विश्व में सर्वाधिक बाघ भारत में, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प पहले नौ में एक
आज विश्व व्याघ्र दिन, इंदिराजी की दुरदृष्टि
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२८ – विश्व के कुल बाघों में से 80 प्रतिशत बाघ अकेले भारत में है. भारत विश्व में सर्वाधिक बाघ रहने वाला देश साबित हुआ है. वर्ष 2006 में देश में 1411 बाघ थे. वर्ष 2010 में 1700 बाघ थे. टायगर एस्टीमेशन रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में भारत में 2,226 बाघ थे. जिसमें जबर्दस्त वृध्दि हुई है. वर्ष 2018 में यह बाघों की संख्या 2,967 हुई है. विश्वस्तर पर यह नोंद सर्वाधिक है.
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1973 में सर्वप्रथम देश में व्याघ्र अभ्यारण्य यह संकल्पना अस्तित्व में लायी और देश में पहले 9 अभ्यारण्य घोषित किये. जिसमें मेलघाट व्याघ्र अभ्यारण्य का समावेश है. राज्य का यह पहला व्याघ्र प्रकल्प, बाघों के संरक्षण, संवर्धन में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प का योगदान देश स्तर पर उल्लेखनीय है.देश के टॉप टेन में एक व्याघ्र प्रकल्प के रुप में मेलघाट की पहचान है. विश्व व्याघ्र दिन 29 जुलाई को विश्वस्तर पर देश समेत इस व्याघ्र प्रकल्प का विशेषकर उल्लेख किया जाता है.
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देश का बडा व्याघ्र प्रकल्प
बाघों का सर्वोत्कृष्ट नैसर्गिक अधिवास साबित हुआ मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्रफल के चलते देश का सबसे बडा व्याघ्र प्रकल्प है. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प का क्षेत्रफल 2700 चौरस मीटर है. 361.28 चौरस किलोमीटर का गुगामल राष्ट्रीय उद्यान इसमें समाविष्ठ है.
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सैकडों बाघों की क्षमता
सौ से ज्यादा बाघों को संभालने की मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की क्षमता है. एक बाघ को आमतौर पर 25 चौरस किलोमीटर का क्षेत्र लगता है. आज मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में 50 बाघ हैं, जिसमें 21 मादी व 29 नर हैं. इसके अलावा बाघों के 22 शावक हैं. बाघों के शावकों का विचार किया तो मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में कुल 72 बाघ आज अस्तित्व में है.
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क्राईम सायबर सेल
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत वाईल्ड लाईफ क्राईम सायबर सेल वर्ष 2013 में स्थापित किया गया. देश का यह पहला सायबर सेल. देश अंतर्गत लगभग ढाई सौ शिकारियों को, चोरों को इस सेल ने पकडकर दिया हेै. मांग के अनुसार संबंधित राज्य को यह सायबर सेल अपनी सेवा देता है. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत चोरी छिपे शिकार करने वालों पर इस सायबर सेल ने अपनी दहशत निर्माण की है.