केंद्र सरकार का भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष ने जताया विरोध
निषेध दिन के अवसर पर जिलाधिकारी को सौंपा निवेदन
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१४- भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष द्वारा केंद्र सरकार के विरोध में आज लोकसभा अधिवेशन के पहले दिन राष्ट्रीय स्तर से ग्रामीण स्तर तक आंदोलन कर निषेध व्यक्त करने का निर्णय लिया गया था. इस क्रम में आज शहर में भी निषेध दिन मनाया गया था. जिसमें जिलाधिकारी के मार्फत देश के महामहीम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) को निवेदन भिजवाया गया. निवेदन में कहा गया है कि, कोरोना महामारी काल में देश के बडे रसूकदार लोगों की ओर से निर्णय लेकर सर्वसामान्य जनता को संकट में डाल दिया गया. देश के करोडो लोगों ने लॉकडाउन में अपना रोजगार गंवा दिया. सरकार द्वारा गलत निर्णय लिए गए व पूर्व नियोजन न करते हुए लॉकडाउन कर दिया. जिसमें स्थालंतरित मजदूरों के लिए असंगठित कामगारों के लिए जीवन-मरण का प्रश्न उत्पन्न हुआ. देश में छायी बेराजगारी ने ५० वर्ष का रेकार्ड तोड दिया. ३ जून को किसानों के विरोध में तीन अध्यादेश भी पारित किए गए. यह अध्यादेश किसानों को गुलाम बनाने का षडंयत्र है.
साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष द्वारा यह भी कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बिगड चुकी है. रेलवे, बैंक, बीमा कंपनी, भारत पेट्रोलियम आदि कंपनियों का निजीकरण कर उन्हें उद्योगपतियों को एक के बाद एक बेचने का दौर शुरु है. स्वतंत्रता के पश्चात परिश्रम से खडी की गई सर्वाजनिक संपत्तियां उद्योपतियों को दी जा रही है. जिसकी वजह से आरक्षण अपने आप खत्म हो रहा है. सरकारी नौकरियों के अवसर भी खत्म होते दिखायी दे रहे है. शिक्षा का भी निजीकरण हो चुका है. लॉकडाउन काल में देश की जनता की मजबूरी का फायदा उठाकर उद्योगपति अंबानी की संपत्ति ३० फीसदी बढ गई है. जिसमें भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष द्वारा निषेध व्यक्त करते हुए सरकार से लॉकडाउन काल में दिए गए बिजली के बिल माफ करने, लेखक व सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया उन्हें रिहा करने व शांति व सुव्यवस्था बनाए रखने और किसान तथा खेतहर मजदूर, कामगार और सामान्य जनता को न्याय दिए जाने की भी मांग निवेदन द्वारा महामहीम राष्ट्रपति से की गई है. इस समय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पक्ष के जिला सचिव सुनील मेटकर, सहसचिव चंद्रकांत वडसकर, कॉ. सुनिल भटाले, कोषाध्यक्ष जे.एम. कोठारी, चंद्रकांत बानुबाकोड,नीलकंठ ढोके उपस्थित थे.