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जिले में आपराधिक गतिविधियों का बढा ग्राफ

  •  2019 में 3 हजार 38 मामले आये थे सामने

  •  महिला अत्याचार के अपराध हुए कम

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२५ – वर्ष 2020 कोरोना महामारी का प्रभाव देखने को मिला है. इसके बावजूद आपराधिक गतिविधियों का ग्राफ कुछ हद तक बढा हुआ नजर आ रहा है. हालांकि इसमें भी महिला अत्याचार के अपराधों में काफी कमी देखी गई है. वर्ष 2019 में जहां पूरे सालभर में 3 हजार 38 आपराधिक मामले सामने आये थे. वहीं इस वर्ष 3 हजार 101 मामले सामने आये है.
यहां बता दें कि पुलिस आयुक्तालय के 10 थाना क्षेत्र में बीते जनवरी से नवंबर 2019 के दौर में दुष्कर्म, विनयभंग, धारा 509, विवाहिता का छल और आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने जैसे 450 मामले दर्ज किये गए थे. वहीं इस वर्ष यह मामले 414 ही दर्ज किये गए है. इस वर्ष कोरोना के चलते घोषित लॉकडाउन की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकले फिर भी लॉकडाउन के दौरान पारिवारिक विवाद के मामले भी शहर में सामने आये थे. बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष पारिवारिक विवाद के मामले 25 फीसदी तक कम हुए है. पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह ने आयुक्तालय क्षेत्र का जिम्मा संभालने के बाद बच्चों और महिलाओं के अत्याचारों की दखल लेकर अपराधों का ब्यौरा लिया और महिला अत्याचार रोकने के लिए दामिनी पथक, महिला सुरक्षा पथक, पुलिस स्टेशन स्तर पर सीआर मोबाइल तैयार कर शहर में पेट्रोलिंग को बढाया. जिससे महिलाा अत्याचार की घटनाओं पर कुछ हद तक अंकुश लग पाया है. यहां पर अन्य आपराधिक गतिविधि पर नजर डाले तो अपराधों का ग्राफ इस वर्ष बढा हुआ देखने को मिल रहा है. डकैती, धोखाधडी, जानलेवा हमलें, गैर कानूनी भीड इकट्ठा कर नियम तोडने की घटनाओं में इजाफा हुआ है. जबकि हत्या, दुष्कर्म, डकैती, जबरन चोरियां, वाहन चोरी, भगाकर ले जाने, विनयभंग, सडक हादसों में मौते जैसे मामलों में कमी आयी है. वर्ष 2019 में जहां हत्या के मामले 25 थे, वहीं नवंबर 2020 में यह मामले 22 दर्ज किये गए है. हत्या का प्रयास करने के मामले 2019 में 58 दर्ज थे. वहीं इस वर्ष 65 मामले दर्ज किये गए है. दुष्कर्म के 2019 में 76 मामले दर्ज किये गए थे. वहीं इस वर्ष 69 मामले सामने आये है. डकैती के पांच मामले 2019 में सामने आये थे. वहीं इस वर्ष डकैती का एक ही मामला सामने आया है. जबरन चोरी की कुल 58 वारदातें सामने आयी थी, वहीं इस वर्ष 65 मामले सामने आये है. घरों में सेंधमारी के वर्ष 2019 में 159 मामले सामने आये थे. वहीं इस वर्ष 204 मामले सामने आये है. चोरी की जहां 2019 में 796 मामले सामने आये थे. वहीं इस वर्ष 766 मामले सामने आये है. मोटर वाहन चोरी की जहां 337 मामले 2019 में सामने आये थे. वहीं इस वर्ष 301 मामले दर्ज किये गए. गैरकानूनी ढंग से भीड इकट्ठा करने के जहां वर्ष 2019 में 37 मामले सामने आये थे. वहीं इस वर्ष 68 मामले दर्ज किये गए. विश्वाघात करने के जहां 19 मामले वर्ष 2019 में दर्ज किये गए थे. वहीं इस वर्ष 13 अपराध दर्ज किये गए. धोखाधडी के जहां 112 मामले वर्ष 2019 में दर्ज हुए वहीं इस वर्ष 128 मामले सामने आये है. भगाकर ले जाने की घटनाएं वर्ष 2019 में 110 हुई थे, वहीं इस वर्ष यह घटनाएं काफी कम हुई है. भगाकर ले जाने की इस वर्ष 76 मामले सामने आये है. चोटील करने की वर्ष 2019 में 594 मामले सामने आये थे वहीं इस वर्ष यह मामले 623 दर्ज किये गए है. सरकारी कर्मचारियों पर हमले की 34 वारदातें 2019 में दर्ज की गई थी, वहीं इस वर्ष 23 अपराध दर्ज किये गए है. वर्ष 2019 में विनयभंग की 273 शिकायतें दर्ज की थी, वहीं इस वर्ष 268 मामले दर्ज किए गए है. वाहन हादसे में मृत्यु की घटनाएं वर्ष 2019 में 80 घटीत हुई थी, वहीं इस वर्ष 69 मामले दर्ज किये गए है. गंभीर व मामुली हादसों के जहां वर्ष 2019 में 216 मामले दर्ज किये गए थे. वहीं इस वर्ष 177 मामले ही दर्ज किये गए है. धारा 498अ के वर्ष 2019 में 94 मामले सामने आये थे. वहीं इस वर्ष 69 मामले दर्ज किये गए है. दोनों वर्षों की तुलना करे तो अपराधों में कम ज्यादा का ही ग्राफ देखने को मिल रहा है.

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