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पुलिस की राह में रोडे अटकाने की बजाय पुलिसवालों का मनोबल बढाये

  •  पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने किया शहर व जिलावासियों से आवाहन

  •  सीपी डॉ. आरती सिंह व एसपी डॉ. हरी बालाजी के कार्यों को बताया बेहतरीन

  •  छोटी-छोटी बातों को लेकर नुक्स निकालनेवालो को लिया आडे हाथ

अमरावती/प्रतिनिधि दि.13 – विगत 15-16 माह से पुलिस महकमे के सभी अधिकारी व कर्मचारी कोविड संक्रमण का खतरा रहने के बावजूद अपने जान की जोखिम उठाते हुए सडकों पर खडे रहकर ड्यूटी कर रहे है और नागरिकों से अपने-अपने घरों पर रहने के साथ ही कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करने हेतु कहा जा रहा है, ताकि कोविड की संक्रामक महामारी खत्म हो और हर कोई सुरक्षित रह सके. तमाम जरूरी उपाय करने के बावजूद संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही. जिसके चलते प्रशासन द्वारा 9 मई से 15 मई के दौरान कडा लॉकडाउन लगाया गया है. जिसका सभी के द्वारा पालन किया जाना अपेक्षित है. किंतु पाया जा रहा है कि, इन दिनों कई जिम्मेदार लोग पुलिस के कामों में मीन-मेख व नुक्स निकाल रहे है. साथ ही प्रतिबंधात्मक नियमों का उल्लंघन करनेवालों के प्रति सहानुभूति दर्शा रहे है, यह पूरी तरह से गलत है. ऐसे समय हम सभी ने पुलिस एवं प्रशासन के पक्ष में पूरी मजबूती के साथ खडे रहना चाहिए, ताकि कोविड संक्रमण काल के दौरान उनका मनोबल उंचा बना रहे, इस आशय का प्रतिपादन जिले के पूर्व पालकमंत्री तथा विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील द्वारा किया गया है.
बता दें कि, गत रोज रहाटगांव रोड स्थित वेलकम टी-पॉईंट पर मॉर्निंगवॉक करनेवाले कुछ लोगों को गाडगेनगर थाना पुलिस द्वारा पकडकर पुलिस स्टेशन लाया गया और उनके खिलाफ संचारबंदी नियमों का उल्लंघन करने को लेकर धारा 188 के तहत अपराध दर्ज किया गया. इस बात को लेकर कई लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ पोस्ट वायरल की जाने लगी. साथ ही इन पोस्ट पर कई लोगों द्वारा पुलिस के खिलाफ अपनी भडास निकाली जाने लगी. इसी घटना को लेकर पूर्व जिला पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष रूप से बातचीत करते हुए उपरोक्त विचार व्यक्त किये. साथ ही पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने कहा कि, हम सभी विगत एक वर्ष से कोविड संक्रमण की विभिषिका को झेल रहे है. इस दौरान अमरावती शहर सहित जिले के हजारों लोग कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुके है और अब तक जिले में 1 हजार से अधिक लोगों की जान इस संक्रमण की वजह से जा चुकी है. इसके बावजूद भी अगर लोग प्रतिबंधात्मक उपायों को लेकर सजग और गंभीर नहीं होते है, तो इसे क्या कहा जाये. पूर्व पालकमंत्री पोटे ने इस बात को लेकर भी अपनी चिंता जताई है कि, इन दिनों अमरावती के शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में कोविड संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है और ग्रामीण इलाकों में लोगों की बडी तेजी के साथ मौत भी हो रही है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पूरी कडाई के साथ पालन किया जाये और सरकार के निर्देश पर फिलहाल पुलिस महकमा यही काम कर रहा है. ऐसे में सभी ने अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए पुलिस महकमे व प्रशासन के साथ सहयोग करना सीखे.

  •  … तो पढे-लिखे और बुध्दिजीवी होने का क्या फायदा?

पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे के मुताबिक इस समय अमरावती शहर सहित जिले के तहसील क्षेत्रों में सभी प्रमुख मार्गों पर पुलिस द्वारा बैरिकेटिंग की गई है, ताकि लोगों की आवाजाही को रोका जा सके. इसके बावजूद कई पढे-लिखे और बुध्दिजीवी लोग मॉर्निंग वॉक के नाम पर झुंड के झुंड बनाकर सडकों पर घूमने निकल रहे है. यह दृश्य शहर के लगभग सभी संभ्रांत इलाकों में दिखाई देता है. ऐसे में सहज ही दिमाग में यह खयाल आता है कि, अगर एक साल से की जा रही अपील और सतत किये जा रहे प्रयास इन लोगों की समझ में नही आ रहे, तो फिर इन लोगों के पढे-लिखे और बुध्दिजीवी होने का क्या फायदा. जाहीर सी बात है कि पुलिस द्वारा लोगों का स्वागत करने के लिए तो बैरिकेटिंग नहीं लगायी गयी है, साथ ही पुलिस की नागरिकों के साथ कोई व्यक्तिगत खुन्नस भी नहीं है और उन्हें लोगोें पर डंडे बरसाने में कोई विशेष खुशी भी नहीं मिलती. बल्कि यदि नागरिकों द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद नियमों का पालन नहीं किया जाता, तो उन्हें मजबूरी में कार्रवाई करने हेतु कदम उठाना पडता है. ऐसे समय में खुद को जिम्मेदार माननेवाले लोगों की यह जिम्मेदारी बनती है कि, वे नागरिकों को नियमों का पालन करने हेतु जागरूक करे, लेकिन हैरत इस बात की है कि, कुछ लोग पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर उंगली उठाते हुए नियमों का उल्लंघन करनेवाले लोगों का पक्ष ले रहे है, जो कि पूरी तरह से गलत है. प्रवीण पोटे पाटील के मुताबिक कुछ लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि, गाडगेनगर थाना पुलिस ने मॉर्निंग वॉक करनेवाले लोगों के साथ ‘सराईत गुन्हेगार’ यानी पेशेवर अपराधी की तरह व्यवहार किया. ऐसा कहनेवाले लोगों को शायद इस बात की जानकारी नहीं होगी कि, पुलिस द्वारा पेशेवर अपराधियोें के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है. साथ ही पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने तंज कसते हुए यह भी कहा कि, जिन लोगों को पुलिस के कामकाज के बारे में बडी आपत्ति है, उन्हें चाहिए कि, वे कोविड संक्रमण काल के दौरान केवल एक दिन कम से कम आठ घंटे के लिए पुलिस के साथ सडक पर खडे रहकर ड्यूटी करे, तब शायद उन्हें असलियत समझ में आयेगी कि, पुलिस इस समय कितने धैर्य और संयम के साथ काम कर रही है.
पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह व जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. हरी बालाजी एन द्वारा किये जा रहे कामों की सराहना करते हुए कहा कि, विगत 15-16 माह से पुलिस महकमे सहित राजस्व प्रशासन के सभी अधिकारी व कर्मचारी अपनी तय ड्यूटी से अधिक काम कर रहे है. इन लोगों के कामों में गलतियां ढूंढनेवाले लोगोें को आत्मपरिक्षण करने की जरूरत है कि, खुद उन्होंने इस कोविड संक्रमण काल के दौरान आम जनता की जनजागृति व सहायता के लिए क्या काम किया. साथ ही ऐसे लोगों को चाहिए कि, अगर वे किसी के काम को अच्छा बोलकर उसकी सराहना नहीं कर सकते, तो उन्हें कम से कम उन कामों के बारे में बुरा भी नहीं करना चाहिए. साथ ही इस बात का भी एहसास रखना चाहिए कि, कही उनके किसी वक्तव्य या कृति की वजह से गलत प्रवृत्ति को आधार तो नहीं मिल रहा और कही ऐसा करने से अब तक की गई पूरी मेहनत को व्यर्थ जाने का खतरा पैदा नहीं हो रहा.
पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे के मुताबिक सरकार एवं प्रशासन द्वारा हर एक व्यक्ति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन जैसे कदमों का सहारा लिया जा रहा है. ऐसे में सभी नागरिकों को चाहिए कि, वे सभी नियमों व निर्देशों का पालन करे तथा पुलिस व प्रशासन को किसी भी तरह की कार्रवाई करने का मौका न दें.

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