अल्पवयीन पर दुराचार मामले में 10 वर्ष की कैद
प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश जोशी ने सुनाया फैसला
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सहा. सरकारी वकील एड. सोनाली क्षीरसागर की सफल पैरवी
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वर्ष 2017 का है मामला, सामूहिक दुराचार किया गया था
अमरावती/दि.25 – वर्ष 2017 में एक अल्पवयीन लडकी पर सामूहिक दुराचार किये जाने के मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने एक आरोपी को अलग-अलग धाराओं में कुल 10 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 4 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाने के साथ ही पीडिता को 50 हजार रूपये का क्षतिपूर्ति मुआवजा दिये जाने का आदेश दिया. साथ ही इस मामले में नामजद किये गये 4 आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया. सजा सुनाये गये आरोपी का नाम अब्दुल नासीर उर्फ सागर वल्द अब्दुल रशीद (23, अन्सार नगर) बताया गया है. विधि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी अब्दुल नासीर उर्फ सागर पेशे से ऑटो रिक्शा चालक है. जिसने झांसा देते हुए अन्सार नगर परिसर में ही रहनेवाली एक अल्पवयीन युवती से प्रेम संबंध कायम किये. साथ ही उससे कई बार शारीरिक संबंध भी स्थापित किये. पश्चात 23 सितंबर 2017 को आरोपी उसे अपने ऑटो रिक्शा में बिठाकर बडनेरा रोड की ओर ले गया और वहां पर उसके साथ जबरन दुराचार किया. पश्चात ये दोनों नागपुरी गेट परिसर पहुंचे, जहां पर नवाज खान अजीज खान (38, अलीम नगर), शेख जुबेर कुरेशी शेख नूरा (25, अन्सार नगर), मुबारक उर्फ वसीम खान सिकंदर खान (28, गुलीस्ता नगर) तथा सादिक शाह गफ्फुर शाह (29, गणोजा देवी) भी ऑटो में सवार हुए तथा इस नाबालिग युवती को गणोजा देवी खेत परिसर में ले जाया गया. जहां पर सभी आरोपियों ने मिलकर उस पर सामूहिक दुराचार किया. इस समय पीडिता द्वारा मचाये गये शोर-शराबे को सुनकर आसपास मौजूद कई लोग मौके पर पहुंचे. जिन्होंने ऑटोरिक्शा चालक नवाज खान को पकड लिया. वहीं अन्य चार आरोपी मौके से भागने में कामयाब रहे. पश्चात पीडिता की शिकायत पर सभी आरोपियों के खिलाफ अपहरण व सामूहिक बलात्कार के लिए भादंवि की धारा 363, 366 (अ), 376 (ड), 376 (2) (एन) सहित पोक्सो अधिनियम की धारा 4 व 6 के तहत अपराध दर्ज किया गया. साथ ही मामले की जांच-पडताल करते हुए अदालत के समक्ष चार्जशिट पेश की गई.
अदालत में सुनवाई के दौरान पीडिता, पुलिस जांच अधिकारी व डॉक्टरों के साथ ही कुल 16 गवाहों के बयान दर्ज किये गये. जिसमें से कोई भी गवाह अपने बयान से नहीं मुकरा. साथ ही डीएनए रिपोर्ट भी पॉजीटीव आयी. ऐसे में तमाम सबूतों व गवाहियों को ध्यान में रखते हुए प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश रविंद्र एन. जोशी ने आरोपी अब्दूल नासीर अब्दूल रशीद को दोषी करार दिया. साथ ही उसे धारा 376 के तहत दस वर्ष के सश्रम कारावास व तीन हजार रूपये के जुर्माने तथा धारा 366 के तहत चार वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई. दोनों सजाए एकसाथ चलेगी. साथ ही जुर्माना नहीं भरने की सुरत में आरोपी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. इसके अलावा पीडिता को 50 हजार रूपये का क्षतिपूर्ति मुआवजा भी देना होगा. वहीं इस मामले में नामजद किये गये अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील एड. सोनाली क्षीरसागर ने अदालत में शानदार और पुख्ता युक्तिवाद किया. जिसके दम पर अल्पवयीन युवती पर अत्याचार करनेवाले आरोपी को सजा मिल पायी.