शिवकुमार सेंट्रल जेल में, रेड्डी पर भी अपराध दर्ज होगा
यशोमती ठाकुर की मांग पर सीएम ने रेड्डी को सस्पेंड किया
अमरावती/प्रतिनिधि दि.30 – जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट के हरिसाल वनपरिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले में गुगामल वन्यजीव विभाग के उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार बाला को आज अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत सुनाई है. जिससे विनोद विनोद शिवकुमार बाला को आज धारणी पुलिस ने जेल रवाना कर दिया है. इसी बीच मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के अपर वनपरिक्षेत्र अधिकारी श्रीनिवासन रेड्डी को निलंबित किया गया है. राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा अमरावती जिले की पालकमंत्री यशोमती ठाकुर ने आज दीपाली चव्हाण की आत्महत्या मामले में राज्य के मुख्यमंत्री से चर्चा करने के बाद रेड्डी के निलंबन के आदेश दिये गए है. इस कारण अब दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले में रेड्डी को सहआरोपी बनाये जाने की संभावनाएं भी बढ चुकी है. किंतु जिला ग्रामीण पुलिस अधिक्षक हरि बालाजी एन ने ‘दै.अमरावती मंडल’ को बताया कि अभी तक श्रीनिवासन रेड्डी को दीपाली आत्महत्या के मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है.
उल्लेखनीय है कि वन अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले में गुगामल वन्यजीव विभाग के उपवन सरंक्षण विनोद शिवकुमार बाला को गिरफ्तार करने के बाद उसका पहले तीन दिन और बाद में एक दिन इस तरह चार दिन का पीसीआर पुलिस को मिला था. आज उसके पुलिस हिरासत की अवधि खत्म हो जाने से विनोद शिवकुमार को आज फिर कडे बंदोबस्त में न्यायालय में पेश किया गया. तब न्यायालय ने शिवकुमार बाला को 14 दिन की न्यायीक हिरासत सुनाते हुए जेल रवाना कर दिया. जानकारी के अनुसार दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले में वरिष्ठों की ओर से विशेष महिला पुलिस अधिकारी मोर्शी की उपविभागीय पुलिस अधिकारी पूनम पाटिल को शनिवार शाम ही इस मामले की जांच सौंपने के बाद कल सोमवार को उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार बाला को इस मामले की जांच अधिकारी पूनम पाटिल, धारणी के थानेदार विलास कुलकर्णी, एपीआई वर्षा खरसान, पीएसआई सुयोग महापुरे आदि बंदोबस्त में आज फिर धारणी के न्यायालय में ले आये. प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी ने आरोपी विनोद शिवकुमार बाला कोे 14 दिन की न्यायीक हिरासत सुनाई. इसी बीच आज राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा अमरावती जिले की पालकमंत्री यशोमती ठाकुर ने दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से भेंट कर उन्हें एक निवेदन सौंपा और दीपाली की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अधिकारी पर तत्काल अपराध दर्ज कर उन्हें निलंबित करने की मांग की. मंत्री यशोमती ठाकुर व मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के बीच हुई भेंट के बाद राज्य सरकार की ओर से मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवासन रेड्डी के निलंबन के आदेश जारी किये गए है.
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विनोद शिवकुमार के निवास से दस्तावेज जब्त
इस बीच गुगामल वन्यजीव विभाग के उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार बाला को रविवार को दोपहर 2 बजे के बीच चिखलदरा स्थित उसके कार्यालय में और शासकीय निवास पर ले जाया गया. वहां उसके पास से लैपटाप, पेनडाइव और शासकीय दस्तावेज जब्त किये तथा वहां उपस्थित कर्मचारियों के बयान पुलिस की ओर से दर्ज किये गए है.
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देर रात दीपाली को बुलाया वह जगह देखी\
आरोपी विनोद शिवकुमार ने वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण कर्तव्य पर रहते समय उन्हें मध्यरात्रि के दौरान वह जंगल में बुलाता था. कई बार दीपाली को उसने जंगल से फोटो सेल्फी निकालकर भेजने के लिए कहा था. यह बात दीपाली चव्हाण ने अपने सुसाईड नोट में दर्ज की. जिससे पुलिस पीसीआर के दौरान विनोद शिवकुमार को जंगल के उस घटनास्थल पर भी ले गई थी.
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अमरावती से अतिरिक्त पुलिस दल धारणी में
दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी विनोद शिवकुमार बाला को जब पहली बार न्यायालय में पेश किया गया तब न्यायालय के बाहर संतप्त वन महिला कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए शिवकुमार के विरोध में नारे लगाए थे. इस कारण दीपाली की आत्महत्या के बाद विनोद शिवकुमार बाला के प्रति लोगों के मन में रोष निर्माण होने से संभावित अनुचित घटना को टालने अमरावती ग्रामीण का दंगा नियंत्रण दल व अतिरिक्त पुलिस दल धारणी में तैनात किया गया है.
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मंत्री यशोमती ठाकुर ने क्या लिखा निवेदन में
इसी बीच आज राज्य की महिला व बालविकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से भेंट कर उन्हें एक निवेदन सौंपा. इस निवेदन में यशोमती ठाकुर ने कहा कि हरिसाल के उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार के अत्याचार से त्रस्त होकर 25 मार्च को वनपरिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण ने स्वयं पर गोली चलाकर आत्महत्या की. दीपाली ने आत्महत्या से पहले लिखे पत्र में विनोद शिवकुमार को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया. दीपाली का यह सुसाईड नोट यशोमती ठाकुर नेे निवेदन के साथ जोडा. उन्होंने कहा कि मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में महिला वन संरक्षक व वनपाल को शासकीय कर्तव्य निभाते समय ड्युटी पर होने वाले समस्याओं की जांच होनी चाहिए तथा उनकी समस्याओं का निवारण करने के लिए जिलाधिकारी को कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया था. जिलाधिकारी ने भी उसपर मुख्य वन संरक्षक रेड्डी को समिति स्थापित कर उसमें महिलाओं का समावेश करने बाबत पत्र लिखा था, लेकिन रेड्डी ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की. अगर रेड्डी ने समय रहते कार्रवाई की होती तो दीपाली चव्हाण की शिकायत लेने के लिए फोरम उपलब्ध हुआ होता, लेकिन रेड्डी ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की तथा रेड्डी ने कार्रवाई की होती तो चव्हाण पर यह नौबत नहीं आती. बावजूद इसके रेड्डी पर अभितक कोई कार्रवाई नहीं की गई. उनपर अपराध दर्ज कर निलंबित करने की मांग भी यशोमती ठाकुर ने मुख्यमंत्री को सौंपे निवेदन में की है.