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41 फीसद वेतनवृध्दि के बावजूद अधिकांश रापनि कर्मी हडताल पर

92 हजार में से केवल साढे 11 हजार कर्मी ही काम पर लौटे

* काम पर लौटनेवालों में अधिकांश कार्यशाला व प्रशासकीय विभाग के कर्मचारी

* चालकोें व वाहकों के हडताल पर रहने से एसटी सेवा अब भी ठप्प

मुंबई/दि.27- राज्य में अब भी रापनि कर्मियों की हडताल शुरू है तथा दो दिन पूर्व 41 फीसद वेतनवृध्दि देने की घोषणा करने के बावजूद सरकारी सेवा में विलीनीकरण की मांग को लेकर अधिकांश रापनि कर्मी हडताल पर अडे हुए है. जिनमें ज्यादातर रापनि बस वाहकों व चालकों का समावेश है. वहीं कुछ स्थानों पर कार्यशाला व प्रशासकीय विभाग के कर्मचारियों सहित कुछ वाहक व चालक काम पर लौट आये है. जिससे कई आगारों से कुछ रूटों पर बस सेवा शुरू हुई है. जिससे संबंधित क्षेत्रों के नागरिकों को कुछ हद तक राहत मिलती नजर आ रही है.
बता दें कि, राज्य परिवहन निगम के कुल कर्मचारियों की संख्या 92 हजार 266 है. जिनमें से केवल 11 हजार 549 रापनि कर्मी अब काम पर लौट आये है. किंतु रापनि के कई विभागों में काम पर लौटनेवालों में अधिकांश लोग कार्यशाला व प्रशासकीय विभागोें के कर्मचारी है और कई आगारों में एक भी वाहक व चालक काम पर नहीं लौटा है. जिसके चलते कई आगारों से आज भी कोई बस सेवा शुरू नहीं हो पायी.
रापनि सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आज वसई स्टेशन सहित वसई गांव मार्ग पर रापनि सेवा शुरू की गई और पांच बसों को सडक पर उतारा गया. वहीं विरार व नालासोपारा आगार से कोई बस रवाना नहीं हुई. इसी तरह यवतमाल विभाग में 219 कर्मचारी काम पर लौट आये है. किंतु इनमें से कोई भी चालक व वाहक नहीं रहने के चलते यहां पर एसटी सेवा पूरी तरह से ठप्प है. इसी बीच यवतमाल जिले में 105 हडताली कर्मचारियों को निलंबीत कर दिया गया है और 118 ठेका कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है. इसी तरह अमरावती विभाग में भी रापनि कर्मियों की हडताल जारी है और विभाग के आठ आगारों से कोई भी बस किसी भी रूट के लिए नहीं छूटी. उधर सोलापुर में भी रापनि कर्मचारियों का आंदोलन शुरू है. यहां पर निलंबीत किये गये कुछ वाहक व चालक काम पर लौट आये है. जिसके चलते सोलापुर-मोहोल मार्ग पर दो बसें छोटी गई.

* काम पर लौट आओ, अन्यथा वेतन वृध्दि नहीं मिलेगी
– परिवहन मंत्री अनिल परब ने हडताली कर्मचारियों को चेताया
वहीं दूसरी ओर रापनि कर्मियों की हडताल को लेकर आक्रामक भूमिका अपनाते हुए राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने चेतावनी दी है कि, यदि वेतन वृध्दि देने के बावजूद भी हडताल जारी रहती है, तो वेतन बढाने का फायदा ही क्या है. ऐसे में सरकार वेतनवृध्दि के फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है. साथ ही अब हडताल जारी रहने के दौरान किसी से कोई चर्चा या समझौते भी नहीं किये जायेंगे, बल्कि जबरन हडताल कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जायेगी.

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