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बरसात में सातपुड़ा पर्वतारोही क्षेत्र में होती है ‘ढगफूटी’!

मौसम विभाग के पास कोई रिर्काडिंग नहीं

  • रेनगेज का अभाव रहने से नहीं मिल पाती कोई जानकारी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१३.- बरसात के दिनों में जिले के अनेक इलाकों में जोरदार बारिश होती है. जिससे पूरा जनजीवन पानी में तरबतर हो जाता है. बारिश के दिनों में होनेवाली तेज झमाझम बारिश को लेकर आम लोगों में यहीं धारणा है कि यह ‘ढगफूटी’ यानि बादल फटने के संकेत है. लेकिन अमरावती जिले में अभी तक कहीं पर भी ‘ढगफूटी’ के मामले सामने नहीं आए है. यह जानकारी मौसम विभाग विशेषज्ञ प्रा. अनिल बंड ने दैनिक अमरावती मंडल को दी.
‘ढगफूटी’ से जुड़ी धारणा के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रा. अनिल बंड ने बताया कि जिन इलाकों में २०० मिमी तक बारिश एक घंटे में बरसती है. उसे ‘ढगफूटी’ कहा जाता है. लेकिन इसका सही मायनों में अर्थ मूसलाधार बारिश कहा जाता है. इस मूसलाधार बारिश से अनेक घरों सहित खेत खलिहानों में पानी घूस जाता है. वहीं पूरा इलाका पानी में डूब जाता है. केवल एक घंटे की बारिश से पूरे इलाका पानी में डूब जाना ही ‘ढगफूटी’ कहलाता है. अमरावती जिले के मोर्शी तहसील क्षेत्र में आनेवाले पाला ग्रामीण इलाके सहित आस-पास के छोटे ग्रामीण कस्बों में ‘ढगफूटी’ बरसात के दिनों में होती रहती है. लेकिन यहां पर अब तक कितनी बार ‘ढगफूटी’ हो चुकी है. इसकी रिर्काडिंग नहीं हो पायी है और रेनगेज का अभाव होने से इन इलाकों में बरसाती दिनों में कितनी मात्रा में बारिश हुई है इसका अनुमान लगा पाना मुश्किल साबित होता है. हालांकि एक घंटे में जहां पर २०० मिमी तेज तरार बारिश होती है, उसे ‘ढगफूटी’ कहा जा सकता है. बीते दिनों मुंबई शहर में ‘ढगफूटी’ का मामला सामने आया था. यहां पर एक दिन में ७५० मिमी बारिश दर्ज की गई थीं. जबकि अमरावती जिले में पूरे सालभर में ७५० मिमी बारिश दर्ज की जाती है. इसीलिए यहां पर ‘ढगफूटी’ के संकेत काफी कम नजर आते है.

  • जिले में २० अक्तूबर तक बारिश के आसार

पश्चिम बंगाल की उपखाडी में डीप डिप्रेशन (हवाओं) ने पश्चिम वायव्य दिशा में सफर करते हुए आज काकिनाडा नजदीक आंध्रप्रदेश में प्रवेश किया है. इस समय हवाओं की गति ५० से ६० किमी थी. यह हवाएं अगले दो दिनों में अरबी समंदर में प्रवेश करेगी. जिससे इसकी रफ्तार धीरे-धीरे कम होगी. वहीं कल सुबह तक यहां पर कम दबाव का क्षेत्र परावर्तित होगा. १५ अक्तूबर को अरबी समंदर में उत्तर महाराष्ट्र, गुजरात किनार पट्टे पर हवाओं का कम दबाववाला क्षेत्र तैयार होगा. जिसके चलते १३ और १४ अक्तूबर को विदर्भ के अनेक इलाकों में हल्का और मध्यम स्वरूप की बारिश होगी, वहीं अनेक जगहों पर तेज गर्जनाओं के साथ मूसलाधार बारिश होने की संभावना है. जबकि १५ से २० अक्तूबर तक संपूर्ण विदर्भ में बिखरे स्वरूप में हल्की और मध्यम स्वरूप की बारिश होने की संभावना प्रा. अनिल बंड ने जतायी है.

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