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कार्यशाला में चिकित्सकों ने दी महत्वपूर्ण सलाह

बच्चों पर कोविड को हावी होने ना दें

  • मनपा और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रीक का आयोजन

अमरावती/दि.१५ –  हाल की स्थिति में कोरोना के बढते प्रभाव व बच्चों को संभावित कोविड की तीसरी लहर से बचाने के लिए मनपा की ओर से विविध उपाययोजनाएं की जा रही है.
इन उपाययोजनाओं की कड़ी के रूप में अमरावती मनपा और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रीक महाराष्ट्र के संयुक्त तत्वावधान में १५ जून को विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सभागृह में दोपहर ४ से ६ बजे तक ऑनलाईन फेसबुक लाईव के माध्यम व ऑफलाईन कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन महापौर चेतन गावंडे व मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे के हाथों किया गया. इस दौरान जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले, मनपा वैद्यकीय अधिकारी डॉ. विशाल काले, इंडियन एसोसिशन ऑफ पीडियाट्रीक के डॉ. राजेश बुब, डॉ. संदीप दानखेडे, डॉ. जयंत पांढरीकर, डॉ. सतीश अग्रवाल, डॉ. असलम भारती, डॉ. दिलीप चाकोटे, डॉ. अनिल रोहणकर, डॉ. मानसी मुरके, डॉ. संजय कथलकर, डॉ. अशोक उमप, डॉ. करण हनतोडकर, डॉ. अपूर्व काले, डॉ. स्वपनिल घाटोल, डॉ. विक्रांत राजुरकर, डॉ. जयश्री नांदुरकर, डॉ. मो.मसुद रफत, डॉ. प्रतिभा आत्राम, डॉ. पुर्णिमा उघाडे, डॉ. स्वाति कोवे, डॉ. शारदा टेकाडे, डॉ. सायली बोरसे, डॉ. वैशाली मोटघरे, डॉ. काजल ककड, डॉ. मीनल देशमुख, डॉ. शलाका बारी, डॉ. संदीप पाटबागे सहित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन , इंडियन पीडियाट्रीक एसोसिएशन, एफओजीएसआई एसो, नीमा एसो., म्हाडा एसो.्र यूनानी एसो. के अध्यक्ष, सचिव व अन्य पदाधिकारी थे. इस कार्यशाला में अन्य निजी व्यावसायिकों को ऑनलाईन फेसबुक लाईव के माध्यम से जोडा गया था. वहीं फेसबुक लाईव में जिले के सैंकड़ों चिकित्सकों ने सहभाग लिया. कार्यशाला में डॉ. राजेश बुब ने बच्चों में कोविड के सौम्य लक्षण व उस पर दी जानेवाली दवाईयों पर मार्गदर्शन किया. कंसेप्ट ऑफ फीवर क्लीनिक, पीडियाट्रीक कोविड-१९, रोल ऑफ फीवर क्लीनिक के बारे में मार्गदर्शन किया. डॉ. जयंत पांढरीकर ने बच्चों में मध्यम कोविड के लक्षण और दवाईयों के संबंध में जानकारी दी. वहीं छोटे बच्चों में लक्षण पाए जाने पर उनको तुरंत भर्ती कराना जरूरी होता है. इसके लिए बच्चों का कोविड सेंटर तैयार किया जाएगा.
डॉ. संदीप दानखेडे ने बच्चों में पाए जानेवाले कोविड के तीव्र लक्षणों और उसके लिए कौनसी तैयारी करना है. इसे लेकर विस्तारपूर्वक मार्गदर्शन किया. छोटे बच्चों को कोराना होने पर उनको जिस अस्पताल में कोरोना मरीज को भर्ती करने की अनुमति होगी वहां पर भर्ती करना चाहिए. मरीज गंभीर होने पर कौनसी जांच करनी चाहिए. इसे लेकर भी विस्तृत जानकारी दी. डॉ. सतीश अग्रवाल ने बच्चों पर हाल की स्थिति में हावी होनेवाले मानसिक परिणामों पर मार्गदर्शन किया. उन्होंने बताया कि बच्चों की हाल की स्थिति को समझने दिया जाए. उनके मन में कोविड का भय निर्माण करने की बजाए इससे निपटने के लिए आवश्यक नियमावली का पालन करने की सलाह देनी चाहिए. छोटे बच्चों के लिए डॉक्टरों ने हमेशा तैयार रहना चाहिए. संचालन व आभार डॉ. करण हंतोडकर व डॉ. अपूर्व काले ने किया.

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