अमरावती/प्रतिनिधि दि.७ – अमरावती मनपा(MNP) क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों(CORONA POSITIVE) की लगातार बढती संख्या और इस वजह से कोविड अस्पतालों पर लगातार बढते काम के बोझ को ध्यान में रखते हुए स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा एसिम्टोमैटिक यानी लक्षण विरहित व सौम्य लक्षण रहनेवाले कोरोना संक्रमित मरीजों को कोविड अस्पताल में भरती होने की बजाय उनके घर पर ही सबसे अलग रहने की व्यवस्था उपलब्ध होने पर होम आयसोलेशन के तहत रहते हुए इलाज करवाने की इजाजत दी थी. १ अगस्त से उपलब्ध हुई इस सुविधा के बाद अब तक ८१८ एसिम्टोमैटिक कोरोना संक्रमित मरीजोें ने होम आयसोलेशन का पर्याय चुना. जिसमें से एक माह के दौरान ६०० मरीजों को कोरोनामुक्त घोषित किया गया. वहीं २१८ मरीजों का अब भी होम आयसोलेशन के तहत समूचित स्वास्थ्य निगरानी में इलाज चल रहा है. बता दें कि, रैपीड एंटीजन टेस्ट अथवा आरटी-पीसीआर टेस्ट में कोविड रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद हर मरीज का लक्षणानुसार वर्गीकरण किया जाता है और मध्यम व तीव्र लक्षण रहनेवाले हाईरिस्क मरीजों को तुरंत ही कोविड अस्पतालों में भरती किया जाता है, वहीं एसिम्टोमैटिक व सौम्य लक्षणवाले मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भरती कराया जाता है. जहां पर मरीजों द्वारा मांग किये जाने पर और आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करने पर उन्हें होम आयसोलेशन के तहत रहने की अनुमति दी जाती है. विगत १ अगस्त से अब तक कुल ८१८ मरीजों ने होम आयसोलेशन का पर्याय चुना.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, होम आयसोलेशन(HOME ISOLATION) के तहत रखे जानेवाले मरीजों की स्वास्थ्य निगरानी हेतु मनपा के पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ. सचिन बोंदरे को नोडल अधिकारी व धनंजय शिंदे को सहायत नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए एक विशेष कक्ष व पथक की स्थापना की गई है. जिसमें स्वप्नील रंगारी, रोहन वासनिक मो. आशिक, मो. शाकीर व सै. रजीउद्दीन इन पांच शिक्षकों सहित सुपर वाईजर भूषण राठोड का समावेश किया गया है. इस टीम द्वारा होम आयसोलेट किये गये हर एक मरीज से लगातार दस दिनों तक फोन पर संपर्क बनाये रखते हुए उनके बॉडी टेम्प्रेचर, ऑक्सीमीटर रीडिंग तथा स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेकर उसे दर्ज किया जाता है. साथ ही इन मरीजों का शहर के ११ कोविड सेंटरों के डॉक्टरों द्वारा वीडियो कांफ्रेंqसग के जरिये संपर्क साधते हुए इलाज किया जा रहा है. होम आयसोलेशन में रखे गये सभी मरीजों को पूरे १७ दिनों तक अपने घर में सबसे अलग-थलग रहते हुए आयसोलेट रहना होता है और उनकी मनपा के विशेष पथक सहित संबंधित कोविड सेंटरों के डॉक्टरों द्वारा लगातार स्वास्थ्य निगरानी की जाती है.