गौण खनिज के पहले चरण में होगी साढे छह करोड रूपयों की आय
रेती घाट नीलामी का रास्ता खुला
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राज्यस्तरीय पर्यावरण समिती की आपत्ति हुई दूर
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२५ – राज्य स्तरीय पर्यावरण समिती के मानकों की वजह से विगत दो वर्षों से अटकी पडी गौण खनिजों की नीलामी को विगत दिनों ही अंतिम मंजुरी मिली. जिसके पहले चरण में जिला प्रशासन की तिजोरी में साढे छह करोड रूपयों का राजस्व जमा होगा और फरवरी माह के पहले सप्ताह तक इस रकम में करीब साढे पांच करोड रूपयों का इजाफा भी होगा.
इस कार्य के पहले चरण में दर्यापुर तहसील के सर्वाधिक 4, भातकुली के 2 तथा तिवसा व धामणगांव रेल्वे के 1-1 रेती घाट की ऑनलाईन नीलामी हुई. जिससे जिला प्रशासन की तिजोरी में 6 करोड 41 लाख 51 हजार 300 रूपये का राजस्व जमा होगा. जिला प्रशासन ने इसके लिए 5 करोड 62 लाख 76 हजार 100 रूपये की अपसेट प्राईस निश्चित की थी. वहीं हकीकत में प्रशासन को अपसेट प्राईस की तुलना में 80 लाख रूपये की अधिक आय हुई. सबसे अधिक 1 करोड 25 लाख 66 हजार 500 रूपयों की बोली तिवसा तहसील के उंबरखेड घाट के लिए लगायी गयी. वहीं भातकुली तहसील के पोहरापूर्णा घाट के लिए 1 करोड 1 लाख 29 हजार 500 रूपये की आय जिला प्रशासन को होगी. इसके अलावा भातकुली तहसील का भालसी-ढंगारखेडा-सोनारखेडा घाट 76 लाख 55 हजार 100 रूपये तथा धामणगांव रेल्वे का दिघी महल्ले घाट 68 लाख 65 हजार 100 रूपये में बिका. वहीं दर्यापुर तहसील का नरदोडा घाट 67 लाख 53 हजार रूपये, अलमपुर घाट 49 लाख 51 हजार 400 रूपये, सिकंदरपुर घाट 58 लाख 53 हजार 500 रूपये, तथा रामतीर्थ घाट 73 लाख 60 हजार 200 रूपये में ठेकेदारों द्वारा खरीदा गया.
ज्ञात रहे कि, पर्यावरण को होनेवाले नुकसान की वजह के चलते विगत दो वर्षों से अमरावती सहित समूचे राज्य में गौण खनिजों, विशेषकर रेती घाटों की नीलामी प्रक्रिया अटकी पडी थी. लेकिन पश्चात जगह-जगह पर हुई जनसुनवाई व ग्राम पंचायतों द्वारा दिये गये ना-हरकत प्रमाणपत्रों के चलते राज्यस्तरीय पर्यावरण समिती द्वारा सभी बातों की आवश्यक जांच-पडताल की गई. जिसके बाद जिले के 16 रेती घाटोें की नीलामी को अनुमति दी गई. पश्चात जिलाधीश शैलेश नवाल की अनुमति से जिला खनिकर्म अधिकारी सुनील रामटेके ने रेती घाट नीलामी की समयसारणी घोषित की. इससे पहले विभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा हर एक रेती घाट की अपसेट प्राईस तय की गई थी.
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समिती की अधूरी रचना बनी दिक्कत
रेती घाटों की नये सिरे से नीलामी करने हेतु गत वर्ष राज्यस्तरीय पर्यावरण आघात मूल्यांकन समिती की अनुमति नहीं मिली. कई बार किये गये पत्र व्यवहार एवं अन्य यंत्रणाओं द्वारा दिये गये सुझाव भी नीलामी करवाने में सहायक साबित नहीं हुए. समिती की आधी-अधूरी रचना इसमें सबसे प्रमुख दिक्कत थी. वहीं अब राज्य सरकार द्वारा कुछ नियुक्तियां करते हुए समिती को पूर्ण किया गया है. जिसके बाद अगले कामों का रास्ता खुल गया.
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5.32 करोड रूपयों के व्यवहार भी शुरू
इस नीलामी के दुसरे चरण में अन्य आठ रेती घाटों की बिक्री की जायेगी. जिसमें दर्यापुर तहसील के पांच, तिवसा तहसील के दो तथा भातकुली तहसील के एक रेती घाट का समावेश है. ये पांचों रेती घाट पूर्णा, पेढी व वर्धा नदी पर है. जिनके लिए प्रशासन द्वारा 5 करोड 32 लाख 61 हजार 700 रूपयों की अपसेट प्राईस तय की गई है. पहले चरण की नीलामी को मिले प्रतिसाद को देखते हुए जिला प्रशासन को उम्मीद है कि, दूसरे चरण की नीलामी में भी अपसेट प्राईस की तुलना में कहीं अधिक रकम प्राप्त होगी. ऐसी जानकारी जिला खनिकर्म अधिकारी सुनील रामटेके द्वारा दी गई है.