अकोला/दि.10- बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अकोला के व्यापारी अरविंद सहदेव गुप्ता पर आयकर विभाग की कार्रवाई को गलत करार देते हुए विवादित नोटिस तथा आदेश रद्द कर दिया. न्या. अतुल चांदूरकर और न्या. वृषाली जोशी की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया.
आयकर विभाग का दावा था कि गुप्ता ने कर निर्धारण वर्ष 2013-14 के लिए आयकर जमा करते समय शेयर विक्री से प्राप्त 990314 रुपए के मुनाफे की जानकारी नहीं दी. इसके लिए विभाग ने गुप्ता को 24 मार्च 2020 को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा था. गुप्ता ने नोटिस का जवाब दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि कर निर्धारण वर्ष में संबंधित रकम का लाभ नहीं बल्कि नुकसान हुआ था. किंतु आयकर विभाग ने इस खुलासे को स्वीकार नहीं किया. 29 सितंबर 2021 को विवादित आदेश जारी कर गुप्ता से कर निर्धारण वर्ष 2013-14 की आमदनी 1 करोड 55 लाख 30 हजार 950 रुपए होने और इस पर 30 दिनों में आयकर जमा करने कहा गया था. तब गुप्ता ने कोर्ट की शरण ली. उच्च न्यायालय में गुप्ता की तरफ से एड. कपील हिरानी ने पैरवी की. उच्च न्यायालय ने रिकॉर्ड पर आए सबूतो को ध्यान में रखते हुए गुप्ता की अर्जी मंजूर कर आयकर विभाग की कार्रवाई रद्द कर दी.