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शहर में पार्टी का जनाधार बढाना और संगठन की मजबूती पहली प्राथमिकता

  • घर-घर पहुंचकर वॉर्डनिहाय संगठन मजबूती पर किया जायेगा काम

  • राजी-नाराजी दूर कर सभी पुराने समर्पित कार्यकर्ताओें को किया जायेगा सक्रिय

  •  कांग्रेस के नवनियुक्त शहराध्यक्ष बबलू शेखावत का कथन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२६ – मैं विगत करीब 25 वर्षों से कांग्रेस पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हूं, और पार्टी ने अब तक मेरे द्वारा किये गये कामों को ध्यान में रखते हुए मुझे पुरे शहर की जिम्मेदारी सौंपी है. जिसके लिए जहां एक और मैं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आभारी हूं, वहीं दूसरी ओर मैं खूद को अपने सामने मौजूद चुनौतियों के लिए भी तैयार कर रहा हूं. अब से ठीक साल-सवा साल बाद अमरावती महानगरपालिका के आम चुनाव होने है और इस बार मनपा में कांग्रेस के पार्षद अधिकाधिक संख्या में चुनकर आये, और एक बार फिर मनपा में कांग्रेस की सत्ता हो, यह मेरी पहली प्राथमिकता में शामिल है. जिसके लिए मैं शहराध्यक्ष नियुक्त होने के बाद पहले दिन से काम पर लग गया हूं. इस आशय का प्रतिपादन हाल ही में कांग्रेस के शहराध्यक्ष नियुक्त किये गये मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत द्वारा किया गया.
कांग्रेस शहराध्यक्ष नियुक्त होने के बाद अपने कांग्रेस नगर स्थित निवास पर दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए बबलू शेखावत ने कहा कि, इस पद पर नियुक्ती होने के बाद उन्हें जिस तरह का व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है, और उनका जिस तरह राजकमल चौक पर सभी जाती व धर्म के लोगोें ने जंगी स्वागत किया, उसे देखते हुए उन्हेें पूरा भरोसा है कि, आनेवाले समय में उनके नेतृत्व के तहत अमरावती शहर में कांग्रेस पार्टी द्वारा शानदार काम किया जायेगा. नवनियुक्त कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत के मुताबिक इस समय अमरावती जिले का पालकमंत्री पद एवं अमरावती शहर का विधायक पद कांग्रेस के पास है. ऐसे में पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर व विधायक सुलभा खोडके सहित पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले के मार्गदर्शन में सभी लोग कांग्रेस को उसका गत वैभव दिलाने के लिए प्रयास करेंगे.
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत ने कहा कि, विगत कुछ अरसे के दौरान अलग-अलग कारणों के चलते पार्टी के कई पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं ने अपने आप को सक्रिय राजनीति से दूर कर लिया था. ऐसे सभी पुराने कार्यकर्ताओं की राजी-नाराजी दूर करते हुए उन्हें पार्टी में यथोचित मान-सम्मान दिया जायेगा, और एक बार फिर पहले की तरह सक्रिय किया जायेगा.

खोडके गुट से भी बेहतरीन संबंध व तालमेल

सुना है कि, राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके आपको कांग्रेस का शहराध्यक्ष बनाये जाने के खिलाफ थे, इस सवाल पर भौचक होते हुए बबलु शेखावत ने कहा कि, ऐसा तो कुछ उनकी जानकारी में नहीं आया है, और वे यह बात पहली बार सुन रहे है. बबलू शेखावत के मुताबिक इस समय जहां एक ओर संजूभाउ खोडके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में वरिष्ठ पदाधिकारी है, वहीं उनकी पत्नी सुलभा खोडके कांग्रेस पार्टी से विधायक निर्वाचित है. साथ ही राज्य में कांग्रेस व राकांपा सहित शिवसेना का समावेश रहनेवाली महाविकास आघाडी की सत्ता है. ऐसे में एक-दूसरे के साथ कहीं किसी तरह की कोई अदावत या विरोध का तो सवाल ही नहीं उठता.

डॉ. देशमुख का निर्णय पार्टी नेतृत्व के हाथ में

जिस दिन नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत कांग्रेस के शहराध्यक्ष नियुक्त हुए, उसी दिन यह खबर भी बडी तेजी से फैली कि, कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहनेवाले पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख अब भाजपा छोडकर एक बार फिर कांग्रेस में वापिस आ सकते है. इस संदर्भ में पूछे जाने पर कांग्रेस शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत ने कहा कि, यह अपने आप में काफी बडा मसला है. जिसका फैसला शहर कांग्रेस के स्तर पर नहीं हो सकता. बल्कि इस बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अथवा प्रदेश नेतृत्व को फैसला लेना है. साथ ही वरिष्ठ स्तर पर जो भी फैसला लिया जायेगा, शहर कार्यकारिणी उसका पालन करेगी. इस समय जब उनसे यह पूछा गया कि, यदि डॉक्टर देशमुख कांग्रेस पार्टी में लौट आते है, तो शेखावत परिवार और डॉ. देशमुख के बीच चली आ रही अदावत को किस तरह खत्म किया जायेगा, इस सवाल के जवाब में बबलू शेखावत ने कहा कि, फिलहाल ऐसा कोई निर्णय होने की उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन यदि ऐसा कुछ होता है, तो तब की तब देखी जायेगी. हालांकि इस समय उन्होंने यह जरूर कहा कि, अरसा पहले डॉ. देशमुख के साथ वॉर्डस्तर के जितने भी पदाधिकारी व कार्यकर्ता कांग्रेस छोडकर भाजपा में चले गये थे, उन सभी को पार्टी में वापिस लाने की कोशिश जरूर की जायेगी, ताकि सभी वॉर्डों में पार्टी संगठनात्मक रूप से मजबूत हो.

