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कोरोना के खिलाफ जंग में किसी फरिश्ते से कम नहीं डॉ. रवि भूषण

विगत चार माह से दिन-रात संभाल रहे कोविड अस्पताल की जिम्मेदारी

  • सरकारी अस्पताल सहित निजी कोविड अस्पतालों में भी दे रहे है नियमित तौर पर वीजिट
  • रात-बेरात कॉल पर भी सेवा देने के लिए रहते है उपलब्ध
  • अब तक १५०० से अधिक कोरोना संक्रमितों की कर चुके प्रत्यक्ष जांच

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१० – इस समय जहां हर कोई कोरोना वायरस के संक्रमण की दहशत में है और कोरोना संक्रमित मरीजों सहित अपने जान-पहचानवाले लोगो से भी दूरी बनाकर चल रहा है. वहीं कोविड अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने में जुटे सभी डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ के लोग लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच में रहकर उनका इलाज करते हुए हर एक मरीज की जान बचाने के लिए सतत प्रयास कर रहे है. इसमें भी सरकारी कोविड अस्पताल के इंचार्ज की जिम्मेदारी रखनेवाले डॉ. रवि भूषण विगत चार माह से चौबीसौ घंटे कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु अपनी ड्यूटी व सेवा में तत्पर रहकर किसी फरिश्ते की भुमिका निभा रहे है. बता दें कि, समूचे देश सहित राज्य के विभिन्न शहरों में कोरोना का संक्रमण फैलते ही अमरावती के सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में तमाम आवश्यक संसाधनों व सुविधाओं के साथ कोविड हॉस्पिटल तैयार कर लिया गया था. हालांकि उस समय अमरावती में एक भी कोरोना का संक्रमित मरीज नहीं था. उस समय से इस कोविड अस्पताल की जिम्मेदारी सरकारी सेवा में रहनेवाले डॉ. रवि भूषण पर सौंपी गयी थी. जो तब से लेकर अब तक लगातार अपनी इस भुमिका का जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से निर्वहन कर रहे है. कालांतर में एक-एक कर अमरावती में चार स्थानों पर निजी कोविड हॉस्पिटल शुरू किये गये. जिनमें वलगांव रोड स्थित बेस्ट हॉस्पिटल, कैम्प परिसर स्थित दयासागर हॉस्पिटल व दरोगा प्लॉट स्थित बख्तार हॉस्पिटल सहित एमआयडीसी रोड स्थित एक होटल का समावेश है. जहां पर डॉ. चोरडिया द्वारा निजी कोविड हॉस्पिटल शुरू किया गया. इसके अलावा शहर के पीडीएमसी अस्पताल, डॉ. ढोले होमिओपैथी हॉस्पिटल व डॉ. राजेंद्र गोडे अभियांत्रिकी महाविद्यालय में स्थानीय प्रशासन द्वारा कोविड केयर सेंटर शुरू किये गये है. सरकारी कोविड अस्पताल में भरती मरीजों का ध्यान रखने के साथ-साथ डॉ. रवि भूषण नियमित तौर पर उपरोक्त सभी कोविड हॉस्पिटलों व कोविड केयर सेंटरों में नियमित तौर पर विजीट देते है और वहां भरती हर एक मरीज के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त करते है और इस जानकारी के आधार पर इन मरीजो के इलाज हेतु संबंधित डॉक्टरों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी करते है. यहां सर्वाधिक उल्लेखनीय बात यह है कि, पूरा दिन कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में व्यस्त रहनेवाले डॉ. रविभूषण रात-बेरात के समय भी कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए हमेशा उपलब्ध रहते है और किसी भी कोविड अस्पताल से फोन आने पर तुरंत ही संबंधित मरीज के इलाज हेतु उपस्थित हो जाते है.  बता दें कि, अमरावती में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या ३ हजार के आंकडे को पार कर चुकी है. इसमें से १५०० से अधिक मरीजों का खुद डॉ. रवि भूषण ने प्रत्यक्ष मुआयना करते हुए उनका इलाज अपने हाथों से किया है और इसमें से अधिकांश मरीज ठीक होकर अपने घर लौट चुके है.

हमारे लिये हर एक मरीज की जान बेहद कीमती अपने कामों के प्रचार-प्रसार तथा व्यक्तिगत प्रसिध्दी से बेहद दूर रहनेवाले डॉ. रवि भूषण से जब दैनिक अमरावती मंडल ने विशेष साक्षात्कार तथा उनके कामों की जानकारी के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि, वे कोई नया या खास काम नहीं कर रहे, बल्कि अपने हिस्से में आयी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, उनके और उनकी टीम के लिए कोविड अस्पताल में आनेवाले हर एक मरीज की जान बचाना इस समय सबसे पहली प्राथमिकता है और वे पूरा प्रयास करते है कि, कोविड अस्पताल में आनेवाला हर एक व्यक्ति ठीक होकर अपने घर परिवार में लौटे, लेकिन कोरोना के साथ-साथ मधुमेह, हाईबीपी व हृदयरोग जैसी बीमारियों से पीडित कई मरीजों को बचा पाना कई बार बेहद मुश्किल होता है. खासकर उम्रदराज व्यक्तियों को बचाने के प्रयास कुछ हद तक असफल साबित होते है, लेकिन इसके बावजूद टीम कोविड अपने प्रयासों को लगातार जारी रखे हुए है, ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचायी जा सके.

हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर रहे जागरूक इस समय डॉ. रवि भूषण ने कहा कि, कोरोना से संक्रमित होनेवाले मरीजों की जान बचाने के लिए तो प्रशासन एवं स्वास्थ्य महकमे द्वारा पूरे प्रयास किये जा रहे है, लेकिन सबसे बडी जिम्मेदारी खुद आम नागरिको की है. आम नागरिको को चाहिए कि, वे अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक रहे और कोरोना संक्रमण से बचे रहे. यदि हर व्यक्ति अपने आप को सोशल डिस्टन्सिंग सग के नियमों का पालन करते हुए कोरोना संक्रमण से बचा पाया तो ही कोरोना संक्रमण की चेन को तोडा जा सकता है और यदि आम लोगों ने मास्क पहनने और सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करने में किसी भी तरह की कोई लापरवाही बरती तो हालात और भी अधिक बिगड सकते है.

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