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मानवीय मूूल्यों से भारत विश्वगुरू

श्री श्री रविशंकर का कहना

* पीआर पोटे एज्युकेशनल ग्रुप में जोरदार संबोधन
* 10 वर्षो में परिसर और ग्रुप की प्रगति प्रशंसनीय
अमरावती/ दि. 10– आर्ट ऑफ लीविंग अर्थात जीवन जीने की कला सिखाते विश्व के सैकडों देशों में लाखों करोडों अनुयायी बना चुके श्री श्री रविशंकर ने आज कहा कि मानवीय मूल्यों में भारत का लोहा विश्व मानता है. विद्यार्थियों को भी अपनी मूल अर्थात जडों का, परंपराओं का जतन करते हुए इन मूल्यों को जीवन में उतारना चाहिए. आप जापान से टीमवर्क, जर्मनी से परफेक्शन, अमेरिका से मार्केटिंग सीख सकते हैं तो भारत से भी एकदूसरे के प्रति सम्मान, स्नेह, समर्पण की सीख सकते हैं.
श्री श्री रविशंकर आज पूर्वान्ह पीआर पोटे पाटिल एज्युकेशनल ग्रुप के स्वामी विवेकानंद सभागार में विद्यार्थियों को ‘एन इंटरेक्शन विथ श्री श्री’ कार्यक्रम में मार्गदर्शन कर रहे थे. मंच पर संस्थान के अध्यक्ष विधायक प्रवीण पोटे पाटिल, उपाध्यक्ष श्रेयस पोटे पाटिल, प्राचार्य डॉ. डी.टी. इंगोले सहित सभी संस्थान अंतर्गत कॉलेजेस के प्राचार्य, उप प्राचार्य विभाग प्रमुख, डीन, संयोजक आदि विराजमान थे.
श्री श्री सिंह ने कहा कि युवा वही हैं जो शरारत करता है, चुनौती स्वीकार करता है. ध्यान बंटने नहीं देता. अपने लक्ष्य को लेकर स्पष्ट रहता है. उन्होंने कल क्या बनना है, इसके लिए आज ही संकल्प लेकर प्रयास शुरू कर देने का आवाहन किया. अपनी बात को सहज सरल संवाद में उन्होंने सोदाहरण से समझाया. विद्यार्थियों ने उनसे प्रश्न भी किए. जिसके समर्पक उत्तर श्री श्री ने दिए.
श्री श्री ने कहा कि आपकी आध्यात्मिक प्रगति वही है जब आपके चेहरे की मुुस्कान कभी ओझल नहीं होती उन्होेने भारत की सनातन परंपराओं का गुणगान कर कहा कि अब जाकर विश्व हमारे आयुर्वेद के ज्ञान को मान रहा है. योग के, ध्यान के सामर्थ्य को स्वीकार कर रहा है. अपितु अमेरिका की हावर्ड, स्टैनफोर्ड जैसे 100 से अधिक विद्यापीठों में योग, ध्यान, प्राणायाम नित्य रूप से सिखाया जाना अनिवार्य किया गया है. श्री श्री ने कहा कि भारत की जीओ और जीने दो कि सोच ने दुनिया में परिवर्तन लाए हैं.
155 देशों में आर्ट ऑफ लीविंग के जरिए पहुंचे श्री श्री ने पोटे शिक्षा संस्था समूह के उपक्रमों की प्रशंसा करते हुए प्रवीण पोटे पाटिल के प्रयत्नों और विजन की भी सराहना की. अपने आधे घंटे के नपेतुले संबोधन और सहजता से श्रीश्री उपस्थितों को मुग्ध कर गये. कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग व प्लेसमेंट हेड प्रा.मोनिका आचार्य ने किया. सर्वश्री नीलेश चिठोरे, नीलेश पाटिल, एड नितीन कोल्हटकर, एड भरत शेंडे, जयंत खत्री, शैलेंद्र जायस्वाल, जसगायक दीपक उपाध्याय सौरभ हिवरकर, अजय मरीक, सतीश मिठलानी, ओजस शिरवरकर, कुणाल चव्हाण, वैभव मांडवगडे, आदित्य पेशने, निशांत टापरे, गोंदिया से दयानुमल आसवानी, दीपक मिरानी, अर्पणा शिंपी हैदराबाद, आनंद काले, हर्षा काले सहित बडी संख्या में पास पडोस के शहरों और नगरों से आर्ट ऑफ लीविंग के अनुयायी श्रध्दा तथा उत्साह से उपस्थित थे.

* टाटा कैंसर अस्पताल में हजारों को भोजन
संस्थान के अध्यक्ष और विधायक प्रवीण पोटे पाटिल ने स्पॉन्टेनियस संबोधन में 10 वर्षो पश्चात श्रीश्री के संस्था में शुभागमन का उल्लेख कर उनके आशीवार्द से मुंबई के टाटा कैंसर अस्पताल के पास शीघ्र ही रोज लगभग 8 हजार लोगों को सुबह शाम भोजन देने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि इस काम में कई लोगों का सहयोग भी है. बडा काम करने का मानस हैं. 18 वर्षो तक यह भोजनसेवा का प्रयत्न हैं. उन्होंने गुजरात में भूकंप दौरान 42 दिन वहां रहकर खिचडी तथा भोजन सेवा दिए जाने का भी उल्लेख किया. सामूहिक विवाह में 3100 जोडो के परिणय के आयोजन की जानकारी सदन में रखी और बताया कि पोेटे शिक्षा संस्थान में विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क सिंगापुर, हांगकांग, दुबई जैसे विदेशों की शैक्षणिक सहल करवाई जाती है. जिसे श्री श्री ने भगीरथ प्रयत्न के रूप में श्लाघनीय बतलाया.
* झलकियां
– कार्यक्रम भले ही एक घंटा विलंब से प्रारंभ हुआ किंतु लोग श्री श्री को देखने, सुनने उमडे थे और चाव से प्रतीक्षा कर रहे थे.
– श्री श्री ने पोटे के संबोधन पश्चात अपना अंगवस्त्रम और गुलाबफूल की माला प्रवीण पोटे को पहना दी.
– अनेक श्रध्दालुओं ने जूते चप्पल उतारकर श्री श्री को श्रध्दापूर्वक सुना.
– विद्यार्थियों ने श्री श्री की अनेक गुदगुदाती बातों पर जोरदार रिस्पॉन्स दिया. उनके उदाहरण विद्यार्थियों को बडे प्रभावित कर गये.
– श्री श्री के आगमन से पहले श्वानपथक और बम निरोधक दस्ते ने मंच और सभागार का सिक्युरिटी चेक किया.

 

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