ फसलों के हालात व योजनाओं का लिया ब्यौरा

    अमरावती प्रतिनिधि/दि. २९ – मौसम के बदलावों के अनुरूप कृषि विकास साध्य कर किसान और संपूर्ण कृषि क्षेत्र को मजबूत करने का पोकरा योजना (Pokra scheme) का लक्ष्य है. हाल की घड़ी में अमरावती जिले में कृषि कार्यालय में योजना के अनेक आवेदन लंबित नजर आ रहे है. इसलिए कृषि विभाग ने मिशन मोड पर काम कर महिने भर के भीतर लंबित मामलों का निपटारा करने के निर्देश राज्य के कृषिमंत्री दादाजी भूसे (State agricultural minister Dadaji bhuse) ने दिए. जिले के खरीफ फसलों की हालात व विविध योजनाओं की समीक्षा बैठक में वे बोल रहे थे. कृषि मंत्री भूसे की मौजूदगी में आज नियोजन भवन में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ. इस समीक्षा बैठक में महिला व बालविकास मंत्री तथा पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकुर, जल संपदा राज्यमंत्री बच्चू कडू(Minister of State for Water Resources Bachchu Kadu), विधायक बलवंत वानखडे, पूर्व विधायक वीरेन्द्र जगताप, जिलाधिकारी शैलेश नवाल(Collector Shailesh Naval), जिप मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल येडगे, कृषि संचालक नारायण सिसोदे, सहायक संचालक सुभाष नागरे, जिला कृषि अधीक्षक अधिकारी विजय चव्हाले आदि मौजूद थे. कृषि मंत्री भूसे ने कहा कि अमरावती के नियेाजन भवन के इसी सभागृह में सरपंचों की बैठक इससे पहले पोकरा अमल लाने के संदर्भ में बुलाई थी. जिसके बाद पोकरा के कार्य में गति देना अपेक्षित था. लेकिन तहसील व उपविभागीय कृषि कार्यालय में अधिकांश आवेदन लंबित पाए गये. यह काफी गंभीर मामला है. महिने भर में मामलों के निपटारों की कार्रवाई पूरी होनी चाहिए. मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे पोकरा योजना का लगातार ब्यौरा ले रहे है.योजना के अमल को लेकर जिले में स्थिति में सुधार होना चाहिए.

    रिजल्ट ओरियंटेड काम करे
    योजना को अमल में लाया जाना चाहिए. जिला कृषि अधीक्षक अधिकारी कार्यालय द्वारा प्राथमिकता से काम को पूरा करना चाहिए. हालातों के अनुसार बदलाव के लिए योजना का प्रारूप रखा गया है. जनप्रतिनिधियों की सूचनाओं को ध्यान में लेकर आवश्यक बदलाव किए जायेंगे. महात्मा ज्योतिबा फुले कर्जमुक्ति योजना में आधार प्रमाणीकरण किए गये १ लाख ११ हजार ८२० कर्ज खातों में से ९४ हजार ४८५ खातों में ६९४ करोड़ ७९ लाख की रकम प्राप्त हुई है. पात्र किसान बंधुओं को कर्जमुक्ति दिलाकर उनको खरीफ का नया कर्ज मिलने यही योजना का उद्देश्य है. जिले में खरीफ के ७६३ करोड़ ९१ लाख रूपये यानि ४४ फीसदी कर्ज वितरण किया गया है. कर्जमुक्ति योजना को अमल में लाने के बाद जिले में खरीफ फसल कर्ज वितरण का प्रमाण बढऩा अपेक्षित था. इसलिए मिशन मोड पर काम करते हुए कर्ज वितरण प्रक्रिया को गति देने के निर्देश कृषि मंत्री भूसे ने दिए है. इस बार अत्याधिक बारिश होने से सोयाबीन, मूंग, उड़द आदि फसलों का नुकसान हुआ है. अनेक जगहों पर इल्लियोंं का प्रकोप हुआ है. नुकसान प्रभावित क्षेत्रों का पंचनामा किया जाए. पीएम किसान योजना को गति देने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश भी उन्होंने दिए. जहां पर बीज अंकुरित नहीं हुए है उन क्षेत्रों में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी उन्होंने दिए. पोकरा योजना को अमल में लाने के लिए बालासाहब ठाकरे स्मार्ट ग्राम प्रकल्प से योजना को जोडऩा पड़ेगा.

    खारपान पट्टों पर विशेष ध्यान देना जरूरी
    जिले के खारपान पट्टों के गावों का पोकरा योजना मेंं समावेश किया गया है. इसलिए इन परिसरों की विशेषताओंं को ध्यान में रखकर उसके अनुरूप योजना चलाना जरूरी है. स्थानीय स्तर पर योजना को अमल में लाने के लिए दुविधाए आने पर अधिकारियों ने इस बारे में जनप्रतिनिधियों को जानकारी देनी चाहिए. योजना को अमल में लाने के लिए पारदर्शकता रखना जरूरी होने के निर्देश पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकुर ने दिए.

    दुर्घटना बीमा योजना को परिपूर्ण रूप से अमल में लाना जरूरी
    गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना को परिपूर्ण रूप से अमल में लाने के लिए कृषि विभाग ने पुलिस विभाग से बार-बार सहायतापूर्ण जानकारी लेकर संबंधित परिवारों को लाभ दिलवाना चाहिए. अनेक मर्तबा ऐसा होता है कि पात्र परिवार लाभ से वंचित रहते है. यह जानकारी राज्यमंत्री बच्चू कडू ने दी. इस समय कृषि मंत्री ने निर्देश दिए कि कृषि सेवको, अधिकारियों ने इसे लेकर पुलिस थानो से संपर्क रखकर बार-बार जानकारी लेनी चाहिए.वहीं कहीं पर भी दुर्भाग्यवश हादसा होने पर संबंधित व्यक्ति के परिवारों को लाभ दिलवाया जाए. यह लाभ कृषि विभाग ने स्वयं दस्तावेजों की पूर्तता कर संबंधित व्यक्ति के घर जाकर दिया जाए.

    खरीफ क्षेत्र का नियोजन
    जिले का भौगोलिक क्षेत्र १२.२१ लाख हेक्टर है जिसमें बुआई लायक क्षेत्र ७.८१ लाख हेक्टेयर है.खरीफ फसल का बुआई क्षेत्र में ६ लाख ८१ हजार ६६० हेक्टेयर है. औसतन बारिश ८१५ मिमी का अनुमान है. अब तक बारिश तहसील निहाय औसतन ६७२ मिमी हो चुकी है. २७ अगस्त तक प्रत्यक्ष तौर पर बारिश ६२६ मिमी यानि ९३ फीसदी हुई है. जिले में २ लाख ४५ हजार ४०८ हेक्टेयर क्षेत्र में कपास, २ लाख ६६ हजार ९१७ हेक्टर क्षेत्र में सोयाबीन, १ लाख ७ हजार ६९४ हेक्टर क्षेत्र में तुअर, १५ हजार ९२५ हेक्टर क्षेत्र में मूंग, ४ हजार ९२५ हेक्टर क्षेत्र में उड़द, १६ हजार २९४ हेक्टर क्षेत्र में ज्वार की बुआई की गई है. संतरा मुख्य फसल का बुआई क्षेत्र ७० हजार ३१४ हेक्टर क्षेत्र है.

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