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अकोला में शहीदों के परिवारों से की पालकमंत्री बच्चु कडू ने भेट

हर शहीद परिवार के घर पर पहुंचकर उनकी समस्याएं जानी

अकोला प्रतिनिधि/दि.५ – देश की सीमाओं की तमाम विपरित हालात के बीच रक्षा करते हुए समय पडने पर अपनी शहादत देनेवाले वीर सैनिकों के परिवार कालांतर में सरकारी व प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो जाते है और वीर जवान के अंतिम संस्कार में उमडनेवाले नेताओें में से बाद में कोई भी शहीदों के परिवारों की सुध नहीं लेता और उनके घर नहीं पहुंचता. लेकिन इससे विपरित राज्य के राज्यमंत्री एवं अकोला के जिला पालकमंत्री बच्चु कडू ने गत रोज अकोला जिले में रहनेवाले शहीद सैनिकों के घरों पर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं भी जानी. पहली बार किसी पालकमंत्री को अपने घर आया देखकर वीर सैनिकों के परिजनों की आंखे छलछला उठी और वे भावविभोर हो गये.
बता दें कि, अकोला जिले के संतोष खुशाल जामनिक (27 जुलाई 1991), प्रशांत प्रल्हाद राउत (23 मार्च 2007), आनंद शत्रुघ्न गवई (26 जनवरी 2017) तथा सुमेध वामन गवई (12 मार्च 2017) को देश की सीमाओं पर अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गये थे. आज भी इन परिवारों के कुछ बच्चे भारतीय सेना में है, एवं कुछ बच्चे सैन्य भरती की तैयारी कर रहे है. इसे देशप्रेम का एक उदात्त उदाहरण कहा जा सकता है. शहीद सैनिकों के परिजनों का यथोचित सम्मान होना आवश्यक है. साथ ही उन्हें किसी तरह की कोई समस्या या दिक्कत नहीं होनी चाहिए. इस बात के मद्देनजर अकोला के जिला पालकमंत्री बच्चु कडू की अध्यक्षतावाली समिती ने शहीद सैनिकों के परिजनोें की समस्याओं को हल करने का अभियान शुरू किया है. जिसके तहत इन परिवारों की समस्याओं को जानने हेतु पालकमंत्री बच्चु कडू खुद शहीद जवानों के घरों तक पहुंच रहे है और उनके परिजनों से बात करते हुए उनकी समस्याओें को जान रहे है.
पालकमंत्री बच्चु कडू को अपने बीच पाकर कई वीर परिवार भावविभोर हो गये. उनका कहना रहा कि, वीर जवान के अंतिम संस्कार पश्चात पहली बार कोई पालकमंत्री उनके हालचाल पूछने उनके घर तक आया है.

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