बिखराव या अंतर्कलह जैसी कोई बात नहीं

वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटील के पुत्र रावसाहब शेखावत को प्रत्याशी बनाये जाते ही अमरावती शहर में पार्टी दोफाड हो गयी थी. तथा बाद में वर्ष 2014 के चुनाव में पार्टी को अमरावती विधानसभा सीट पर हार का सामना भी करना पडा. साथ ही 2017 में महानगरपालिका की सत्ता भी हाथ से निकल गयी. पश्चात 2019 में सीएए व एनआरसी जैसे मुद्दे को लेकर वोटों का धृ्रवीकरण होने की वजह से पार्टी को विधानसभा सीट पर जैसे-तैसे जीत मिली, अन्यथा बहुसंख्यक बहुल क्षेत्र में प्रतिद्वंदी उम्मीदवार ही आगे रहा. ऐसे में वोटों के बिखराव सहित पार्टी के भीतर चलनेवाले अंतर्कलह को कैसे संभालेंगे, इस सवाल पर कांग्रेस शहराध्यक्ष व मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने कहा कि, पार्टी के भीतर कोई अंतर्कलह नहीं है. यद्यपि शहर स्तर पर कई प्रभावशाली नेता है, और उनके समर्थकों के गुट भी है. आगे बढने की और उपलब्धि हासिल करने की महत्वाकांक्षा हर व्यक्ति में होती है. लेकिन पार्टी नेतृत्व के निर्णय और पार्टी हित के मसले पर सभी लोग एकजूट हो जाते है. जहां तक पार्टी कार्यकर्ताओं या वोटों के बिखराव का सवाल है, तो ऐसा भी कतई नहीं है. विगत लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान अमरावती शहरी क्षेत्र में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सहित पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को बेहद शानदार वोट मिले है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, सभी जाति व धर्म के लोगोें में पार्टी का जनाधार पूरी तरह से कायम है. यहीं हमारी सबसे बडी ताकत है.

भाजपा ने चार वर्ष में बर्बाद कर दिया शहर

इस बातचीत के दौरान मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने कहा कि, अमरावती महानगरपालिका में जब तक कांग्रेस की सत्ता रहीं, तब तक शहर का बडे सुनियोजीत ढंग से विकास होता रहा. किंतु चार वर्ष पुर्व भारी बहुमत के साथ मनपा की सत्ता में आयी भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने विकास को भकास करने का काम किया है. भाजपा द्वारा अमरावती को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना दिखाया गया था, लेकिन स्मार्ट सिटी तो बहुत दूर की बात है, आज शहर के रिहायशी इलाकों में मुलभुत सुविधाओं तक का नितांत अभाव है. वहीं स्मार्ट सिटी के डीपीआर प्लान को तैयार करने में ही मनपा की तिजोरी से करोडों रूपये खर्च कर दिये गये है. इसके अलावा इन्हीं चार वर्षों के दौरान सत्ता पक्ष की नाक के नीचे रेस्क्यू वैन घोटाला व निजी शौचालय घोटाला भी घटित हुए. जिसके मास्टर माइंड आरोपी आज तक पकड में नहीं आये. कुल मिलाकर अमरावती मनपा में भाजपा सभी मोर्चों पर नाकाम रहीं है और शहरवासियों का भाजपा से मोह भंग हो चुका है. ऐसे में सवा साल बाद होने जा रहे चुनाव के बाद कांग्रेस हर हाल में मनपा की सत्ता में वापसी करने जा रही है. जिसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है.

 मनपा चुनाव में विधानसभा चुनाव की तरह झोंकी जायेगी ताकत

इस बातचीत के दौरान कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने जोर देकर कहा कि, जिस तरह हम सभी ने विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए पूरी निष्ठा व समर्पण भाव के साथ अपनी ताकत झोंकी थी. उसी तरह मनपा चुनाव में एक-एक सीट पर जीत के लिए ताकत झोंकी जायेगी, और इस बार हर हाल में अमरावती मनपा में कांग्रेस की बहुमत के साथ सत्ता लायी जायेगी. जिसके लिए अभी से एक-एक पदाधिकारी व कार्यकर्ता को साथ लेते हुए दिन निहाय व वॉर्डनिहाय नियोजन शुरू किया जा रहा है.

हर वॉर्ड में संगठन को किया जायेगा मजबूत

अपने आगामी दिनों के कामों एवं प्राथमिकताओें के संदर्भ में जानकारी देते हुए कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने कहा कि, इस समय वे शहर के सभी वॉर्डों का दौरा करते हुए वॉर्डनिहाय व ब्लॉकनिहाय कांग्रेस कार्यकारिणी के पुनर्गठन को प्राथमिकता दे रहे है, ताकि शहर में पार्टी को संगठनात्मक रूप से मजबूत किया जा सके.

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